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नेपाल आदर्श हिन्दू राष्ट्र बनेनेपाली भाषा में प्रकाशित “श्री गुरुजी” पुस्तक का लोकार्पण”श्री गुरुजी” पुस्तक लोकार्पित करते हुए स्वामीसंजय जी एवं स्वामी रुद्रानंद जीराष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंघचालक श्री गुरुजी के जन्मशताब्दी वर्ष के अवसर पर हिन्दू स्वयंसेवक संघ, नेपाल ने नेपाली भाषा में “श्री गुरुजी” पुस्तक का प्रकाशन किया है। हिमालय जागृति प्रकाशन की ओर से प्रकाशित इस पुस्तक का गत दिनों काठमाण्डू स्थित पशुपति शिक्षा मन्दिर में स्वामी श्री रुद्रानन्दजी महाराज द्वारा लोकार्पण किया गया। समारोह में वक्ताओं ने पुस्तक की उपयोगिता और गुरुजी के बहुआयामी व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि श्री गुरुजी विश्व के एकमात्र घोषित हिन्दू राष्ट्र नेपाल के प्रति चिन्तित रहा करते थे। जब भी उनकी किसी नेपाली स्वयंसेवक से मुलाकात होती थी तो वे उससे नेपाल को विश्व के समक्ष आदर्श हिन्दू राष्ट्र के रूप में स्थापित करने के लिए नित्य कार्यशील रहने की सलाह देते थे। वे नेपाल भ्रमण के क्रम में दो बार काठमाण्डू आए थे। उनके नेपाल प्रवास के समय नेपाल-भारत सम्बंधों में कटुता थी, जिसे देखकर वे काफी चिन्तित हुए थे। उन्होंने कहा था- नेपाल-भारत के बीच सांस्कृतिक व राजनीतिक संबंधों को अविलम्ब सुधारना चाहिए। श्री गुरुजी ने काठमाण्डू यात्रा के बाद नागपुर लौटने पर भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को एक पत्र लिखा था। पत्र में उन्होंने नेपाल की वास्तविक स्थिति का वर्णन करते हुए नेपाल से नजदीकी संबंध बनाने हेतु आवश्यक सुझाव भी दिया था। श्री गुरुजी ने नेपाल-भारत संबंधों को सामान्य बनाने के लिए तत्कालीन नेपाल नरेश श्री 5 महाराजाधिराज महेन्द्र को नागपुर में संघ के मकर संक्रान्ति उत्सव के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया था। नेपाल नरेश नागपुर आने के लिए तैयार भी थे, परन्तु भारत सरकार की ओर से उन्हें यहां आने की स्वीकृति नहीं दी गई।इस पुस्तक में श्री गुरुजी के जीवन से संबंधित घटनाओं एवं विचारों का संक्षिप्त रूप से विश्लेषण किया गया है। श्रीगुरु जी के नेपाल से संबंधित वक्तव्य एवं घटनाक्रमों का विस्तृत वर्णन इस पुस्तक में किया गया है। लोकार्पण समारोह में स्वामी संजय जी महाराज, स्वामी रुद्रानन्द जी महाराज, हिन्दू स्वयंसेवक संघ के अधिराज्य प्रचारक श्री सूबेदार, जनजाति कल्याण आश्रम के संगठन सचिव श्री प्रेम थुलुंग सहित अनेक वक्ताओं ने अपने विचार रखे। इस अवसर पर सुरुचि प्रकाशन, नई दिल्ली की ओर से हिन्दी भाषा में प्रकाशित “श्री गुरुजी समग्र” का भी लोकार्पण किया गया।राकेश मिश्रNEWS
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