इंटरनेट, ई-कॉमर्स वेबसाइटों तथा सामान की डिलीवरी करने वाली अच्छी कंपनियों ने ड्रॉपशिपिंग के कारोबार को काफी हद तक जटिलताओं से मुक्त कर दिया है। लेकिन इसे कुछ नियमों और कानूनों के दायरे में रहते हुए संचालित करना होता है। काम शुरू करने के लिए पहला कदम है अपने व्यवसाय को पंजीकृत कराना। इसे एकल स्वामित्व (Sole Proprietorship), भागीदारी फर्म (Partnership Firm), सीमित देयता भागीदारी (Limited Liability Partnership – LLP) या प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के रूप में पंजीकृत किया जा सकता है। यदि आपका वार्षिक कारोबार रु.40 लाख (कुछ राज्यों के लिए रु.20 लाख) से अधिक है, तो आपको जीएसटी के लिए पंजीकरण कराना होगा। जीएसटी आपके व्यवसाय को कानूनी रूप से मान्यता देता है और ग्राहकों से कर वसूलने की अनुमति देता है। इसके अलावा, आपको अपने लाभ पर आयकर भी देना होगा।
ड्रॉपशिपिंग का आनलाइन कारोबार करने वालों के लिए सरकार द्वारा निर्धारित ई-कॉमर्स नियमों का पालन करना अनिवार्य है, जैसे यह कि आपको अपने व्यवसाय की स्पष्ट जानकारी (नाम, पता और संपर्क विवरण) को खुलकर प्रदर्शित करना चाहिए। इसी तरह से आपके कारोबार में एक न्यायोचित वापसी नीति होना अनिवार्य है, ताकि ग्राहक संतुष्ट रहें और उन्हें उत्पादों की वापसी में कोई समस्या पेश न आए।
ड्रॉपशिपिंग व्यवसाय शुरू करने से पहले आपको उस विशेष श्रेणी या उत्पाद का चयन करना होगा जिसे आप बेचना चाहते हैं, जैसे परिधान, हस्तशिल्प का सामान, मसाले आदि। सो ऐसे उत्पाद को चुनें जिसमें आपकी निजी रुचि और जानकारी निहित हो। इसके बाद, बाजार की स्थिति, रुझानों, उत्पादों आदि का सर्वेक्षण और शोध आवश्यक है। आपके लिए यह जानना जरूरी है कि आजकल कौन-से उत्पाद लोकप्रिय हैं। इसके लिए आप अमेजॉन और फ्लिपकार्ट जैसी वेबसाइटों पर देख सकते हैं तथा गूगल ट्रेंड्स का उपयोग कर सकते हैं, साथ ही साथ सोशल मीडिया पर चर्चित उत्पादों को चुन सकते हैं। उत्पाद तय हो जाए तो विश्वसनीय सप्लायर्स की तलाश शुरू करें।
भारत में इंडियामार्ट नामक वेबसाइट पर बड़ी संख्या में ऐसे सप्लायरों की सूची मिल जाएगी। याद रखें, आपको सप्लायर की विश्वसनीयता की भली प्रकार से जांच करनी होगी ताकि आपके ग्राहकों को गुणवत्तापूर्ण उत्पाद मिलें। इसके बाद आपको एक ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म चुनना होगा। शॉपिफाई, वूकॉमर्स और मैजेन्टो जैसे विकल्पों पर विचार करें। अंतिम प्लेटफॉर्म का चयन उनकी उपयोगिता, विशेषताओं और लागत को ध्यान में रखते हुए करें। प्लेटफॉर्म का चयन हो जाने के बाद अपने आनलाइन स्टोर को खड़ा करने में जुट जाएं। इसमें कई प्रक्रियाएं शामिल होंगी जैसे अपनी वेबसाइट तैयार करना, उत्पादों का विवरण और चित्र तैयार करना और भुगतान के लिए पेमेन्ट गेटवे (जैसे रेजरपे, पेटीएम, पेयू, स्ट्राइप आदि) के साथ अनुबंध करना। अब अपने उत्पादों की कीमत तय करें। इस प्रक्रिया में अनेक बातों का ध्यान रखें, जैसे प्रतिस्पर्धियों की कीमतें क्या हैं, आपके खर्च कैसे हैं और ग्राहकों की भुगतान क्षमता कैसी है।
ड्रॉपशिपिंग कारोबार के लिए मार्केटिंग (प्रचार-प्रसार) की योजना बनाना भी आवश्यक है। आप सोशल मीडिया मार्केटिंग के लिए फेसबुक, इन्स्टाग्राम और व्हाट्सएप्प का प्रयोग कर सकते हैं और अधिक जानकारी देने के लिए ब्लॉग पोस्ट और वीडियो की मदद ले सकते हैं। आप चाहें तो पहले एक सॉफ्ट लॉन्च करें और जब सब कुछ ठीकठाक लगे तो कारोबार को पूरी तरह से शुरू कर दें। ग्राहक सेवा को प्राथमिकता दें। ग्राहकों के सवालों के तुरंत उत्तर दें और सामान पहुंचने के बारे में स्पष्टता बरतें। इस कारोबार को जमने में थोड़ा समय लगता है इसलिए धैर्य रखें और लगन के साथ काम में जुटे रहें। सामान की गुणवत्ता, सेवाओं की श्रेष्ठता, ध्यान खींचने वाली प्रचार सामग्री तथा ग्राहकों से अच्छा बर्ताव कुछ ऐसे गुण हैं जो आफलाइन कारोबार को भी सफल बनाते हैं और आनलाइन कारोबार को भी।
(लेखक माइक्रोसॉफ़्ट एशिया में वरिष्ठ अधिकारी हैं)
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