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दिल्ली में अभाविप का 57वां राष्ट्रीय अधिवेशन
युवा भारत का आह्वान
तरुण सिसोदिया
मनन चतुर्वेदी प्रो. यशवंत राव केलकर युवा पुरस्कार से सम्मानित
देश के समाने लगातार आ रहे भ्रष्टाचार के प्रकरणों से चिंतित युवाओं ने इसे पूरी तरह से समाप्त करने का संकल्प लिया है। गत 4-6 जनवरी को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में सम्पन्न हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 57वें राष्ट्रीय अधिवेशन में देशभर से आए छात्रों ने यह संकल्प लिया।
अधिवेशन के समापन पर भ्रष्टाचार के संबंध में पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि भ्रष्टाचार का दानव देश की जड़ों को खोखला कर रहा है। वर्तमान संप्रग सरकार के शासन में भ्रष्टाचार के मामलों की झड़ी लग गई है। देश का सामान्यजन भ्रष्टाचार, जो उसके दैनिक जीवन को दुष्कर बना चुका है, से त्रस्त होकर सड़कों पर उतर आया है। लेकिन केन्द्र की निर्लज्ज सरकार भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध ठोस कार्रवाई करने के बजाय, भ्रष्टाचारियों को बचाने व भ्रष्टाचार के विरुद्ध उठने वाली आवाजों को लोकतांत्रिक और मानवीय मूल्यों को ताक पर रखकर बर्बरतापूर्वक कुचलने का काम कर रही है।
प्रस्ताव के जरिए अभाविप ने गृहमंत्री पी. चिदंबरम् को टूजी स्पेक्ट्रम घोटाले में अभियुक्त बनाने व मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर गिरफ्तार किए जाने की मांग की है। साथ ही भ्रष्टाचार के मामलों में केंद्र सरकार की निष्क्रियता की भर्त्सना करते हुए सभी मामलों में त्वरित कार्रवाई करने को कहा है। प्रस्ताव में भ्रष्टाचार के विरुद्ध चल रहे विभिन्न आंदोलनों के नेतृत्व का आह्वान करते हुए अभाविप ने कहा है कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध काम कर रहीं सभी शक्तियां एक मंच पर आकर एक साथ आंदोलन करके भ्रष्टाचार व भ्रष्टाचारियों को निर्लज्जता पूर्वक संरक्षण देने वाली वर्तमान केंद्र सरकार को जड़ से उखाड़ फेंके। अधिवेशन में देश की वर्तमान स्थिति, वर्तमान शैक्षिक परिदृश्य, चीन समस्या आदि से संबंधित प्रस्ताव भी पारित हुए।
अधिवेशन का उद्घाटन 4 जनवरी को सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर.सी. लाहोटी ने किया। इस अवसर पर जयपुर की युवा समाजसेवी श्रीमती मनन चतुर्वेदी को समाज सेवा में उत्कृष्ट योगदान के लिए 'प्रो. यशवंत राव केलकर युवा पुरस्कार' से सम्मानित किया गया। सम्मान स्वरूप उन्हें प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिह्न तथा पचास हजार रुपए दिए गए।
न्यायमूति लाहोटी ने अपने संबोधन में कहा कि संस्कार, संस्कृति और भाषा (संस्कृत) इन तीनों में सभी समस्याओं का समाधान है। इसलिए इन तीनों की पुनर्स्थापना आवश्यक है। हम और बातों पर विचार करने के साथ-साथ इन बातों पर भी जरूर चिंतन करें। उन्होंने कहा कि आजादी के 65 साल बाद भी संविधान में लोगों के लिए वर्णित समानता, स्वतंत्रता जैसे अधिकार नहीं मिल सके हैं। यह बहुत चिंता की बात है।
गीता और गांधी पर बोलते हुए न्यायमूर्ति लाहोटी ने कहा कि जब तक गीता और गांधी की पुनर्स्थापना नहीं होगी, तब तक देश विश्वगुरु नहीं बन सकेगा। इसलिए गीता और गांधी के विचारों के प्रचार की महती आवश्यकता है।
अभाविप के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. मिलिंद मराठे ने कहा कि परिषद ने विद्यार्थी की भूमिका को विशिष्ट रूप में रखा है। परिष्द ने विद्यार्थी को कल का नागरिक नहीं, बल्कि आज का नागरिक कहा है। इसलिए छात्र के कंधे पर दो दायित्व हैं- एक छात्र का और दूसरा नागरिक का। उन्होंने कहा कि समय-समय पर देशहित से जुड़े मुद्दों पर आंदोलन खड़ा करके देश को जागरूक करने का महत्वपूर्ण कार्य विद्यार्थी परिषद लगातार करती आई है। वर्तमान में जब हर ओर भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों के चलते निराशा व्याप्त है, ऐसे में परिषद् द्वारा भ्रष्टाचार के विरुद्ध खड़े किए गए आंदोलन से आशा जगी है।
कार्यक्रम के स्वागताध्यक्ष एवं दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल श्री विजय कपूर ने देशभर से आए अभाविप के प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए कहा कि पर्यावरण भी बचा रहे और विकास भी हो, इस विषय पर विचार करने की बहुत जरूरत है। कार्यक्रम का संचालन अधिवेशन की संयोजिका डा. पायल मग्गो ने किया। इस अवसर पर रा.स्व.संघ के सह सरकार्यवाह श्री सुरेश सोनी, श्री दत्तात्रेय होसबले, अभाविप के महामंत्री श्री उमेश दत्त एवं संगठन मंत्री श्री सुनील अंबेकर विशेष रूप से उपस्थित थे।
अधिवेशन के दूसरे दिन छात्रों को श्री सुरेश सोनी, श्री सुनील अंबेकर, श्री सुनील बंसल, भाजपा नेता श्री रविशंकर प्रसाद, श्री बाल आप्टे आदि ने भी संबोधित किया। प्रतिनिधि
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