दिंनाक: 02 Oct 2002 00:00:00 |
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जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानन्द सरस्वती जी महाराज (ज्योतिष्पीठ), जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी दिव्यानन्द जी महाराज (भानुपुरापीठ), जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी वासुदेवाचार्य जी महाराज (अयोध्या), जगद्गुरु रामानन्दाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज (तुलसीपीठ, चित्रकूट), जगद्गुरु मध्वाचार्य स्वामी विश्वेशतीर्थ जी महाराज (उडुपी), जगद्गुरु मध्वाचार्य स्वामी विभूतेशतीर्थ जी महाराज (अडमार मठ), जगद्गुरु मध्वाचार्य स्वामी पुट्टीगे मठाधिपति जी महाराज (उडुपी), महंत परमहंस रामचन्द्रदास जी महाराज (अयोध्या), महंत नृत्यगोपालदास जी महाराज (अयोध्या), गोरक्षपीठाधी·श्वर महंत अवेद्यनाथ जी महाराज (गोरखपुर), स्वामी सत्यानन्द जी महाराज (केरल), महामण्डलेश्वर स्वामी सत्यमित्रानन्दगिरि जी महाराज (हरिद्वार), आचार्य महामण्डलेश्वर अवधेशानन्दगिरि जी महाराज (जूना अखाड़ा, हरिद्वार), महामण्डलेश्वर विद्यानन्दगिरि जी महाराज (कैलास पीठाधीश्वर-ऋषिकेश), महामण्डलेश्वर विश्वदेवानन्द जी महाराज (अमदाबाद), महामण्डलेश्वर स्वामी विष्णुपुरी जी महाराज (बंगाल), महामण्डलेश्वर सन्तोषी माता जी (हरिद्वार), युगपुरुष स्वामी परमानन्द जी महाराज (हरिद्वार), स्वामी आचार्य धर्मेन्द्र जी महाराज (जयपुर), साध्वी ऋतम्भरा जी (दिल्ली), महंत अयोध्यादास जी महाराज (जगन्नाथपुरी), प्रसन्न गोस्वामी सत्राधिकार जी महाराज (असम), मरूदाचल अडिगल जी महाराज (तमिलनाडु), स्वामी रामविलासदास वेदान्ती जी महाराज (अयोध्या), स्वामी चिन्मयानन्द जी महाराज (हरिद्वार), स्वामी अविचलदास जी महाराज (गुजरात), स्वामी भक्तमाली उर्फ मामा जी (बक्सर), स्वामी सर्वदानन्द जी महाराज (वाराणसी), महंत जगन्नाथ दास जी महाराज (जनकपुर, नेपाल), ह.भ.प. बालयोगी ओतुरकर जी महाराज (महाराष्ट्र), स्वामी अखिले·श्वरानन्द जी महाराज (जबलपुर), गोपाल स्वामी जी महाराज (अरैल, प्रयाग), राष्ट्र सन्त सर्वेश्वर प्रपन्नाचार्य जी महाराज (प्रयाग), भोलादास ब्राह्मचारी जी महाराज (सहरसा, बिहार), डा. रामेश्वर दास जी महाराज (ऋषिकेश), प्रख्यात रामकथा वाचक संत श्री मोरारी बापू, संग्राम जी महाराज, कृष्णानन्द जी महाराज, अवधूत सुरेन्द्रनाथ जी महाराज, बिरसा सिंह जी महाराज और जैन साध्वी डा. साधना जैन। जन-मन की हुंकारविराट धर्मसभा में आए रामभक्तों ने कहा-श्रीराम मन्दिर का निर्माण करना संतों का महान कर्तव्य है। चाहे कोई भी बाधा आए संत मन्दिर निर्माण करने के लिए कटिबद्ध हैं। यही कारण है कि नेपाल से भी भारी संख्या में संत यहां आए हैं।- संत लोकनाथ कश्यपजनकपुर (नेपाल)श्रीराम मन्दिर का प्रकरण नया नहीं है। इसका समाधान होना ही चाहिए। और समाधान यही है कि वहां एक भव्य मंदिर का निर्माण हो।- कृष्णानन्द ब्राह्मचारी(हिमाचल प्रदेश)चाहे कुछ भी हो राम मन्दिर का निर्माण होगा, क्योंकि यह हिन्दुओं के स्वाभिमान का प्रतीक है।- ओमप्रकाश वत्सराज(हरियाणा)हिन्दुओं की अत्यधिक सहनशीलता और असीम शांतिप्रियता के कारण भारत में आतंकवाद पनप रहा है। लोग संगठित हो जाएं तो राम मन्दिर का निर्माण होगा और आतंकवादी भी दुम दबाकर भागेंगे।- संत देवीदास(अयोध्या)कुछ लोग कहते हैं कि अभी देश आतंकवाद से त्रस्त है इसलिए मंदिर का मुद्दा नहीं उठाना चाहिए। मेरा मानना है कि राम मंदिर के निर्माण से देश की एक बहुत बड़ी समस्या समाप्त हो जाएगी। इसलिए हर हालत में मंदिर का निर्माण होना चाहिए।- सुभद्रा शर्मा (दिल्ली)1993 में निर्विवादित 67 एकड़ भूमि का सरकार द्वारा अधिग्रहण और अभी तक लौटाने से मना करना-हिन्दुओं के साथ अन्याय करना है।- धनीराम, फरीदाबाद (हरियाणा)राम हमारे हैं, यह भूमि रामलला की है, हमारे रामलला की जन्मभूमि पर उनका भव्य मंदिर नहीं बनेगा तो क्या मक्का-मदीना में बनेगा? अब हम हर तरह के बलिदान को तैयार हैं।- सुशीला वत्ससेक्टर-12, रामकृष्णपुरम् (दिल्ली)यह बेकार की बात है कि राम मंदिर की बात करने से कानून-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न होगी। ऐसा राम-विरोधी कहते हैं और छद्म सेकुलर इस बात का हल्ला मचाते हैं। राम विरोधियों के दुष्प्रचार से हम चुप बैठने वाले नहीं हैं।- कपिला गौड़सेक्टर-12, रामकृष्णपुरम् (दिल्ली)22
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