घर वापसी: झारखंड में ईसाइयत त्याग दो परिवारों ने अपनाया सनातन धर्म, राम मंदिर का अक्षत हाथ में लेते ही छलके आंसू
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घर वापसी: झारखंड में ईसाइयत त्याग दो परिवारों ने अपनाया सनातन धर्म, राम मंदिर का अक्षत हाथ में लेते ही छलके आंसू

घर वापसी करने के बाद ईसाई परिवारों ने कहा अब सही रास्ते पर आ गए हैं। पहले रास्ता भटक गए थे।

by Kuldeep Singh
Jan 13, 2024, 09:54 am IST
in झारखण्‍ड
Jharkhand Ghar Wapsi in Sanatan Dharma from Christianity

झारखंड में घर वापसी (फोटो साभार: सुदर्शन न्यूज)

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सनातन धर्म की महिमा ही ऐसी है कि जो एक बार इसको जानने की कोशिश करता है, वो बस हिन्दू धर्म का ही होकर रह जाता है। ऐसा ही कुछ झारखंड के खूंटी जिले के पाटपुर गांव के दो ईसाई परिवारों ने राम भक्ति के कारण घर सनातन धर्म में घर वापसी कर ली।

दरअसल, अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है, जिसकी खुशी देश ही नहीं विदेशों में भी देखी जा रही है। हर सनातन इस पावन बेला का साक्षी बनना चाहता है। इसके लिए देशभर में अक्षत बांटे जा रहे हैं। इसी क्रम में कभी दूसरे पंथों में जाने वाले कई व्यक्ति सनातन धर्म में घर वापसी कर रहे हैं। ऐसे ही जब राम मंदिर का अक्षत चावल और राम मंदिर का निमंत्रण पत्र लेकर पाटपुर गांव पहुंचे। उन्होंने ईसाई परिवार का दरवाजा खटखटाया।

इसे भी पढ़ें:  घर वापसी: शहजाद ने इस्लाम त्याग अपनाया सनातन धर्म, घर वापसी कर बने करण, कहा- हिन्दू धर्म में सबको मिलता है सम्मान 

जब राम भक्तों ने ईसाई परिवार को अक्षत और निमंत्रण पत्र दिया तो राजेंद्र चीक बड़ाइक और उमेश चीक बड़ाइक की आंखों में आंसू आ गए। वो भाव विभोर हो गए। दोनों ईसाई परिवारों ने घर वापसी करने का निर्णय लिया। इसके बाद उन्होंने वैदिक मंत्रों के साथ पूजा-अर्चना कर सनातन धर्म में घर वापसी की। उन्होंने कहा कि बहकावे में आकर वो ईसाई बन गए थे, लेकिन अब सही रास्ता पता चल गया है। उन्होंने ये भी कहा कि आज चारों तरफ माहौल भगवान राम की भक्ति में राममय है।

हम भी भगवान राम के दर्शन करने को आतुर हैं। जल्द ही अयोध्या की यात्रा करेंगे और 22 जनवरी को अपने घर में सत्यनारायण भगवान की कथा सुनेंगे। गौरतलब है कि अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है। करीब 500 वर्षों का सनातनियों का इंतजार और संघर्ष सफल हुआ है। ऐसे में राम मंदिर को लेकर भक्तिमय माहौल है।

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