|
ऐसे दूर करें हकलाहटद डा. योगेन्द्र सिंहमुकेश कुमार, बेतिया, प. चम्पारण (बिहार)थ् मुझे मल के साथ आंव आता है। पेट में गैस बनती है। सर चकराता है। बार-बार शौच जाना पड़ता है। कृपया निदान बताएं।दृ आंव के कारण आपका पेट साफ न होने से गैस बनती है और सर चकराता है। आप पीयूषवल्ली रस की एक-एक गोली दिन में तीन बार सेवन करें। साथ ही तीन चम्मच कुटजारिष्ट के साथ तीन चम्मच पानी मिलाकर दोपहर एवं सायंकाल भोजन के बाद लें। यह औषध एक मास तक सेवन करें। कुछ लाभ होने पर तीन मास तक ले सकते हैं।सूरजमल जैन, जोधपुर (राजस्थान)थ् छाती में पिछले छह माह से कफ जमा है। कभी-कभी इतनी खांसी हो जाती है कि श्वास लेना भी कठिन हो जाता है। चिकित्सक ने एलर्जी बतायी है। दवाई ली, किन्तु कोई लाभ नहीं है। उपाय बताएं।दृ एक चम्मच सितोपलादि चूर्ण में प्रवालपिण्टी एक रत्ती तथा गोदत्ती भस्म की एक रत्ती मिलाकर, शर्बत वनफसा के साथ लेने से छाती में जमा दूषित कफ पिघल कर निकल जाता है। यह औषध एक मास तक सेवन करते रहें। इससे आपको लाभ होगा।मीता श्रीवास्तव, अरेरा कालोनी, भोपाल (म.प्र.)थ् मैं 19 वर्षीया युवती हूं। पिछले चार-पांच वर्षों से पेट साफ न रहने से परेशान हूं। दिन में चार-पांच बार शौच जाना पड़ता है। साथ ही सीने में जलन, गैस, मुंह में खट्टा स्वाद, आंव आदि रहता है। काव्यादि रस और कुटजारिष्ट 2 सप्ताह तक लेती रही पर विशेष लाभ नहीं हुआ। कृपया मुझे निदान बताएं।दृ आयुर्वेदिक औषध के लिए दो सप्ताह पर्याप्त समय नहीं होता है। आपकी बीमारी पुरानी है। अत: इसके ठीक होने में समय लगेगा। आप कव्यादि रस की जगह पीयूषवल्ली रस की एक-एक गोली, साथ में अविपत्तिकर चूर्ण का एक-एक चम्मच दिन में तीन बार सेवन करें। कुटजारिष्ट आप लेती रहें।मधु शर्मा, गगरेट (हि.प्र.)थ् मेरी बेटी की आयु 18 साल है। दो वर्ष से उसके बाएं कूल्हे में दर्द हो रहा है। समय-समय पर एक्सरे, सी.टी. स्केन कराया। चिकित्सक कह रहे हैं कि या तो चोट लगी है या गठिया है। कृपया इलाज बताएं।दृ लगता है आपकी बेटी आमवात से पीड़ित है। आप शस्नादि गुग्गुल की एक-एक गोली साथ में लाक्षादि गुग्गुल की एक-एक गोली भी दिन में तीन बार सेवन कराएं। साथ में अ·श्वगन्धाचूर्ण और उसका आधा सोंठ का चूर्ण तथा उसमें दोनों की दुगुनी मात्रा में मिश्री मिला दें। इस मिश्रण को एक-एक चम्मच प्रात:-सायं दूध के साथ दें। यह चिकित्सा तीन मास तक करें। लाभ अवश्य होगा।बबीता पाढ़ी, इच्छापुरा, बलांगीर (उड़ीसा)थ् मेरी उम्र 24 साल है। पिछले छह साल से उदर रोग से पीड़ित हूं। पेट के सबसे ऊपरी भाग में हमेशा दर्द रहता है। महाशंखवटी ले रही हूं, उससे कुछ लाभ तो मिला है, परन्तु पूरा लाभ नहीं है। मुंह में पानी आता है। उल्टी-सी लगती है। कृपया मार्गदर्शन करें।दृआप अम्ल पित्त से पीड़ित हैं। महाशंखवटी के साथ आप सूतशेखर रस भी शुरू कर दें। साथ ही अविपत्तिकर चूर्ण के एक चम्मच में एक रत्ती शंख भस्म मिलाकर दिन में तीन बार भोजन के बाद लें। प्रात:काल तीन-चार गिलास पानी पीकर कुंजल करें एवं बाद में एक कप दूध के साथ दो अभ्यासनवटी (झण्डूफार्मेसी) का सेवन करें। इससे आपको लाभ होगा, यह चिकित्सा आप एक मास तक करें।धर्मेन्द्र कुमार डूंगर, चुरु (राजस्थान)थ् मुझे बोलने में दिक्कत होती है। रुक-रुककर बोलता हूं। किसी से बातचीत करने में शर्म महसूस होती है। कृपया मार्गदर्शन करें।दृ इसके लिए बड़े शहरों में वाणी सुधार केन्द्र चलते हैं। दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में इसका विभाग है। अन्य बड़े शहरों में भी इसके चिकित्सक या केन्द्र मिल जाएंगे। वहां आप बोलने का अभ्यास कर सकते हैं। आयुर्वेदिक चिकित्सा हेतु बच का चूर्ण जिह्वा पर रगड़ें। दिन में दो-तीन बार बच का चूर्ण जिह्वा पर लगा लीजिए, उससे भी आपको लाभ मिलेगा। यह प्रक्रिया लम्बी है। लगातार एक साल ऐसा करने पर आपको लाभ मिलेगा। द——————————————————————————–हमारे विशेषज्ञ1. डा. हर्षवर्धन, (एम.बी.बी.एस., एम.एस.) नाक, कान एवं गले के देश के सुप्रसिद्ध चिकित्सक हैं। वह दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री भी रह चुके हैं। सम्प्रति वि·श्व स्वास्थ्य संगठन के दक्षिण एशिया के सलाहकार हैं।2. डा. इन्द्रनील बसु राय, (एम.बी.बी.एस., एम.डी.) कलकत्ता के सुप्रसिद्ध ह्मदय रोग विशेषज्ञ हैं।3. डा. योगेन्द्र सिंह, (आयुर्वेदाचार्य) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, दिल्ली कार्यालय स्थित केशव चिकित्सालय एवं वि·श्व हिन्दू परिषद् के मुख्यालय रामकृष्णपुरम्, नई दिल्ली स्थित चिकित्सालय के मुख्य चिकित्साधिकारी हैं। रोग का विवरण, अपना नाम एवं पता साफ-साफ अक्षरों में लिखें। उत्तर पाने के लिए आवश्यक है कि बगल में लिखा गया पता लिफाफे पर चिपकाया जाए। पाठकों से अनुरोध है कि समस्या के साथ बैरंग डाक टिकट, पता लिखा लिफाफा/पोस्टकार्ड आदि न भेजें और न ही व्यक्तिगत रूप से उत्तर दिए जाने का आग्रह करें, ऐसा कर पाना संभव नहीं है। पाठकगण अपनी समस्याएं इस पते पर भेज सकते हैं।आरोग्य चर्चाद्वारा सम्पादक,पाञ्चजन्यसंस्कृति भवन, झण्डेवालादेशबन्धु गुप्ता मार्ग,नई दिल्ली-11005512
टिप्पणियाँ