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हर पखवाड़े स्त्रियों का अपना स्तम्भमंगलम, शुभ मंगलमफाल्गुनी बयार जैसी मेरी फाल्गुनीअपने पति श्री देवेन्द्र शाह के साथ श्रीमती फाल्गुनीप्रिय फाल्गुनीआठ वर्ष हो गए हमारी शादी को, पर जैसे लगता है अभी कल की ही बात हो। तुम मेरे जीवन में यूं आईं जैसे फाल्गुनी बयार धरती को चूमती है।इन बीते वर्षों में कितनी कठिनाइयों, जीवन के उतार-चढ़ावों से मैं गुजरा। व्यवसाय में एक बारगी तो ऐसा लगा कि सब समाप्त हो जाएगा, लेकिन तुमने मेरे हौंसले को थामे रखा। मेरे जीवन में उत्साह-आशा और सुखद अहसास को बनाए रखने में मदद की। आज जब मैं जीवन में कुछ अच्छा देखता हूं, अपनी बदली परिस्थिति में तुम्हारे सहयोग के बारे में सोचता हूं, सच में आंखें नम हो जाती हैं। अद्भुत है तुम्हारा समन्वय का गुण। घर, परिवार, समाज सभी के साथ सामंजस्य रखते हुए तुमने मेरे साथ भी पल-पल का समन्वय रखा।मंगलम, शुभ मंगलमइस स्तम्भ में दम्पत्ति अपने विवाह की वर्षगांठ पर 50 शब्दों में परस्पर बधाई संदेश दे सकते हैं। इसके साथ 200 शब्दों में विवाह से सम्बंधित कोई गुदगुदाने वाला प्रसंग भी लिखकर भेज सकते हैं। प्रकाशनार्थ स्वीकृत प्रसंग पर 200 रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा।गुजराती जीवन शैली में तुम पली-बढ़ी, लेकिन मेरी जीवन संगिनी बनकर जब तुम मालवा की जीवन शैली से परिचित हुईं, तुमने जिस तरह और शीघ्रतापूर्वक यहां के रस्म-रिवाज, व्यवहार को समझा, उन्हें अपनाया, मेरे लिए किसी आश्चर्य से कम नहीं है। पिता जी, मां और घर के सभी लोगों, हमारे आत्मीय रिश्तेदारों के बीच एक भारतीय बहू की भूमिका का तुमने कुशलतापूर्वक निर्वहन किया। हम दोनों इसी तरह परस्परपूरक और एक दूजे के बने रहें, बस ईश्वर से यही विनम्र निवेदन है।तुम्हारादेवेन्द्र शाह1660, म. गा. मार्ग, गोकुलगंज, महू, (म..प्र.)NEWS
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