पाठकीयअंक-सन्दर्भ 9 अक्तूबर,2011
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सत्ता में रहने का अधिकार नहीं
आवरण कथा के अन्तर्गत कमलेश सिंह की रपट “खुल गई पोल” बताती है कि केन्द्र सरकार पी. चिदम्बरम को जानबूझकर बचा रही है। सरकार को लग रहा है कि यदि चिदम्बरम 2 जी की चपेट में आ गए तो सरकार के अस्तित्व पर ही संकट खड़ा हो जाएगा। इसलिए वह निर्लज्ज्ता की सारी सीमाओं को लांघ रही है।
-गणेश कुमार
कंकड़बाग, पटना (बिहार)
आवरण कथा के साथ प्रकाशित व्यंग्य-चित्र अच्छा लगा। यदि कांग्रेस चिदम्बरम को नहीं बचाएगी तो 2 जी घोटाले की चपेट में सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह भी आ जाएंगे। पूरी सरकार भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी हुई है। भ्रष्टाचार से लोगों का ध्यान हटाने के लिए सरकार विपक्ष पर आरोप लगा रही है कि विपक्ष सत्ता पाने के लिए सरकार को गिराने का षड्यंत्र रच रहा है।
-प्रमोद प्रभाकर वालसंगकर
घर सं. 1-10-81, रोड नं.- 8 बी, द्वारकापुरम, दिलसुखनगर, हैदराबाद-500060 (आं.प्र.)
बेतुकी बातें
योजना आयोग की दलील है कि शहर में 32 रु. और गांव में 26 रु. प्रतिदिन खर्च करने वाले गरीब नहीं हैं। किस आधार पर ऐसी बेतुकी बातें की जा रही हैं? प्रधानमंत्री से निवेदन है कि वे योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोटेंक सिंह अहलूवालिया से कहें कि आप एक दिन 32 रु. नहीं 50 रु. में जीकर दिखाएं। आजकल शहर में 32 रु. में एक समय का खाना भी नहीं खाया जा सकता है।
-डा. वीरेन्द्र सिंह बिष्ट
टनकपुर (उत्तराखण्ड)
नए स्तम्भ के लिए साधुवाद!
पाञ्चजन्य में स्वास्थ्य पर नया स्तम्भ शुरू करने के लिए साधुवाद! इस स्तम्भ में साफ, सुन्दर एवं सेवा की छवि वाले डा. हर्षवर्धन के अनुभवों से पाठकों को अवश्य लाभ होगा। बहुत से ऐसे रोगी हैं, जिन्हें उचित चिकित्सकीय सलाह की आवश्यकता रहती है। उम्मीद है पाञ्चजन्य के माध्यम से ऐसे रोगियों को डा. हर्षवर्धन की सलाह मिलेगी।
-शेखरानन्द शिखर
60, मृत्युंजय आश्रम, अमरकंटक (म.प्र.)
सावधानी की आवश्यकता
चीन के विस्तारवादी कदम से भारत को हर क्षण सावधान रहने की आवश्यकता है। पाक अधिकृत कश्मीर, जो भारत का अभिन्न अंग माना जाता है, वह अब चीन के कब्जे में हो गया है, यह एक चिन्ता का विषय बन गया है। आजादी के बाद से सहनशीलता, उदारता,गांधी-बुद्ध का चरित्र जैसा अपने को बनाकर दुनिया को एक शांत देश के रूप में भारत को प्रस्तुत करते रहे, जिसका परिणाम पूर्व में 1962 में चीनी आक्रमण के रूप में भोग चुके हैं। किन्तु फिर भी नहीं चेते और न ही चीन की तरह अपने को शक्तिशाली बना सके। इस कारण आने वाले समय में भयानक चुनौतियों का संभवत: सामना करना पड़ जाए। अब भी समय है, चीन के विस्तारवादी कदम को रोकने के लिए उसे अन्तरराष्ट्रीय मंच पर घेरने की योजना बननी चाहिए और दुनिया को यह बताना चाहिए कि तिब्बत पर नाजायज कब्जा बनाकर चीन ने अन्तरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन किया है।
-राकेश चन्द्र वर्मा
मातृछाया, लालदरवाजा, मुंगेर (बिहार)
परिवर्तन की आस
स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् अपनाई गई शासन व्यवस्था ने भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों एवं परम्पराओं को गहरा आघात पहुंचाया। इसी भ्रष्ट व्यवस्था के विरुद्ध बाबा रामदेव और अण्णा हजारे के जन-जागरण के परिणामस्वरूप भारतीय जनमानस सार्थक परिवर्तन की आशा में एकजुट होकर उठ खड़ा हुआ है। कांग्रेसनीत केन्द्र सरकार द्वारा इन जन आन्दोलनों पर लगाए गए तथ्यहीन आरोपों के बावजूद राष्ट्रभक्ति का भाव हृदयों में लिए लाखों देशभक्त सड़कों पर उतर आए हैं।
-विक्रम सिंह
15/92, मोहल्ला जोगियों वाला, घरौंडा करनाल-132114 (हरियाणा)
स्त्री शिक्षा नि:शुल्क हो
आंगन की तुलसी स्तम्भ में महिलाओं की प्रगति, उपलब्धि, यश, समस्या आदि पढ़ने को मिल रही है। इस स्तम्भ को प्रारंभ कर पाञ्चजन्य परिवार ने महिलाओं को भरोसा दिलाया है कि उनकी उपेक्षा नहीं की जाएगी। मैं जानती हूं कि लड़कियों का उच्च शिक्षा ग्रहण करना कितना कठिन कार्य है। पर यह सुखद बात है कि सारी कठिनाइयों को दरकिनार कर हमारी बहनें हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। मेरा विचार है कि भारत में स्त्री शिक्षा नि:शुल्क कर देनी चाहिए।
-उषा ठाकुर
115-सी, संगम नगर
इन्दौर (उ.प्र.)
अंक-सन्दर्भ थ्2 अक्तूबर,2011
आवरण कथा “मर जाएंगे, पर पाकिस्तान नहीं जाएंगे” में श्री अरुण कुमार सिंह ने पाकिस्तानी हिन्दुओं पर किए जा रहे अत्याचारों का जो वर्णन किया है वह हृदय-विदारक है। 1947 में ही बाबा साहब अम्बेडकर ने हर हिन्दू को सलाह दी थी कि वे किसी भी सूरत में भारत आ जाएं। किन्तु ऐसा नहीं हुआ। लोग अपनी जन्मभूमि को छोड़ने के लिए तैयार नहीं हुए। आज वे पछता रहे हैं। भारत में भी उनकी आवाज उठाने वाला कोई नहीं दिख रहा है।
-क्षत्रिय देवलाल
उज्जैन कुटीर, अड्डी बंगला, झुमरी तलैया कोडरमा-825409 (झारखण्ड)
द पाकिस्तानी हिन्दुओं के दर्द को जानकर रोंगटे खड़े हो गए। आज वहां के हिन्दुओं की यह हालत हो गई है कि वे यह कहने को मजबूर हो रहे हैं कि मर जाएंगे, पर पाकिस्तान नहीं जाएंगे। पाकिस्तान तो 1947 से ही भारत को चैन से नहीं रहने दे रहा है। इस हालत में भला वहां के हिन्दुओं को कैसे बर्दाश्त कर सकता है?
-लक्ष्मीचन्द
गांव-बांध, डाक-भावगड़ी, तहसील-कसौली जिला- सोलन-178233 (हि.प्र.)
द बड़ी पीड़ा होती है कि पाकिस्तान में हिन्दुओं को हिन्दू के नाते जीने का भी अधिकार नहीं है। हिन्दू बच्चों को इस्लामी शिक्षा दी जाती है। हिन्दुओं को जबरन इस्लाम कबूलवाया जाता है। मानवता तो उस समय चीत्कार उठती है जब किसी मृत हिन्दू का अन्तिम-संस्कार नहीं करने दिया जाता है।
-हरेन्द्र प्रसाद साह
नया टोला, कटिहार-854105 (बिहार)
द मानवाधिकार संगठन जब पूरी दुनिया में हो रहे अत्याचारों पर नजर रखते हैं, तो फिर उन्हें पाकिस्तानी हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार क्यों नहीं दिखते हैं? भारतीय मानवाधिकारवादी भी पाकिस्तानी हिन्दुओं को लेकर खामोश क्यों हैं? क्या हिन्दू मानव नहीं हैं, उन्हें मानव के नाते जीने का अधिकार नहीं है? पाकिस्तानी शासक भी अपने यहां के हिन्दुओं की चिन्ता नहीं करते हैं।
-मनोहर “मंजुल”
पिपल्या-बुजुर्ग, पश्चिम निमाड़-451225 (म.प्र.)
द भारत सरकार सहित भारतीय सेकुलर फिलीस्तीन, चेचन्या, बोस्निया के मुस्लिमों पर होने वाले कथित अत्याचारों पर बेचैन हो जाते हैं। किन्तु पाकिस्तानी हिन्दुओं के लिए न तो भारत सरकार कुछ बोल रही है और न ही यहां के स्वयंभू सेकुलर। भारत सरकार ने तो कभी भी पाकिस्तान से यह नहीं कहा कि हिन्दुओं का थोड़ा भी ख्याल रखो।
-बी.एल. सचदेवा
263, आई.एन.ए. मार्केट, नई दिल्ली-110023
द्विराष्ट्रवाद की मानसिकता
श्री देवेन्द्र स्वरूप ने अपने लेख “गोपालगढ़ से महबूबा मुफ्ती तक” में गोपालगढ़ के दंगों की पृष्ठभूमि बताई है। जिन मुसलमानों ने खण्डित भारत में रहने का निर्णय लिया, उन्होंने द्विराष्ट्रवाद की मानसिकता से निकलकर राष्ट्र की मुख्यधारा में समरस होने का प्रयास नहीं किया। इस कारण समय-समय पर कई तरह की समस्याएं पैदा होती रहती हैं। मुस्लिम अपने मजहब का पालन पूरी निष्ठा के साथ करें, पर भारत की सदियों पुरानी परम्परा और संस्कृति का भी ख्याल रखें।
-उदय कमल मिश्र
सामाजिक चेतना उत्कर्ष समिति
सीधी-486661 (म.प्र.)
राष्ट्रघाती खेल
शशि सिंह की रपट “अब मुस्लिम आरक्षण का लालच” का सार यह है कि सत्ता के लिए सेकुलर नेता समाज को खण्ड-खण्ड कर देंगे। ये लोग मुस्लिम समाज को राष्ट्रीय धारा से अलग-थलग करने का राष्ट्रघाती खेल खेल रहे हैं। आरक्षण के आवरण में तुष्टीकरण रूपी जहरीले शस्त्र की धार तेज की जा रही है। इसके दूरगामी दुष्परिणाम होंगे।
-ठाकुर सूर्यप्रताप सिंह सोनगरा
कांडरवासा, रतलाम-457222 (म.प्र.)
भूकंप की विनाशलीला
श्री आलोक गोस्वामी की रपट “थर्राती धरती का संकेत” अच्छी लगी। सिक्किम तथा नेपाल सीमा पर स्थित केन्द्र बिन्दु से उठे इस भूचाल ने लगभग आधे भारत को अपनी भयंकर लपेट में ले लिया। सिक्किम, उत्तर बंगाल तथा नेपाल में जन-धन की असीम हानि हुई। सैकड़ों जन काल-कवलित हुए। देश के अन्य भाग में लाखों भवन चटक-दरक गए, भूक्षरण से सड़कें धंस गईं, यातायात अवरुद्ध होने से राहत कार्य में बाधा आई। दूरसंचार, जलापूर्ति, विद्युत वितरण व्यवस्था छिन्न-भिन्न हो गई। किन्तु हमारी सेना ने प्राणपण से पीड़ितों की सहायता, मौसम के थपेड़े सहकर भी दिन-रात की। प्रकृति से अंधाधुंध छोड़छाड़ एवं दोहन भी दैवीय प्रकोप का प्रमुख कारण है किंवा ऐसा विकास भी विनाश को बुलावा है। देशवासी अपनी सुरक्षा हेतु इस ओर भी विशेष ध्यान दें। भूकंपरोधी भवनों का निर्माण हो, बहुमंजिला भवनों पर कारगर अंकुश लगना अत्यावश्यक है।
-राम सहाय जोशी
28, आहलूवालिया बिÏल्डग
अम्बाला छावनी (हरियाणा)
पञ्चांग
वि.सं.2068 तिथि वार ई. सन् 2011
कार्तिक शुक्ल 11 रवि 6 नवम्बर, 2011
“” “” 12 सोम 7 “” “”
“” “” 13 मंगल 8 “” “”
“” “” 14 बुध 9 “” “”
कार्तिक पूर्णिमा गुरु 10 “” “”
(गुरुनानक जयन्ती)
मार्गशीर्ष कृष्ण 1 शुक्र 11 “” “”
“” “” 2 शनि 12 “” “”
यही होता है अंजाम
तानाशाहों का यही, होता है अंजाम
किस गोली पर हो लिखा, जाने उनका नाम।
जाने उनका नाम, किसी को पता नहीं है
गद्दाफी से पूछो, जिसका दोष यही है।
है “प्रशांत” संघर्ष तेल के कारण सारा
भड़केगी यह आग, करेगी जग अंधियारा।।
-प्रशांत
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