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प्रतिभाशाली विद्यार्थियों का सम्मानप्रतिनिधिगत 29 जनवरी, मौनी अमावस्या को रा.स्व.संघ के चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेन्द्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया के जन्म दिवस के पवित्र अवसर पर काशी स्थित निवेदिता शिक्षा सदन में प्रतिभाशाली निर्धन विद्यार्थियों को रज्जू भैया स्मृति सेवा-न्यास ने सम्मानित किया। सम्मान समारोह में विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रदर्शन करने वाले 32 निर्धन छात्र-छात्राओं को आर्थिक सहायता स्वरूप प्रति छात्र 5 हजार रुपए की राशि भेंट की गई तथा दो समाजसेवियों को 11-11 हजार रुपए व रज्जू भैया का चित्र भेंट किया गया। समारोह में मुख्य अतिथि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी शोध परिषद् के पूर्व महानिदेशक डा.एस.के. जोशी ने कहा कि देश का भविष्य प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं पर निर्भर करता है। विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित विश्व हिन्दू परिषद् के अन्तरराष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अशोक सिंहल ने कहा, “रज्जू भैया एक साधक थे और उन्होंने अपने जीवन में शुचिता को सर्वोपरि रखा। छात्र-छात्राओं एवं श्रेष्ठ लोगों को अपनी प्रतिभा का उपयोग राष्ट्रीय हित में करना चाहिए”। समारोह के अध्यक्ष प्रसिद्ध साहित्यकार श्री मनु शर्मा ने कहा कि “जो देश निश्चय पर दृढ़ रहता है और प्रतिभाओं का सम्मान करता है, उसे कोई पराजित नहीं कर सकता।” इस अवसर पर संस्कृत के यशस्वी आचार्य श्री रामाधीन चतुर्वेदी को सरस्वती सम्मान पत्र व 11 हजार रुपए जबकि चिकित्सकीय ज्ञान, उत्कृष्ट लेखन और सामाजिक उत्थान में सराहनीय योगदान के लिए डा. तपन कुमार लाहिड़ी को सम्मान पत्र एवं 11 हजार रुपए भेंट कर सम्मानित किया गया। वहीं दूसरी ओर प्रयाग में न्यास द्वारा आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता विद्यार्थियों को रा.स्व.संघ के सरसंघचालक श्री कुप्.सी.सुदर्शन ने एक व्याख्यान माला में सम्मानित किया। “विज्ञान को भारत की देन” विषय पर अपने संबोधन में श्री सुदर्शन ने कहा कि पश्चिम का विज्ञान विध्वंसकारी है। अंग्रेजों ने भारत को अपनी प्राचीन विज्ञान परम्परा से अलग किया और दुर्भाग्यवश स्वतंत्र भारत की सरकारों ने भी विज्ञान में भारत के योगदान को पाठ्यक्रम से दूर रखा।दोनों कार्यक्रमों में न्यास के अध्यक्ष, उ.प्र. लोकसेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. कृष्ण बिहारी पाण्डेय, न्यास के सचिव प्रो. गिरीश त्रिपाठी, न्यास के सदस्य, प्रांत संघ चालक डा. राजेन्द्र अग्रवाल, डा. कृष्ण गोपाल, प्रो. दुर्ग सिंह चौहान, प्रांत प्रचारक शिव नारायण सहित बड़ी संख्या में प्रबुद्धजन, स्वयंसेवक उपस्थित थे।13
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