भाजपा के वरिष्ठ नेता और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी का गत 13 मई को नई दिल्ली स्थित एम्स में निधन हो गया। 72 वर्षीय श्री मोदी लगभग छह महीने से कैंसर से पीड़ित थे। करीब दो महीने पहले ही उन्होंने ट्वीट कर देश को बताया था, ‘‘इस लोकसभा चुनाव में मैं प्रचार नहीं कर पाऊंगा, क्योंकि कैंसर से जूझ रहा हूं।’’ जिसने भी इस समाचार को सुना, वह दंग रह गया। लोग उनके स्वस्थ होने की कामना करने लगे, लेकिन हुआ वही, जो परमेश्वर चाहते थे।
सुशील जी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) द्वारा गढ़े गए छात्र नेता थे। 1974 में उन्होंने जे.पी. आंदोलन में हिस्सा लिया। 1980 के दशक में उन्होंने अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री का दायित्व निभाया। 1990 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें पटना मध्य विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़वाया और वे पहली बार विधायक बने। इसके बाद वे राजनीति में आगे बढ़ते ही गए।
वे बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता भी रहे। लालू-राबड़ी राज में उन पर बिहार विधानसभा में ही हमला कर उनका हाथ तोड़ दिया गया था। इसके बावजूद वे लालू के भ्रष्टाचार को उजागर करते रहे। चारा घोटाला में लालू यादव को सजा दिलाने में सुशील जी की बड़ी भूमिका रही। उन्होंने लालू यादव के घोटालों पर ‘लालू चालीसा’ नाम से एक पुस्तक भी लिखी थी। वे विधानपरिषद्, लोकसभा और राज्यसभा के भी सदस्य रहे। उनकी सादगी ऐसी थी कि विधायक होते हुए भी वे स्कूटर से चलते थे। ऐसे कर्मठ स्व. सुशील जी को पाञ्चजन्य परिवार की भावभीनी श्रद्धांजलि।
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श्रद्धासुमन
पूर्व उप मुख्यमंत्री और सांसद सुशील कुमार मोदी के निधन से अत्यंत दु:ख हुआ। इस समय हम सबकी भावना उनके परिवार के साथ है। संघ के निष्ठावान स्वयंसेवक एवं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री रहे सुशील मोदी सारे देश, विशेषत: बिहार की चिंता करते थे। उनके निधन से एक जाग्रत सामाजिक कार्यकर्ता और कुशल राजनीतिक नेता को हमने खोया है। सुशील मोदी सार्वजनिक जीवन में सैद्धांतिक निष्ठा और पारदर्शिता के आदर्श उदाहरण थे। उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि उन्हें यह दु:ख सहन करने की शक्ति दें तथा दिवंगत आत्मा को सद्गति प्रदान करें।
-मोहनराव भागवत, सरसंघचालक, रा.स्व.संघ
पार्टी में अपने मूल्यवान सहयोगी और दशकों से मेरे मित्र रहे सुशील मोदी जी के असामयिक निधन से अत्यंत दुख हुआ। बिहार में भाजपा के उत्थान और उसकी सफलताओं के पीछे उनका अमूल्य योगदान रहा। आपातकाल का पुरजोर विरोध करते हुए, उन्होंने छात्र राजनीति से अपनी एक अलग पहचान बनाई थी। वे बेहद मेहनती और मिलनसार विधायक के रूप में जाने जाते थे। राजनीति से जुड़े विषयों को लेकर उनकी समझ बहुत गहरी थी। उन्होंने एक प्रशासक के तौर पर भी काफी सराहनीय कार्य किए। जीएसटी पारित होने में उनकी सक्रिय भूमिका सदैव स्मरणीय रहेगी। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और समर्थकों के साथ हैं। ओम शांति!
-नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
भाजपा के वरिष्ठ नेता और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी के निधन का समाचार अत्यंत दु:खद है। विद्यार्थी परिषद से लेकर अभी तक हमने साथ में संगठन के लिए लंबे समय तक काम किया। सुशील मोदी का पूरा जीवन बिहार के लिए समर्पित रहा। बिहार को विकास के पथ पर लाने में सुशील मोदी का प्रयास बहुत मददगार रहा है। उनका न होना असंख्य कार्यकर्ताओं के लिए अपूरणीय क्षति है।
-जे.पी.नड्डा, अध्यक्ष, भाजपा
श्री सुशील मोदी ने जीवनभर अपने आदर्शों को निभाया। उन्होंने प्रतिज्ञा ली थी कि वे उस शादी में नहीं जाएंगे, जहां दान-दहेज होगा। देहदान के प्रति वे इतने समर्पित थे कि उन्होंने अपने पुत्र की शादी के पंडाल में अतिथियों से देहदान-अंगदान का प्रपत्र भरने की अपील कीं और 150 लोगों ने ये प्रपत्र भरे।
-आलोक कुमार, अध्यक्ष, विहिप
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