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क्या Cyber War की तैयारी कर रहा Communist Dragon? Chinese Army में क्यों बनाई राष्ट्रपति शी ने नई इकाई!

चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के मुखिया, चीन की सेना के सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति जिनपिंग का कहना है कि सेना के एक प्रमुख स्तंभ के तौर पर 'सूचना सहायता बल' का गठन किया जा रहा है

by WEB DESK
Apr 22, 2024, 12:10 pm IST
in विश्व
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भारत के प्रति शत्रुता भाव रखने वाले कम्युनिस्ट विस्तारवादी देश चीन निरंतर किसी न किसी भारत विरोधी षड्यंत्र की रचना में लगा रहता है। कभी सीमाओं पर बेवजह का तनाव खड़ा करता है, कभी घुसपैठ तो कभी भारत के पड़ोसी देशों में भारत विरोधी भावनाएं भड़काकर उस देश को भारत विरोधी नीतियां बनाने को बाध्य करता है। इसी चीन से अपनी सेना में नई इकाई के गठन की जानकारी मिलना भारत के लिए विशेष ध्यान देने का विषय बन जाता है।

ताजा समाचार यह है कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने गत दिनों अपनी सेना पीएलए में एक नई इकाई का गठन किया है। इस नई इकाई को साइबर युद्ध में विशेष दक्षता रखने वाला बताया गया है। और शी ने नई इकाई के संदर्भ में इसे एक ‘रणनीतिक इकाई तथा विश्व की सबसे बड़ी सेना की प्रमुख सहायक बताया है।

चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के मुखिया, चीन की सेना के सर्वोच्च कमांडर और केंद्रीय सैन्य आयोग के प्रमुख राष्ट्रपति शी जिनपिंग का कहना है कि सेना के एक प्रमुख स्तंभ के तौर पर सूचना सहायता बल (आईएसएफ) का गठन किया जा रहा है। इसे उन्होंने एक मजबूत सेना खड़ी करने की जरूरत को देखते हुए ‘एक अहम निर्णय’ बताया है।

आखिर चीन की सेना का ये नया सूचना सहायता बल है क्या? दरबसल इसे चीनी सेना पीएलए के रणनीतिक समर्थन बल का ही निखरा हुआ स्वरूप बताया गया है। यह वही बल है जिसे साल 2015 में अंतरिक्ष, राजनीतिक, साइबर तथा इलेक्ट्रॉनिक युद्ध का सामना करने के लिए खड़ा किया गया। अब कम्युनिस्ट सत्ता प्रमुख ने 9 साल के बाद चीनी सेना का सबसे बड़ा पुनर्गठन किया है। साइबर युद्ध में पारंगत यह इकाई इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि आने वाले वक्त में युद्ध की स्थिति में साइबर का क्षेत्र खास प्रकार से प्रयोग होने वाला है।

चीनी रक्षा मंत्रालय के अनुसार, नई इकाई सूचना सहायता बल का प्रभार उन्हीं ली वेई के हाथ में दिया गया है जो रणनीतिक सहायता बल के राजनीतिक आयुक्त रहे हैं। रक्षा मंत्रालय का यह भी कहना है कि एयरोस्पेस यूनिट अंतरिक्ष का प्रयोग करने तथा अंतरिक्ष से मिलने वाली चुनौतियों से निपटने में चीनी सेना को और सुघड़ बनाएगी।

चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ का कहना है कि चीन ने रणनीतिक सहायता बल खत्म कर दिया है। यह बल करीब 8 साल पहले अंतरिक्षर, साइबर तथा इलेक्ट्रॉनिक युद्ध में दक्षता का विस्तार करने की गरज से खड़ा किया गया था। इसी की जगह राष्ट्रपति शी ने सूचना सहायता बल के नाम से नई इकाई गठित की है। यह इकाई विशेष रूप से साइबर युद्ध से आने वाली चुनौतियों से निपटेगी।

चीन की सेना का यह पुनर्गठन होना दुनिया में अमेरिका के वर्चस्व की चुनौती से निपटने के लिए भी माना जा रहा है। भविष्य में साइबर हमले को युद्ध के एक मैदान के नाते देखा जा रहा है। यहां ध्यान रहे कि कुछ दिन पहले अमेरिका, न्यूजीलैंड और ब्रिटेन ने चीन पर आरोप लगाए थे कि वह उनके महत्वपूर्ण संस्थानों को साइबर के रास्ते निशाना बना रहा है।

चीनी रक्षा मंत्रालय के अनुसार, नई इकाई सूचना सहायता बल का प्रभार उन्हीं ली वेई के हाथ में दिया गया है जो रणनीतिक सहायता बल के राजनीतिक आयुक्त रहे हैं। रक्षा मंत्रालय का यह भी कहना है कि एयरोस्पेस यूनिट अंतरिक्ष का प्रयोग करने तथा अंतरिक्ष से मिलने वाली चुनौतियों से निपटने में चीनी सेना को और सुघड़ बनाएगी।

चीन में सैन्य क्षेत्र में जारी इन गतिविधियों पर अमेरिका और यूरोपीय देशों सहित भारत की भी बारीक नजर होगी ही। कारण यह कि चीन का इतिहास बताता है कि वह कूटनीतिक व्यवहार को पटरी पर बनाए रखते हुए भी भितरखाने दुर्योजनाएं बनाता रहता है और अचानक तनाव का माहौल बना देता है।

Topics: ChinacommunistplastrategicXi JinpingDragonसाइबर युद्धचीनcyber unitअमेरिकासेनाamericawarIndiaarmy
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