मातृमण्डल सेवा भारती, पश्चिम उत्तर प्रदेश क्षेत्र की दो दिवसीय बैठकमां सेवा की प्रतिमूर्ति है-साध्वी ऋतम्भरा
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'प्रकृति और ईश्वर ने माताओं को त्याग, सेवा और वात्सल्य का गुण प्रदान किया है। माताएं सेवा की साक्षात प्रतिमा हैं और कहा जाए तो वे जीवन की धुरी हैं। मां सेवा की प्रतिमूर्ति है, उसके गुणों और समर्पण को वाणी से व्यक्त नहीं किया जा सकता, वरन् अनुभव किया जा सकता है'। उक्त विचार दीदी मां साध्वी ऋतंभरा ने गत दिनों मातृमण्डल सेवा भारती, पश्चिम उ.प्र. क्षेत्र की दो दिवसीय बैठक का उद्घाटन करते हुए व्यक्त किए।
साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि भारतीय संस्कृति में मां का समर्पण ही भोजन को प्रसाद बनाता है। ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देव मां के सामने नतमस्तक हुए हैं। परिवार में मां ही है जो बच्चों को परम्परा और संस्कृति का बोध कराती है। मां को इस प्रकार का स्वभाव प्रकृति और ईश्वर ने स्वयं दिया है। राष्ट्र के स्वाभिमान की बात आती है तो मां ही पहले समर्पण को आगे आती है और शहीदों की मां बन जाती है। जब इंसान छोटी-छाटी लालसाओं में जकड़ा रहता है तब तुलसी को महान तुलसीदास बनने को मां ही प्रेरित करती है। दूसरे के दर्द को सबसे अधिक मां ही समझ सकती है।
मातृशक्ति का आह्वान करते हुए साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि वह समान अनुभूति करते हुए सम्पूर्ण समाज को अपना परिवार मान कर सेवा करे। ईश्वर ने हमें सेवा के लिए चुना है। जब प्रभु हमको चुनते हैं तो शरीर कंचन और नंदनवन बन जाता है। निष्पक्षता, सत्यवादिता, सहानुभूति एवं लक्ष्य के प्रति दृढ़ता के आधार पर सच्ची सेवा की जा सकती है। दीदी मां ने कहा कि सेवा करते वक्त अपने पर भरोसा रखें। दूसरे आपके काम को कितनी प्रतिष्ठा देते हैं इसकी चिन्ता न करते हुए अपनी प्रसन्नता के लिए सेवा कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रतिष्ठा बाहर से मिलती है और प्रसन्नता अन्दर से। यदि आपने किसी की सेवा की तो उसकी प्रसन्नता का आभास स्वयं अन्दर से होता है, जबकि दूसरे क्या कहते हैं इसका विचार नहीं करना चाहिए।
दीदी मां ने कहा कि कार्यकर्ता के नाते सेवा करते हुए किसी से गलती हो जाए तो उसकी जिम्मेदारी स्वय लें। अपनी निष्ठा पर भरोसा रखो। इस अवसर पर क्षेत्र और अखिल भारतीय स्तर की बहनें एवं सेवा क्षेत्र के अ.भा. अधिकारी उपस्थित थे। प्रतिनिधि
देश सेवा को तैयार बहनें
गत 3 जून को राष्ट्र सेविका समिति की दिल्ली इकाई का 15 दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग हरिनगर में संपन्न हो गया। वर्ग में दिल्ली के कोने-कोने से आईं 136 सेविकाओं ने भाग लिया तथा प्रशिक्षण प्राप्त किया।
कार्यक्रम की मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित राष्ट्र सेविका समिति की अ.भा. सह कार्यवाहिका सुश्री अल्का ताई इनामदार ने संबोधित करते हुए कहा कि सेविकाओं ने वर्ग में अपना काम स्वयं करना ही नहीं, अपितु दूसरों की मदद करने की शिक्षा और सहजीवन का प्रशिक्षण भी पाया है। सेविकाओं ने सुबह-शाम दो-दो घंटे शारीरिक व्यायाम का भी प्रशिक्षण प्राप्त किया। उन्होंने कहा कि यह वर्ग का समापन तो है, परन्तु यहीं से अपने कार्य का यह आरम्भ है।
अल्का ताई ने कहा कि प्रशिक्षण वर्ग राष्ट्र सेविका समिति का कार्यक्रम नहीं होता, यह तो एक नैमित्तिक और अभी का प्रशिक्षण देने के लिए दिया गया अवसर होता है। समिति का कार्य तो शाखा से बढ़ता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजसेवी तथा पिंग पत्रिका की संपादक श्रीमती नीलम प्रताप रूड़ी सिंह ने की। इस अवसर पर राष्ट्र सेविका समिति की अ.भा. प्रमुख कार्यवाहिका सुश्री शांता अक्का भी उपस्थित थीं। समारोह में सेविकाओं ने विभिन्न प्रकार के शारीरिक कार्यक्रमों का प्रदर्शन किया। वर्ग में दिल्ली प्रान्त की प्रचारिका सुश्री पूनम पूरे समय उपस्थित रहीं। प्रतिनिधि
ऑकलैंड में हिन्दू सम्मेलन
सबको प्रभावित किया
हिन्दू कॉउंसिल ऑफ न्यूजीलैंड के तत्वावधान में पिछले दिनों ऑकलैंड में चौथे दो दिवसीय हिन्दू सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में न्यूजीलैंड के जातीय मामलों की मंत्री श्रीमती जूडिथ कोलिंस, विपक्ष के नेता श्री डेविड शियेरर, संसद सदस्य श्री कंवलजीत बक्शी, श्री सू'अ विलियम सियो और श्री मिलिसा ली विशेष रूप से उपस्थित थे। सम्मेलन के उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि संसद सदस्य श्री राजेन प्रसाद थे।
सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में डा. राजीव चतुर्वेदी ने हिन्दू-माओरी संबंधों पर चर्चा की। विश्व हिन्दू परिषद की श्रीमती अल्का ने न्यूजीलैंड के विद्यालयों में हिन्दू धर्म की शिक्षा देने की वकालत की। सम्मेलन में हिन्दू धर्म और संस्कृति से जुड़े अनेक विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई। जिनमें मंदिर, पर्व-त्योहार, हिन्दू संगठन आदि मुख्य रूप से थे। सम्मेलन ने यहां आए हर व्यक्ति को प्रभावित किया। सबकी जुबान पर सम्मेलन की प्रशंसा ही थी। सम्मेलन में उत्तरी द्वीप के अनेक हिन्दू संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। सम्मेलन का संयोजन हिन्दू युवाओं द्वारा किया गया, जिसमें सुश्री प्रीतिका शर्मा, कोमल शाह, ममता भीखा, नितिका शर्मा और आरती पटेल की भूमिका महत्वपूर्ण थी। प्रतिनिधि
रा.स्व.संघ का परिवार मिलन कार्यक्रम
साझा परिवार स्वस्थ जीवन का आधार
–डा. बी.पी. मिश्रा, प्रसिद्ध मनोचिकित्सक
प्रसिद्ध मनोचिकित्सक डा. बी.पी. मिश्रा ने कहा कि साझा परिवार स्वस्थ व सुखी जीवन का आधार है। वे गत दिनों रा.स्व.संघ के तत्वावधान में मलेरकोटला (पंजाब) में आयोजित परिवार मिलन समारोह के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे।
डा. मिश्रा ने कहा कि परिवार छोटे व विघटित हो रहे हैं उनमें असुरक्षा का वातावरण पैदा हो रहा है। इसी कारण समाज में तनाव, शुगर, हृदय रोग व अवसाद जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं। उन्होंने लोगों को दोबारा अपनी सांस्कृतिक विरासत को पहचान कर प्राचीन परंपराओं का पालन करने, निजी जीवन में नैतिकता अपनाने व अपने इष्ट की पूजा के साथ-साथ राष्ट्रदेव की आराधना करने का आह्वान किया और राष्ट्रसेवा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा किए जा रहे कार्यों को सराहा।
समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ता श्री रामगोपाल ने कहा कि आज केवल पंजाब की ही अदालतों में 30 हजार से अधिक तलाक के मुकदमे विचाराधीन हैं। शिक्षित युवाओं में आत्महत्या की प्रवृति बढ़ रही है। इसे रोकने के लिए हमें प्रतिदिन श्रीरामचरितमानस व गीता का अध्ययन करना चाहिए।
इस अवसर पर अंत्याक्षरी, प्रश्नोत्तरी, खेल व नृत्य के कार्यक्रम आयोजित हुए, जिन्होंने सबका मन मोह लिया। 114 परिवारों को श्रीरामचरितमानस, गीता की सी.डी. दी गई। समारोह में 110 परिवारों के 428 लोग सम्मिलित हुए, जिनमें माता-बहनों की संख्या अच्छी खासी रही। लगभग साढ़े चार घंटे चले इस कार्यक्रम में पूरा समय पंडाल भरा रहा। कार्यक्रम की अध्यक्षता पार्षद श्री केवल कृष्ण जिंदल ने की। प्रतिनिधि
रुपए में गिरावट के लिए अंतरराष्ट्रीय
मुद्रा का गोरखधंधा जिम्मेदार
भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सी.के. सजीनारायण ने कहा कि रुपए में गिरावट के पीछे अंतरराष्ट्रीय मुद्रा का गोरखधंधा जिम्मेदार है। वे गत दिनों केरल के कोच्चि में भारतीय मेडीकल एंड सेल्स रिप्रेसेंटेटिव एसोसिएशन के वार्षिक सम्मेलन के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। श्री सजीनारायण ने कहा कि प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री के पास रुपए की गिरावट से संबंधित कोई स्वीकार्य स्पष्टीकरण नहीं है। वित्तमंत्री द्वारा कहा जाना कि रुपए में गिरावट के लिए ग्रीक और यूरोप का संकट जिम्मेदार है, अजीब और अविश्वसनीय लगता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता बी.एम.एस.आर.ए. के अध्यक्ष श्री पी.एन. प्रसाद ने की। कार्यक्रम को भारतीय मजदूर संघ तथा बी.एम.एस.आर.ए. के कई पदाधिकारियों ने संबोधित किया। प्रतिनिधि
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