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वैद्य विष्णु दत्तएक समाजसेवी का अवसानजम्मू-कश्मीर भाजपा के वरिष्ठ नेता व जम्मू से लोकसभा सांसद श्री वैद्य विष्णु दत्त का गत 27 नवम्बर,2001 की प्रात: नई दिल्ली में निधन हो गया। वे पिछले काफी दिनों से बीमार थे व अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में उनका इलाज चल रहा था। वे 75 वर्ष के थे।1 नवम्बर,1926 को जम्मू में जन्मे श्री वैद्य प्रदेश के वरिष्ठतम नेताओं में से एक थे। श्री वैद्य ने डी.ए.वी. कालेज, लाहौर से आयुर्वेद स्नातक की शिक्षा ग्रहण की थी। समाज के प्रति सेवा भाव उनमें कूट-कूटकर भरा था। शांत स्वभावी व मृदु भाषी के रूप में पहचाने जाने वाले श्री वैद्य 1952-53 में प्रजा परिषद् के आन्दोलन में सक्रिय रहे और जेल गए। जम्मू-कश्मीर राज्य के भारत में पूर्ण विलय के आंदोलन में भी वे गिरफ्तार हुए थे। 1957 में वे पहली बार जम्मू नगरपालिका सदस्य बने और आगे चलकर उसके अध्यक्ष बने। 1992-94 के दौरान जम्मू प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रहे व 1996-98 में जम्मू-कश्मीर विधान परिषद् के सदस्य रहे। रा.स्व. संघ से उनका जुड़ाव बहुत पुराना था। उन्होंने संघ के सह प्रांत संघचालक का दायित्व निभाया। स्थानीय ब्राह्मण सभा, सनातन धर्मसभा व अन्य सामाजिक-धार्मिक संगठनों में उन्होंने सक्रिय भूमिका निभाई थी।पहले 1998 में और फिर 1999 में उन्होंने जम्मू से लोकसभा चुनाव जीता था। वे कई संसदीय समितियों के सक्रिय सदस्य रहे थे।श्री वैद्य विष्णु दत्त कुशल चिकित्सक थे। भारतीय चिकित्सा पद्धति में विशेष रुचि लेते थे। उन्हें खेलों से भी गहन लगाव था।27 नवम्बर को स्वर्गीय वैद्य की पार्थिव देह भाजपा मुख्यालय 11, अशोक रोड पर दर्शनार्थ लाई गई जहां दोपहर तक उन्हें श्रद्धाञ्जलि देने वालों का तांता लगा रहा। प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी, केन्द्रीय गृहमंत्री श्री लालकृष्ण आडवाणी व रा.स्व. संघ के सह सरकार्यवाह श्री मदनदास ने भाजपा मुख्यालय पहुंचकर स्वर्गीय वैद्य को अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए। इनके अलावा अनेक केन्द्रीय मंत्री, भाजपा कार्यकर्ताओं व रा.स्व. संघ के स्वयंसेवकों ने स्वर्गीय वैद्य को अपनी श्रद्धाञ्जलि अर्पित की। श्री वैद्य के शोक संतप्त परिवार में उनकी पत्नी के अलावा दो पुत्र व तीन पुत्रियां हैं।दोपहर को स्वर्गीय वैद्य की पार्थिव देह को जम्मू ले जाया गया जहां 28 नवम्बर को उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनके अंतिम संस्कार में भाग लेने वालों में प्रमुख थे-उत्तर प्रदेश के राज्यपाल आचार्य विष्णुकांत शास्त्री, जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल श्री गिरीश चंद्र सक्सेना, केन्द्रीय सूचना व प्रसारण मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज, केन्द्रीय राज्यमंत्री प्रो. चमनलाल गुप्ता, कांग्रेस के महासचिव गुलाम नबी आजाद। राज्य सरकार के अनेक मंत्री भी वहां मौजूद थे। उनके निधन पर राज्य के मुख्यमंत्री डा. फारुख अब्दुल्ला ने उनके घर जाकर परिजनों को सांत्वना दी। पाञ्चजन्य परिवार दिवंगत आत्मा के प्रति अपनी श्रद्धाञ्जलि अर्पित करता है।24
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