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भाषा की दीवार नहींअंग्रेजी में संस्कारप्रद गीतों की सी.डी. का आवरणरवि महाराजकल्पना कीजिए कि “आत्मनो मोक्षार्थम् जगद्हिताय च” सूत्र का तत्वज्ञान संस्कृत या हिन्दी में नहीं बल्कि अंग्रेजी, और वह भी सरल अंग्रेजी में, गीत के माध्यम से बताया जाए तो कैसा लगे। इसका अनुभव तब तक नहीं हो सकता जब तक कि खुद अपने कानों से इन अंग्रेजी बोलो के जरिए सुन्दर भारतीय संगीत की तानों यानी महज तबला, हारमोनियम, सितार और मंजीरे की संगत के साथ इन कर्णप्रिय गीतों को सुना न जाए। त्रिनिदाद की युवा हिन्दू पीढ़ी को अपने धर्म-संस्कृति और पारंपरिक मूल्यों की जानकारी उसी भाषा में दी जा रही है जिसको वे सहजता से समझते हैं। यानी भाषा की दीवार अब आड़े नहीं आती।नचिकेता की कथा कौन नहीं जानता। यमराज के सामने दृढ़ खड़ा रहने वाला वह साहसी, विद्वान बालक नचिकेता। हम सबके भीतर है नचिकेता, पर ध्यान लगाकर देखने की जरूरत है। इस कथा का सार बताने वाले गीत का अंग्रेजी में मुखड़ा देखिए- “फार इंस्पिरेशन, लुक इन द मिरर, माई नचिकेता।” (प्रेरणा तुम्हें खुद अपने से मिलेगी, एक बार खुद को देख तो लो, ओ नचिकेता!)त्रिनिदाद में इन गीतों के प्रति देखते ही देखते एक अनुराग पैदा हुआ है। हिन्दू प्रचार केन्द्र ने “मंत्रा आफ द ईयर” (साल का मंत्र) यानी “मोटी” (एम.ओ.टी.वाई.) बानी नाम से इन गीतों के संग्रह का एक सी.डी. तैयार किया है, जो त्रिनिदाद में बेहद लोकप्रिय हो चला है। इस पूरे प्रयास के पीछे श्री रवि महाराज की 20 वर्षों की कड़ी मेहनत (साधना ही कहना चाहिए) है, जो उन्होने त्रिनिदाद-टोबैगो में बसे भारतवंशियों के बीच रहकर, धर्म और संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए की है। 1985 से आज 2004 तक, प्रत्येक वर्ष मकर संक्रांति के दिन श्री रवि महाराज साल भर के लिए एक मंत्र विशेष प्रचारित करते आ रहे हैं जो पूरे समाज द्वारा अपनाया जाता है। यह विचार कैसे आया? इस संबंध में रवि महाराज बताते हैं कि धर्म-संस्कृति के साथ ही राष्ट्रीय महत्व के विषयों को भी “साल के मंत्र” के रूप में कैरेबियाई हिन्दू समाज में प्रचारित-प्रसारित किए जाने की आवश्यकता महसूस हुई। गीता, रामायण, वेद और उपनिषद् में से कोई एक मंत्र चुन लिया जाता है और समाज में प्रसारित किया जाता है। मंत्र के आधार पर अंग्रेजी, हिन्दी और भोजपुरी शब्दों का प्रयोग करके एक गीत लिखा जाता है।20 वर्ष पहले संघ के संस्कारों में पगे रवि महाराज शोध करने त्रिनिदाद पहुंचे थे। अध्ययन के साथ-साथ वे समाज कार्य में भी संलग्न हो गए। धीरे-धीरे गीता, रामायण पर प्रवचन करने लगे। हिन्दू समाज में चेतना जगाना उनका मुख्य उद्देश्य था। और इसमें वे काफी हद तक सफल भी रहे हैं। हर साल एक नया मंत्र, एक नया गीत गूंजा है। मकर संक्रांति के दिन इस मंत्र का लोकार्पण किया जाता है। “साल का मंत्र” (मंत्रा आफ द इयर यानी एम.ओ.टी.वाई.) संग्रह के गीतों को सिरोमणि महाराज और गीता रामसिंह, दो गायिकाओं ने अपनी मधुर आवाज दी है। गीता संघकार्य से भी जुड़ी हैं। प्रतिनिधि19
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