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स्वाभिमान को चुनौती देने वालों कोसबक सिखाएगी गुजरात की जनता-राजेन्द्र सिंह राणाअध्यक्ष, प्रदेश भाजपागुजरात प्रदेश भाजपा के श्री राजेन्द्र सिंह राणा चुनावी भागदौड़ के बावजूद उत्साहित हैं। आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियों में जुटे भाजपा कार्यकर्ताओं का दिशानिर्देशन, बैठकें, लोगों से मिलना-जुलना और भी न जाने क्या-क्या। अमदाबाद के राज्य अतिथि गृह में हुई बातचीत में श्री राणा ने भाजपा के सुशासन की चर्चा की और विपक्ष के आरोपों की काट। यहां प्रस्तुत हैं श्री राणा से हुई बातचीत के संपादित अंश-थ् भाजपा किन मुद्दों के साथ आगामी विधानसभा चुनावों में उतर रही है?दृ पिछले ढाई महीने से हम मुख्य रूप से तीन मुद्दे लेकर गुजरात में गौरव यात्रा के माध्यम से लोगों के बीच जा रहे हैं। पहला मुद्दा है आतंकवाद का सामना। हम सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के जरिए आतंकवाद का सामना कर सकते हैं। दूसरा, पिछले 8-9 महीनों से गुजरात में जो माहौल रहा है, उसे देखते हुए आम-आदमी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हमने सकारात्मक प्रयास किए हैं। तीसरा, हमारे द्वारा गत साढ़े चार वर्ष के दौरान किए गए विकास कार्यों से गुजरात में आयी खुशहाली। उदाहरण के लिए हमने पेयजल के लिए बहुत काम किए हैं। मैं यह नहीं कहता कि समस्याएं पूरी तरह हल हो गयीं। लेकिन जो काम कांग्रेस अपने 45 वर्ष के शासन में नहीं कर पाई, वह भाजपा सरकार ने साढ़े चार वर्ष में करके दिखाया है।थ् विपक्ष ने सरकार की कथित असफलताओं का एक आरोप पत्र जारी किया है। उसमें प्रमुखत: बेरोजगारी, बिजली, भाजपा सरकार का कुशासन और अराजकता पर जवाब मांगा है। आपका क्या कहना है?दृ गुजरात में कानून-व्यवस्था की सबसे अच्छी स्थिति भाजपा शासन काल में ही रही है। आज भी यहां की महिलाएं देर रात तक निर्भय होकर घूम सकती हैं। हमने विद्या सहायक योजना व अन्य योजनाओं के माध्यम से लगभग एक लाख नौजवानों को रोजगार देने का प्रयास किया। यह सही है कि हम बेरोजगारी को पूरी तरह समाप्त नहीं कर सके पर उस दिशा में हमने सार्थक कदम उठाए हैं। जहां तक बिजली का प्रश्न है तो वह ऐसी चीज नहीं कि आज मांग हुई तो आज ही मिल जाए। इसके लिए पूर्व योजना होनी चाहिए।थ् गुजरात में न चाहते हुए भी गोधरा की चर्चा होती है। क्या चुनाव में गोधरा मुद्दा बन सकता है?दृ गोधरा का मुद्दा प्रत्यक्ष रूप से नहीं आएगा तो परोक्ष रूप से आएगा ही। 27 फरवरी को जिस प्रकार की बर्बर घटना घटी, उससे गुजरात का माहौल बिगड़ गया। रामभक्तों को जिंदा जलाने की बात सुनकर आम आदमी व्यथित था। इस घटना का जनमानस पर इतना दुष्प्रभाव पड़ा है कि इसका जल्दी दूर हो पाना कठिन है। हम चुनाव में इसे मुद्दा नहीं बना रहे हैं, पर जैसा वातावरण बना है, उसका असर कहीं-न-कहीं दिखाई पड़ता रहेगा।थ् चुनाव परिणाम पर आपका क्या आकलन है?दृ गत 7-8 महीनों में गुजरात की जनता को जो सहना पड़ा है और गुजरात के स्वाभिमान को जिस तरह देश-विदेश में ठेस पहुंचाई गई, अपशब्द कहे गए, गुजरात को जितना बदनाम किया गया, उसके कारण गुजरात की जनता में स्वाभिमान जाग्रत हुआ है। वह पूछ रही है कि इस सबके लिए वे दोषी कैसे हैं? गुजरात के स्वाभिमान को जो चुनौती दी गई है, उसके जवाब में यहां की जनता 12 दिसम्बर की राह देख रही है। चुनौती देने वालों को वह सबक सिखाएगी।19
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