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पाथेय कण संस्थान का प्रथम “लोकमान्य तिलक सम्मान' वरिष्ठ पत्रकार श्याम आचार्य को
मीडिया का चरित्र सुधारने की जरूरत – राम बहादुर राय
मूल्य आधारित पत्रकारिता के लिए वरिष्ठ पत्रकारों के सम्मानार्थ प्रारम्भ किया गया पाथेय कण संस्थान का प्रथम “लोकमान्य तिलक सम्मान' वरिष्ठ पत्रकार श्री श्याम आचार्य को गत दिनों जयपुर में आयोजित एक समारोह में दिया गया। सम्मानस्वरूप उन्हें मानपत्र एवं एक लाख एक हजार रुपए की राशि भेंट की गई। साथ ही डूंगरपुर के पुनीत चतुर्वेदी
तथा जयपुर के आशीष पाराशर को नवोदित पत्रकार पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इन्हें पुरस्कार स्वरूप ग्यारह हजार रुपए एवं स्मृति चिह्न भेंट किया गया। इसके अलावा राजसमन्द जिले के आदर्श ग्राम पिपलान्त्री को जाग्रत ग्राम घोषित करके ग्राम के सरपंच श्री श्यामसुन्दर पालीवाल को भी सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार श्री राम बहादुर राय ने इस अवसर पर संबोधित करते हुए कहा कि आज की परिस्थिति में मीडिया मोटा हो गया है और रोग से ग्रसित हो गया है। मीडिया का चरित्र बदल गाया है। इसे सुधारने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि देश में 650 से अधिक न्यूज चैनल और 82 हजार पत्र-पत्रिकाएं पंजीकृत हैं। इनमें क्या छपता है, सबको पता है। बहुराष्ट्रीय कम्पनियों तथा सत्ता के खिलाफ लिखने वाले संस्थान गिने-चुने ही रह गये हैं। उन्होंने कहा कि अखबार वास्तव में नागरिकों की नैतिक सत्ता का न्यासी होता है। लेकिन समय के साथ- साथ अखबार मुनाफाखोरी और सत्ता की बाहें मरोड़ने वाला उपक्रम बन गया है।
श्री राय ने कहा कि चुनाव के समय खबरों के बेचने-खरीदने के साथ-साथ अब तो सामान्यत: संस्थानों की खरीद बिक्री भी हो रही है। मीडिया में विदेशी पूंजी का दखल बढ़ने से लोकतन्त्र के अस्तित्व पर संकट आने वाला है। उन्होंने कहा कि एक आपातकाल से तो देश 19 महीने के संघर्ष के बाद निकल गया, लेकिन मीडिया में बढ़ते विदेशी पूंजी के प्रभाव के कारण जो आपातकाल की स्थिति बनेगी उससे निकलने में लम्बा समय लगेगा। अमरीका की ब्लैक स्टोन कम्पनी के बारे में कई सनसनीखेज जानकारियां देते हुए उन्होंने देश के कई प्रमुख मीडिया संस्थानों की पोल खोली।
मीडिया पर एकाधिकार करने वाले समूहों को लोकतन्त्र के लिए खतरा बताते हुए उन्होंने कहा कि यह देश के नीति निर्माताओं को दबाने के लिए किया जा रहा है। वर्तमान समय में इन समस्याओं से निपटने के लिए तीसरे प्रेस आयोग का गठन होना आवश्यक है तथा लोकतांत्रिक चेतना के लिए प्रेस की स्वतंत्रता अर्थात विदेशी पूंजी के दबाव से मुक्ति बहुत जरूरी है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पाञ्चजन्य के सम्पादक श्री बल्देव भाई शर्मा ने कहा कि मीडिया की स्थिति वर्तमान में “घर को आग लगी, घर के चिराग से' वाली बनी हुई है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा का संकट केवल सीमाओं पर ही नहीं है, अपितु आंतरिक सुरक्षा से भी है। जिहादी आतंकवाद और चर्च द्वारा प्रेरित माओवादी नक्सलवाद देश के लिए बड़े खतरे हैं। लेकिन इन खतरों को मीडिया सेकुलर नजर से देखता है, जबकि हिन्दुत्व का विषय मीडिया की नजर में साम्प्रदायिक हो जाता है तथा प्रतिक्रियास्वरूप अन्य मतावलम्बियों के साथ होने वाली घटनाएं राष्ट्रीय शर्म का दर्जा पा लेती हैं और हिन्दुओं के उत्पीड़न पर मीडिया मौन रहता है।
उन्होंने कहा कि मीडिया को नकारात्मकता से हटा कर राष्ट्रवाद तथा सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ देश के नव निर्माण की ओर मोड़ना होगा।
पाथेय कण संस्थान के अध्यक्ष श्री पुरुषोत्तम लाल चतुर्वेदी ने पाथेय कण की विकास यात्रा की जानकारी दी तथा पाथेय कण के संपादक श्री कन्हैयालाल चतुर्वेदी ने आगंतुकों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में जयपुर बम धमाकों में मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन भी रखा गया।
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