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करुणा माता दिवंगत
सतनामी समाज की गुरुमाता और छत्तीसगढ़ अंत्यवसायी सहकारी वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष विजय गुरु की मां करुणा माता का 31 अगस्त की सुबह हृदयाघात से निधन हो गया। वे 80 वर्ष की थीं। गुरुमाता ग्राम केबता डबरी (बिलासपुर) के जमींदार स्व. रतिराम की पुत्री थीं। उनका विवाह 1948 में गुरु अगमदास के साथ हुआ था। करुणा माता ने आजीवन समाज सेवा की। सतनामी समाज के अलावा वे सभी पंथ-सम्प्रदायों के लोगों के दिलों में ममतामयी माता के रूप में स्थापित रहीं। उन्होंने सामाजिक बुराइयों, कुरीतियों के विरुद्ध लोगों को जागृत किया और समाज को एकता के सूत्र में पिरोने का प्रयास किया। महान संत गुरु घासीदास जी के जीवन दर्शन और आदर्शों को अपनाकर उन्होंने समाज को नई दिशा दी। करुणा माता के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए राज्य के मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने कहा कि वे अपने नाम के अनुरूप करुणा और ममता की प्रतिमूर्ति थीं। वन, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने करुणा माता के निधन को छत्तीसगढ़ के लिए अपूरणीय क्षति बताया। प्रतिनिधि
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