सरकार में अपना वर्चस्व दिखाने की इमाम अहमद बुखारी व आजम खां की प्रतिद्वंद्विता ने इस सरकार की कमजोरी पहले ही उजागर कर दी है। अब इसी कमजोरी की आड़ में मजहबी उन्मादी न केवल हिन्दू पर्व-त्योहारों पर सौहार्द को बिगाड़ने में लगे हैं, बल्कि हिन्दू आस्था से भी खिलवाड़ का षड्यंत्र रचा जा रहा है। अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि के साथ लगी भूमि पर मस्जिद बनाने की साजिश इस सरकार की मुस्लिमपरस्त राजनीति को ही हवा देने का परिणाम है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति पलोक बसु के माध्यम से इसकी रूपरेखा तैयार किया जाना यह साफ कर देता है, लेकिन अयोध्या का संत समाज जिस तरह इस षड्यंत्र के विरोध में उठ खड़ा हुआ है और विश्व हिन्दू परिषद के संरक्षक श्री अशोक सिंहल ने जिस तरह कठोर चेतावनी दी है, उससे इस सरकार को चेत जाना चाहिए कि यदि वह हिन्दू आस्थाओं से खिलवाड़ करके मुस्लिम तुष्टीकरण के रास्ते पर चलकर मजहबी उन्मादियों को खुली छूट देगी तो अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मारेगी।
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