Bangladesh Sheikh Hasina: बांग्लादेश में इस्लामिक कट्टरपंथियों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है। इस बीच अब पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना वाजेद का दर्द छलक उठा है। आखिर ऐसा क्या हुआ कि शेख हसीना कहने लगीं कि चाहे कुछ भी कर लो इतिहास को नहीं मिटा सकोगे?
दरअसल, हुआ कुछ यूं कि बांग्लादेश में कट्टरपंथियों की उन्मादी भीड़ ने देश के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान के घर को ही जला दिया। ये वो घर था, जहां से कभी शेख मुजीबुर्रहमान ने बांग्लादेश की मुक्ति के लिए आंदोलन शुरू किया था। यही कारण था कि बंगबंधु के घर को बांग्लादेश की स्वतंत्रता की लड़ाई के प्रतीक के तौर पर देखा जाता है। फिलहाल, ये घर संग्रहालय के तौर पर था, जिसमें कोई रहता नहीं था।
लेकिन, बीएनपी की अगुवाई वाली मुहम्मद यूनुस की सरकार में बांग्लादेश की मुक्ति आंदोलन से जुड़े हर प्रतीक को खत्म करने का काम किया जा रहा है। इसी क्रम में जब बंगबंधु आवास को जलाया गया तो इस पर शेख हसीना का दर्द छलक उठा। उन्होंने सवाल किया कि आखिर एक घर से इतना डर कैसा? क्या मैंने इस देश के लिए कुछ भी नहीं किया? जो इस तरह से अपमान किया जा रहा है। एक ढांचे को नष्ट किया जा रहा है, लेकिन इतिहास को मिटाया नहीं जा सकता है।
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पूर्व प्रधानमंत्री कहती हैं इन हमलों से अल्लाह ने मुझे अभी तक जीवित रखा हुआ है, जिसका अर्थ केवल इतना सा है कि कुछ काम अभी भी बाकी है। अन्यथा मैं बच नहीं पाती। इसके साथ ही उन्होंने कट्टरपंथियों को चेताया कि इतिहास बदला जरूर लेगा। गौरतलब है कि 5 अगस्त 2024 को कथित भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के बाद शेख हसीना की सरकार का तख्तापलट हो गया था। इसके बाद उन्हें देश छोड़कर भारत भागना पड़ा। बाद में वो यहां से ब्रिटेन चली गईं।
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