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धर्म पर अडिग रहें- कुप्. सी.सुदर्शन, सरसंघचालक, रा.स्व.संघसभा को सम्बोधित करते हुए श्री कुप्.सी. सुदर्शन। चित्र में अन्य गण्यमान्यजन हैं (बाएं से) श्री वंशीलाल परिहार एवं संत श्री रामप्रसाद जी महाराजशहीद सेठाराम की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर तिलक लगाते हुए श्री कुप्.सी.सुदर्शनराम जन्मभूमि आन्दोलन के दौरान 2 नवम्बर, 1990 को अयोध्या में राजस्थान के दल का नेतृत्व करते हुए वीर युवक सेठाराम शहीद हुए थे। उनकी स्मृति में उनके जन्मस्थल मथानीया (राजस्थान) में प्रतिवर्ष एक विशाल कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष यह कार्यक्रम गत 15 नवम्बर को सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री कुप्.सी.सुदर्शन विशेष रूप से उपस्थित थे। कार्यक्रम के प्रारम्भ में रामस्नेही संप्रदाय के महन्त रामप्रसाद जी महाराज ने अपने आशीर्वचन में कहा कि संसार में आना-जाना लगा रहता है, किन्तु कीर्ति ही चिरस्मरणीय रहती है। सेठाराम जी की शहादत से हमको यही सीख मिलती है।सरसंघचालक श्री सुदर्शन ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारत में माना जाता है कि यदि परिवार का एक सदस्य संन्यास धारण करता है तो वह सात पीढ़ियों को तारता है, किन्तु कुल में यदि कोई शहीद होता है तो वह सौ पीढ़ियों को तारता है। भारतवर्ष का प्राण धर्म है, पर दुर्भाग्य से आज इसे बहुत छोटा मान लिया गया है। पुनर्जन्म के सिद्धान्त को मान्यता दी गई है। इसलिए हम सभी जानते हैं कि भारत मां की कोख में हम पुन: जन्म लेंगे। अत: हम धर्म के लिए बलिदान होने में हिचकिचाते नहीं। हम यह भी जानते हैं कि धर्म के लिए बलिदान होने पर मोक्ष प्राप्त होता है।समारोह में उपस्थित विशाल जनसमूह2 नवम्बर, 1990 की घटना के संदर्भ में उन्होंने कहा कि केवल मुस्लिम मतों के आकर्षण में ही निहत्थे कारसेवकों पर गोलियां चलाई गईं। हिन्दू चूंकि जाति एवं पंथ के नाम पर बंटा हुआ है अत: उसके मत को अपेक्षित महत्व नहीं मिलता एवं आज के राजनेता भी उसके हितों की अनदेखी करते हैं। उन्होंने आह्वान किया कि हम सब अपने आपको हिन्दू के नाते एक मानें और हिन्दू समाज पर आए आक्रमणों का सामना करें। इस अवसर पर शहीद सेठाराम के पिताजी श्री वंशीलाल परिहार विशेष रूप से उपस्थित थे।अन्त में जोधपुर के जिला संघचालक श्री श्रीकृष्ण गहलोत ने हजारों की संख्या में दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्रों से आए लोगों का आभार एवं धन्यवाद व्यक्त किया। शहीद सेठाराम स्मृति न्यास के न्यासी ने बताया कि न्यास द्वारा मथनीया ग्राम में जन सहयोग से एक विशाल मन्दिर का निर्माण किया गया है। यहां प्रतिवर्ष शहीद सेठाराम की स्मृति में नेत्र चिकित्सा शिविर का आयोजन किया जाता है। निकट भविष्य में यहां संत निवास निर्माण की योजना भी है।कार्यक्रम में जयपुर विश्व संवाद केन्द्र के विशेष अंक का लोकार्पण श्री कुप्.सी. सुदर्शन के कर कमलों से हुआ।- प्रतिनिधिNEWS
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