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हर पखवाड़े स्त्रियों का अपना स्तम्भमहिला पाठकों को एक विशेष बहस हेतु आमंत्रणक्या भारतीय पुरुष स्वभावत: स्त्री विरोधी होता है?अपने देश में स्त्री सशक्तिकरण आन्दोलन के नाम पर एक वर्ग विशेष द्वारा ऐसा प्रचार किया जा रहा है कि भारत में स्त्री पर असीम जुल्म हो रहे हैं और इसका कारण है पुरुषों की अहंवादी मानसिकता। लेकिन क्या सचमुच में ऐसा है? क्या भारतीय पुरुष की मानसिकता यही है कि स्त्री पुरुष की दासी है? अथवा स्त्री-पुरुषों के सम्बंध परिस्थितिजन्य होते हैं जिसमें परस्पर व्यवहार के ऊंच-नीच के कारण कुछ और ही हैं। कुछ ऐसे ही सवालों पर हमने अपने आगामी अंकों में एक बहस चलाने का विचार किया है और इस बहस में भाग लेने का अधिकार भी केवल हमारी पाठिकाओं को ही है। इस सन्दर्भ में पाठिकाओं के विचार आमंत्रित हैं। प्रकाशन हेतु चयनित प्रत्येक विचार को 250/- रुपए का पुरस्कार दिया जाए। -सं.NEWS
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