“लोक, सृष्टि और धर्म इन तीनों की उत्पत्ति का समय एक जैसा है। यह साथ चलते हैं और प्रलय तक रहेंगे इसलिए सनातन है।” ये बात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत ने कही है। उन्होंने कहा कि हमारा अस्तित्व बचा हुआ है, क्योंकि ये तीनों चीजें हैं। इन्हीं तीनों के सहारे सभी चीजें चलती हैं।
सरसंघचालक जी हैदराबाद में लोकमंथन भाग्यनगर 2024 में बोल रहे थे। उसी दौरान उन्होंने ये बातें कहीं। सरसंघचालक जी ने कहा कि हमारा देश एक सनातन राष्ट्र है और हमारा जीवन भी सनातन है। हमारा कपड़ा, खाना जरूर बदला होगा, लेकिन हम अंदर से एक ही हैं। विविधता में ही एकता है। अगर ढूंढोगे तो और यदि एकता है तो सभी अपने हैं और सभी सुखी हैं तो हम खुश हैं। इसके साथ ही सरसंघचालक जी कहते हैं कि ये लोक ,सृष्टि और धर्म हमारी बपौती नहीं है वरन एक सत्य है, जिसे हमारे पूर्वजों ने खोजा है।
विदेशी आक्रान्ताओं की न तब औकात थी न अब है
इसके साथ ही सरसंघचालक जी ने देश के ऐसे हालातों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि देश का ऐसा हाल केवल इसलिए नहीं हुआ क्योंकि विदेशी आक्रान्ता यहां आए। हम क्या हैं, कौन हैं और हमारा स्वाभिमान क्या है, ये सब हम भूले, इस कारण से हमारी ऐसी स्थिति हुई। धर्म पर प्रकाश डालते हुए डॉ मोहन भागवत कहते हैं कि तमाम विविधताओं के बाद भी हम एक साथ मिलकर रहें, यही धर्म है। हम अपने लक्ष्य को ही भूल गए, इस कारण हमारी ये दुर्गति हुई। क्योंकि धर्म चलता है, तभी सृष्टि चलती है।
सरसंघचालक जी ने स्पष्ट किया कि विदेशी आक्रान्ताओं की तो औकात ही नहीं थी कि वो हमें जीत सकें। न तब थी, न अब है।
टिप्पणियाँ