|
नई दिल्ली 12 अक्तूबर, 2011। महर्षि वाल्मीकि की जयन्ती के अवसर पर विश्व हिन्दू परिषद दिल्ली ने एक विशाल शोभा यात्रा निकाल कर पश्चिमी दिल्ली में एक भण्डारे का आयोजन भी किया। इसमें समाज के हर वर्ग के लोगों ने भाग लिया। इस अवसर पर विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री ओम प्रकाश सिंहल ने आदि कवि महर्षि वाल्मीकि को दुनिया का प्रथम काव्य रचनाकार बताते हुए कहा कि भगवान श्रीराम उनके रोम-रोम में बसे थे। महर्षि वाल्मीकि ने रामायण के माध्यम से दुनिया को न सिर्फ जीवन की विविध मर्यादाओं से परिचित कराया वल्कि हमारे विविध मत पंथ संप्रदायों के मध्य समरसता का भाव जाग्रत कर पूरे भारत को एक सूत्र में पिरोया। शोभा यात्रा प्रात: 10 बजे पश्चिमी दिल्ली के उत्तम नगर स्थित श्री सनातन धर्म मन्दिर मंगल बाजार से प्रारम्भ होकर क्षेत्र के विविध बाजारों व बस्तियों से होती हुई दोपहर 2 बजे वाल्मीकि वस्ती खेड़ा कालोनी स्थित डीडीए पार्क में एक सभा में परिवर्तित हुई जहां एक भण्डारे का आयोजन भी किया गया। शोभा यात्रा के मार्ग तथा सभा स्थल पर ब्राह्मण समाज, जैन समाज, अग्रवाल समाज तथा बौद्ध समाज के लोगों द्वारा वाल्मीकि समाज के लोगों का सम्मान भी किया गया।
मुख्य अतिथि के रूप में सभा को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग संघ चालक डा. ओमप्रकाश पाहूजा ने कहा कि महर्षि जी ने समाज में सहोदर का जो भाव जगाया उसे आज और बलबती करने की आवश्यकता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वाल्मीकि समाज के अध्यक्ष श्री राजेन्द्र सिंह ने कहा कि विहिप द्वारा आयोजित की गई शोभा यात्रा, सभा व भण्डारे ने हम सभी का मस्तक गर्व से ऊंचा कर दिया है। उन्होंने कहा कि यहां पर देश के विविध मत पंथ, संप्रदायों की सामूहिक उपस्थिति व कार्यक्रम में सफल सहभागिता देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी। द प्रतिनिधि
टिप्पणियाँ