पाठकीय l18 मार्च,2012
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पाठकीय
l18 मार्च,2012
20 करोड़ से भी अधिक आबादी वाले प्रान्त उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी सत्ता पर काबिज हो गयी है। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही अखिलेश यादव ने फरमान जारी किया कि प्रत्येक मुस्लिम छात्रा को इण्टर पास करने पर तीस हजार रुपए दिये जायेंगे। सिर्फ मुस्लिम छात्राओं को ही यह 'खैरात' क्यों? इसे खैरात ही मानें। यह मदद होती तो सभी छात्राओं को दी जाती। आश्चर्य तो यह है कि जो लोग मजहब की राजनीति करते हैं, मजहब के आधार पर पूरे समाज को बांटते हैं, वे अपने आपको सेकुलर कहते हैं। जो उनकी इन कुकर्मों का विरोध करते हैं, उन्हें तुरन्त साम्प्रदायिक कह दिया जाता है। भाजपा के साथ यही हो रहा है। कल्पना करें कि अगर भाजपा उत्तर प्रदेश में अपनी सरकार बनाने में कामयाब हो जाती और प्रत्येक हिन्दू कन्या को इण्टर पास करने पर तीस हजार रु. देने की इसी प्रकार घोषणा करती तो इन्हीं सेकुलरों द्वारा कैसा बवंडर पूरे भारत में मचाया जाता। उनकी नजर में भाजपा और भाजपा वाले कितने साम्प्रदायिक हो जाते? लेकिन खुलेआम मजहबी राजनीति कर उत्तर प्रदेश में सपा सरकार की हरकतों ने पहले ही झटके में लोकतंत्र की टांग तोड़ दी है। सपा सरकार के मंत्रियों और विधायकों ने जिस प्रकार से अपने विजयी महोत्सव किये हैं उनमें होने वाला हुड़दंग, आतिशबाजी, हवाई फायरिंग आदि आम जनता को डराने के लिए पर्याप्त हैं। अगली कड़ी में अगर मुस्लिमों को अठारह प्रतिशत आरक्षण देने में यह सरकार कामयाब हो जाती है तो फिर यह प्रदेश 'मुस्लिम प्रदेश' ही बन जाएगा। अठारह प्रतिशत मुसलमान जब प्रशासन में होंगे तो वे इस्लाम का राज चाहेंगे। वे शरीयत के अनुसार काम करना चाहेंगे। तब मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को भी शायद अपना पद छोड़ना पड़े किसी मुस्लिम मुख्यमंत्री के लिए!
–कुमुद कुमार
ए-5, आदर्श नगर, नजीबाबाद, जनपद–बिजनौर-246763 (उ.प्र.)
अमरनाथ यात्रा का समय घटाना निंदनीय
जम्मू–कश्मीर सरकार ने श्री अमरनाथ यात्रा का समय घटा दिया है। इससे पूरे देश में और धार्मिक समाज में गहरा रोष है। हिन्दू धर्म गुरुओं का यह अधिकार है कि वे तय करें कि यह यात्रा कब होगी तथा कितने दिनों के लिए होगी। इस यात्रा के लिए सरकार यात्रियों को कोई सहायता नहीं देती। अपने खर्च पर लोग जाते हैं। बहुत सी धार्मिक संस्थाएं वहां लंगर लगाकर यात्रियों को भोजन एवं टेंट आदि की सुविधा देती हैं। कश्मीर के लोगों को अमरनाथ यात्रा से आर्थिक लाभ होता है, सरकार को 'कर' मिलता है। इसके बाद भी कश्मीर सरकार यह यात्रा रोकना चाहती है, जिससे उनकी नीयत स्पष्ट हो जाती है। चाहिए तो यह कि भारत सरकार इन यात्रियों को वे सभी सुविधाएं दे जो हज यात्रा के लिए देती है। यह सब देना तो दूर रहा, अपने खर्च और अपने साधनों से जाने की आज्ञा भी अगर जम्मू–कश्मीर सरकार नहीं देती तो पूरे भारत में इसका विरोध होगा और लोग जब तक उचित समझेंगे यह यात्रा करेंगे। अच्छा हो कि हमारे प्रमुख धर्म गुरु और सभी शंकराचार्य जम्मू–कश्मीर में रहें तथा यात्रियों की सुविधा, सेवा का प्रबंध करें।
–लक्ष्मीकांता चावला
अमृतसर (पंजाब)
कांग्रेसी हथकंडे को समझने लगा है आम आदमी
आवरण कथा 'राहुल ने डुबाई सोनिया पार्टी' में हालिया चुनावों में कांग्रेस की हार का बिल्कुल सही आकलन प्रस्तुत किया गया है। देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के 'युवराज' राहुल गांधी की दांव पर लगी साख को बचाने के उद्देश्य से जिस तरह कांग्रेस के चाटुकारों ने साम-दाम-दंड-भेद प्रत्येक हथकंडे को अपनाया उसे अब आम आदमी अच्छी तरह समझने लगा है। यही कारण है कि कांग्रेस के गढ़ समझे जाने वाले रायबरेली, अमेठी और सुल्तानपुर में भी कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ी।
–आर.सी. गुप्ता
द्वितीय ए-201, नेहरू नगर, गाजियाबाद-201001 (उ.प्र.)
n पांच राज्यों के चुनाव-परिणाम भाजपा के लिए चिन्तन का विषय होने चाहिए। गोवा को छोड़कर बाकी सभी जगह भाजपा की कमजोरी खुलकर सामने आ गई है। यह समझ नहीं आता कि भाजपा सांस्कृतिक राष्ट्रवाद पर ईमानदारी से क्यों नहीं चल रही है?
–विष्णु चौपदार
ग्राम–खैराबाद, जिला–कोटा-326519 (राजस्थान)
n {ɽþ±Éä मीडिया में ऐसे समाचार आते थे कि भाजपा में गुटबाजी चरम पर है। हाल के चुनावों में भाजपा की यह गुटबाजी आम लोगों ने भी महसूस की। इसी का परिणाम भाजपा को भुगतना पड़ रहा है। देशहित में यही है कि भाजपा में गुटबाजी तुरन्त बन्द हो और सभी नेता जनता के बीच रहकर कड़ी मेहनत करें।
–दिनेश गुप्ता
कृष्णगंज, पिलखुवा, गाजियाबाद (उ.प्र.)
n ºÉ¨{ÉÉnùEòÒªÉ 'विधानसभा चुनावों में उभरते संकेत' में भाजपा नेतृत्व को दी गई सलाह अच्छी लगी। सच में भाजपा नेतृत्व को जितनी जल्दी हो इस बात पर गौर करना चाहिए कि मतदाता उससे दूर क्यों हो रहे हैं? भाजपा को 2014 के आम चुनाव के लिए दिन-रात एक करना होगा।
–वीरेन्द्र सिंह जरयाल
28-ए, शिवपुरी विस्तार, कृष्ण नगर दिल्ली-110051
n राष्ट्रीय दलों को यह चिन्तन करना पड़ेगा कि क्षेत्रीय दल उनसे आगे किन कारणों से बढ़ रहे हैं? लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि है। वह जिसे चाहे उसी को सत्ता दे दे। पर हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि यदि केन्द्र में एक मजबूत सरकार नहीं रहेगी तो राष्ट्रहित बाधित होगा। गठबंधन सरकार राष्ट्र के साथ न्याय नहीं कर पाती है। इसका जीता-जागता उदाहरण सोनिया-मनमोहन सरकार है।
–हरिहर सिंह चौहान
जंवरीबाग नसिया, इन्दौर-452001 (म.प्र.)
n näù¶É में दो बड़े राजनीतिक दल हैं- भाजपा और कांग्रेस। अधिकांश राज्यों में इन्हीं दोनों की सरकारें हैं। कहीं इनकी अपनी सरकारें हैं, तो कहीं ये अपने सहयोगियों को समर्थन दे रही हैं। किन्तु कांग्रेस की लोकप्रियता तेजी से कम हो रही है। भाजपा नेतृत्व इस माहौल को अपने अनुकूल करने का प्रयास करे और पूरे देश में लोगों को लगे कि भाजपा बड़ी मजबूती के साथ कांग्रेस का विकल्प बन रही है।
–उदय कमल मिश्र
गांधी विद्यालय के समीप, सीधी-486661 (म.प्र.)
n IÉäjÉÒªÉ राजनीतिक दल तेजी से उभर रहे हैं। इसके कई कारण हैं। लोगों को लगता है कि क्षेत्रीय नेता सरकार चलाएंगे तो उनका काम आसानी से हो जाएगा। पर इसके दुष्परिणाम भी कम नहीं हैं। ममता बनर्जी ने अपनी पार्टी के दिनेश त्रिवेदी को रेल मंत्री की कुर्सी छोड़ने के लिए किस प्रकार का दबाव डाला, यह हम सब जानते हैं। क्षेत्रीय दलों के उभार से ऐसी परेशानियां आगे भी आती रहेंगी।
–हरेन्द्र प्रसाद साहा
नया टोला, कटिहार-854105 (बिहार)
n इसे कांग्रेस की नाकामी कहें या उस खानदान की नाकामी, जिस खानदान के बिना हिन्दुस्थान के सारे कांग्रेसी नेता अपने को असहाय व बेवजूद समझते हैं। अब समय आ गया है कि जब कांग्रेस को यथार्थ से रूबरू होना चाहिए और अपने को एक खानदान विशेष की जागीर न समझे। वोट बैंक की राजनीति भी बंद कर देनी चाहिए। शहीदों की शहादत पर प्रश्न लगाने और आतंकवादियों के मरने पर आंसू बहाने से वोट नहीं मिलते, बल्कि ऐसे नेता वोटर व समाज की नजरों से गिर जाते हैं। अब जनता को झूठे और खोखले नारों या वादों से बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता है। जनता अब जाग चुकी है।
–राजेन्द्र प्रसाद गोयल
बल्लभगढ़, फरीदाबाद (हरियाणा)
भविष्य के साथ खिलवाड़
मंथन में श्री देवेन्द्र स्वरूप के लेख 'वंशवाद हारा, कट्टरवाद जीता, राष्ट्रवाद ओझल' से नवीन जानकारियां हासिल हुईं। सत्तालोलुप पार्टियां निश्चित ही देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही हैं। मजहबी आरक्षण का देश के उत्थान से कोई लेना-देना नहीं है, हां इससे देश जरूर कमजोर हो रहा है। सरकार को देश का विकास, आर्थिक व शैक्षिक स्थिति सुदृढ़ कैसे हो, इस पर ध्यान देना चाहिए।
–अंजनी कुमार श्रीवास्तव 'भैया जी'
117/क्यू/35, एलआईसी सोसाइटी कालोनी, शारदा नगर कानपुर-208025 (उ.प्र.)
अमरनाथ यात्रा की अवधि बढ़े
श्री अमरनाथ यात्रा की अवधि में कटौती की सूचना से पूरा हिन्दू समाज क्षुब्ध है, आश्चर्यचकित है। उमर अब्दुल्ला सरकार द्वारा बार-बार किसी न किसी बहाने इस पवित्र यात्रा में विघ्न पैदा किया जा रहा है। हिन्दुओं के ही प्रसिद्ध मन्दिरों पर सरकार का नियंत्रण और दूसरे मजहबों के किसी भी स्थान पर किसी तरह की पाबंदी से दूर रहना, यह स्पष्ट करता है कि सरकार की मानसिकता क्या है। भारत को एकता के सूत्र में बांधे रखने का कार्य देश के कोने-कोने में स्थित पवित्र स्थल ही कर रहे हैं। यह बात नेता क्यों भूल रहे हैं? आबादी बढ़ती जा रही है। स्वाभाविक है तीर्थस्थलों में भी बड़ी संख्या में लोग जाने लगे हैं। इसको देखते हुए अमरनाथ यात्रा की अवधि बढ़ानी चाहिए।
–क्षत्रिय देवलाल
उज्जैन कुटीर, अड्डी बंगला, झुमरी तलेया,
कोडरमा-825409 (झारखण्ड)
पञ्चांग
वि.सं.2069 तिथि वार ई. सन् 2012
वैशाख कृष्ण 9 रवि 15 अप्रैल, 2012
” ” 10 सोम 16 ” “
” ” 11 मंगल 17 ” “
” ” 12 बुध 18 ” “
” ” 13 गुरु 19 ” “
” ” 14 शुक्र 20 ” “
वैशाख अमावस्या शनि 21 ” “
खोलो लोकतंत्र का द्वार
लोकतंत्र है दे रहा, दस्तक खोलो द्वार
सू की के नेतृत्व में, म्यामां है तैयार।
म्यामां है तैयार, बहुत है लेकिन दूरी
जनता की अभिलाषा, कैसे होगी पूरी?
कह 'प्रशांत' है दुर्गम यह माहौल बदलना
सेना से संतुलन बनाकर होगा चलना।।
-प्रशांत
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