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सबको जोड़ा, सबको साथ लिया -कुप्.सी.सुदर्शन, सरसंघचालक, रा.स्व.संघ
प्रतिनिधि
“दादा साहब आपटे-व्यक्ति और कार्य” पुस्तक लोकार्पित करते हुए श्री कुप्.सी.सुदर्शन।
उनके साथ हैं (बाएं से) श्री अमृतलाल बत्रा, श्री अशोक सिंहल और श्री जी.वी.जी. कृष्णमूर्ति
गत 27 जनवरी को नई दिल्ली में हिन्दुस्थान समाचार संवाद समिति के संस्थापक दादा साहब आपटे के जन्म शताब्दी वर्ष कार्यक्रमों का समापन समारोह आयोजित हुआ। समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री कुप्.सी.सुदर्शन विशेषरूप से उपस्थित थे। मुख्य अतिथि थे विश्व हिन्दू परिषद् के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अशोक सिंहल एवं समारोह की अध्यक्षता की छतरपुर मन्दिर न्यास के अध्यक्ष श्री अमृतलाल बत्रा ने। विशिष्ट अतिथि के रूप में सिक्किम एवं गोवा के पूर्व राज्यपाल श्री केदारनाथ साहनी एवं पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त श्री जी.वी.जी. कृष्णमूर्ति उपस्थित थे।
समारोह को संबोधित करते हुए श्री कुप्.सी.सुदर्शन ने कहा कि पं. नेहरू के कारण स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भी यहां की सारी व्यवस्थाएं अंग्रेजों की रीति–नीति के अनुसार चलती रहीं। इस कारण लोगों को लगता था कि स्वतंत्रता मिली ही नहीं है। इसी दौरान महात्मा गांधी की हत्या की एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी और सरकार ने रा.स्व.संघ पर प्रतिबंध लगा दिया। इस संकट से उबरने के बाद द्वितीय सरसंघचालक श्री गुरुजी ने देश के सर्वांगीण विकास हेतु आवश्यक विषयों पर विचार करना शुरु किया। इसी कड़ी में श्री गुरुजी की प्रेरणा से आपटे जी के नेतृत्व में 1948 में हिन्दुस्थान समाचार संवाद समिति की स्थापना हुई। साधनों की कमी के बावजूद वह समिति आगे बढ़ती गयी और समाचार पत्रों को भारत पर चीनी हमले की खबर सबसे पहले देने का गौरव प्राप्त किया। श्री सुदर्शन ने कहा कि आपटे जी ने दुनियाभर में प्रवास किया और हिन्दुओं को एक सूत्र में जोड़ा। विश्व हिन्दू परिषद् की स्थापना के समय आपटे जी को श्री गुरु जी की प्रेरणा से सभी सम्प्रदाय के धर्माचार्यों को एक मंच पर लाने में सफलता मिली थी।
इस अवसर पर श्री अशोक सिंहल ने कहा कि आपटे जी ने अपना पूरा जीवन राष्ट्रसाधना में लगा दिया। वह अभी प्रचारक बने ही थे कि संघ पर प्रतिबंध लगा और उन्हें भी जेल भेज दिया गया। जेल से छूटने के बाद उन्होंने गांधी जी की हत्या के बारे में मिथ्या प्रचार को रोकने के कई उपाय किए। इसी दिशा में उन्होंने हिन्दुस्थान समाचार संवाद समिति की स्थापना की। हिन्दुस्थान समाचार के कार्यों को गति देने के साथ-साथ उन्होंने विश्व हिन्दू परिषद् की स्थापना में विशेष भूमिका निभाई। उनका विचार था कि हिन्दुओं का एक वैश्विक संगठन बनाना चाहिए और इसके लिए उन्होंने विभिन्न देशों में हिन्दू संगठन के लिए जागरूकता पैदा की। श्री सिंहल ने कहा कि आज विश्व हिन्दू परिषद् उनकी अपेक्षाओं के अनुरूप ही चल रही है। अपने वकत्व्य में श्री केदारनाथ साहनी ने कहा कि आपटे जी ने विदेशी भाषा के प्रभुत्व को खत्म करने के लिए हिन्दुस्थान समाचार की स्थापना की थी। पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त श्री जी.वी.जी. कृष्णमूर्ति ने कहा कि हमें मातृ देवता, मातृभाषा और मातृभूमि को कभी नहीं भूलना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें अपनी मातृभूमि के प्रति श्रद्धानवत रहकर गर्व से कहना चाहिए कि हम हिन्दू हैं। छद्म पंथनिरपेक्षता की भत्र्सना करते हुए उन्होंने कहा कि कोई सरकारी मुसलमान अधिकारी मस्जिद में जाता है, सिख अधिकारी गुरुद्वारे में जाता है तो उन्हें कोई साम्प्रदायिक नहीं कहता, किन्तु जब कोई हिन्दू अधिकारी मन्दिर में जाता है तो उसे साम्प्रदायिक कहा जाता है, क्यों?
इस अवसर पर श्री कुप्.सी.सुदर्शन ने डा. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री द्वारा लिखित पुस्तक “दादा साहब आपटे-व्यक्ति और कार्य” का लोकापर्ण भी किया। समारोह में विश्व हिन्दू परिषद् के वरिष्ठ उपाध्यक्ष आचार्य गिरिराज किशोर, दादा साहब आपटे जन्म शताब्दी समारोह समिति, दिल्ली के अध्यक्ष डा. सुरेश वाजपेयी, वरिष्ठ पत्रकार श्री रामशंकर अग्निहोत्री, श्री नन्द किशोर त्रिखा सहित अनेक गण्यमान्यजन उपस्थित थे।
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