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देश-विदेश में जुड़े हैं तार
कुछ तथ्य, कुछ सूत्र
? 1 जून को लगभग भोर के 3.45 बजे थे, लाल बत्ती लगी एक एम्बेस्डर कार को गणेश पेठ से लकड़ी पुल के मार्ग पर पुलिस निगरानी वाहन पर सवार उपनिरीक्षकों व जवानों ने देखा। ? चूंकि पुलिस पहले से सावधान थी अत: वह परम्परागत पुलिस वाहन के स्थान पर सामान्य टाटा सूमो एवं टोयोटा क्वालिस से ही गश्त कर रहे थे। ? पुलिस वाहन एम्बेस्डर कार के पीछे लग गया। एम्बेस्डर कार संघ मुख्यालय के पास भारत महिला विद्यालय के पास पहुंची और वहां लगे अवरोधकों को तोड़ते हुए आगे बढ़ी। महाराष्ट्र पुलिस की वर्दी में तीन युवक उस पर सवार थे। ? पुलिस वाहन पर सवार उपनिरीक्षकों ने जोर से आवाज देकर एम्बेस्डर कार को रुकने के लिए कहा। कार रुकी भी किन्तु कार को तुरंत थोड़ा पीछे कर आतंकवादियों ने पुलिस दल पर गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। एक ग्रेनेड भी फेंका जो संयोग से फटा नहीं। ? निगरानी दल में पुलिस उपनिरीक्षक अरविन्द सराफ, राजेन्द्र तिवारी, जे.ए. मोरे और सिपाही पृथ्वीराज सिंह, मिथिलेश त्रिपाठी, कुलदीप, विजय और गणेश शामिल थे। ? उपरोक्त पुलिसकर्मियों सहित अवरोधकों पर तैनात पुलिसकर्मी बुलेट प्रूफ जैकेट पहने हुए थे। थ् एम्बेस्डर कार की नम्बर प्लेट पर एम.एच. 20 बी 8979 लिखा था जो मूलत: औरंगाबाद के एक दो पहिए वाहन का नम्बर है। बाद में कार के अन्दर से एक अन्य नम्बर प्लेट मिली जिस पर मुम्बई का नम्बर एम.एच. 01 एफ 0489 अंकित था। ? आतंकवादियों के पास से 5.6 किलोग्राम आर.डी.एक्स, 3 ए.के. 56 राइफलें, 9 मैगजीनें, 12 हैण्ड ग्रेनेड, एक लाख रुपए तथा कुछ दस्तावेज भी बरामद हुए। ? हमले के समय संघ के केन्द्रीय पदाधिकारियों में सिर्फ श्री इन्द्रेश कुमार ही संघ मुख्यालय में उपस्थित थे। ? कुल 10-12 मिनट की आमने-सामने की गोलीबारी में ही तीनों आतंकवादी पुलिस ने मार गिराए। उपनिरीक्षक अरविन्द सराफ सहित दो अन्य जवान भी आतंकवादियों की गोलियों से घायल हुए। ? हाल ही में मालेगांव और औरंगाबाद से महाराष्ट्र पुलिस ने आर.डी.एक्स विस्फोटकों के साथ ए.के. 47 राइफलों की बरामदगी की थी। सूत्रों के मुताबिक, घटना के तार महाराष्ट्र के ऐसे ही कुछ संवेदनशील इलाकों से जुड़े हुए हैं। ? तीनों हमलावर जिहादी पाकिस्तानी थे और संम्भवत: लश्करे तोइबा से जुड़े थे। ? कुछ दिनों पूर्व सिमी के एक प्रमुख नेता शरीफ अहमद शब्बीर अहमद ने गिरफ्तारी के बाद पुलिस को जानकारी दी थी कि नागपुर संघ मुख्यालय आतंकवादियों के निशाने पर है। -प्रतिनिधि
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