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सड़कों पर जिहादी नारे लगाने वालों पर सुनक करेंगे कड़ी कार्रवाई, कहा-‘जिहादी सोच नहीं बर्दाश्त’

प्रदर्शनकारियों के निशाने पर इस्राएल और यहूदी थे। ऐसे में लंदन में कानून व्यवस्था के भी खराब होने के पूरे आसार थे। लेकिन हैरानी की बात है कि पुलिस ने एक भी उन्मादी को पकड़ा नहीं

by WEB DESK
Oct 25, 2023, 12:14 pm IST
in विश्व
प्रधानमंत्री ऋषि सुनक

प्रधानमंत्री ऋषि सुनक

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इस्राएल की हमास पर कड़ी जवाबी कार्रवाई को रोकने और ‘फिलिस्तीन को बचाने’ की मांग करते हुए गत दिनों ब्रिटेन में जिस तरह हजारों की मुस्लिम भीड़ सड़कों पर उतरी और जिहाद के नारे लगाए उससे सुनक सरकार बहुत आक्रोश में है। प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने स्पष्ट कहा है कि जिहादी नारों को हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। ब्रिटेन में ऐसे नारे लगाने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सुनक ने संसद में कल एक बयान में उक्त बातें कहीं।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने यहूदी समाज के प्रति समर्थन व्यक्त किया और कहा कि हम उनके विरुद्ध भावनाएं भड़काने वालों को दिखा देंगे कि कानून की ताकत क्या होती है। किसी को मनमानी करने की छूट नहीं दी जाएगी। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि जो भी उग्रवादी भावनाएं भड़काएगा उसे बख्शा नहीं जाएगा।

कट्टरपंथी तत्वों द्वारा गत 23 अक्तूबर को ब्रिटेन की राजधानी लंदन व कुछ अन्य शहरों में इस्राएल और यहूदी विरोधी प्रदर्शन किया गया। इसी के बीच कट्टरपंथियों ने यहूदियों और इस्राएल के प्रति अपशब्द कहे और जिहादी नारे लगाए। रिपोर्ट मिली हैं कि वहां पुलिस की भारी बंदोबस्ती तो थी लेकिन जिहादी नारे लगाने वालों को पुलिस ने पकड़ा नहीं। इस बात को लेकर भी सरकार नाराज है और गृहमंत्री सुएला ने तो पुलिस से स्पष्टीकरण तक मांगने का मन बनाया है।

संसद में इस्राएल हमास युद्ध और ब्रिटेन में उसके विरुद्ध प्रदर्शनों के संदर्भ प्रधानमंत्री सुनक ने कहा कि हम यू.के. में यहूदी विरोधी भावनाएं भड़काने की हरकत बर्दाश्त नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि जिहाद की घोषणा करने जैसी हरकतें सिर्फ यहूदी समुदाय के लिए ही खतरा नहीं है, बल्कि ये हमारे देश के लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए भी खतरा है।

लंदन की उस रैली में जिहाद ही नहीं, मुस्लिम फौज के उठ खड़े होने की घोषणाएं की गई थीं।

लंदन की रैली में फिलिस्तीन के समर्थन में करीब एक लाख लोग जुटे थे। इसी रैली में ऐसे कट्टरपंथी तत्व शामिल थे जिन्होंने यहूदी विरोधी जिहाद का एलान करते हुए उग्र नारेबाजी की और अव्यवस्था फैलाने की कोशिश की। हालांकि पुलिस वहां मौजूद थी लेकिन किसी जिहादी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई, इससे जहां स्थानीय लोगों में आक्रोश है वहीं सरकार पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।

कुछ रिपोर्ट ऐसी हैं जिनमें कहा गया है कि उस दिन लंदन की रैली में फिलिस्तीन के समर्थन में करीब एक लाख लोग जुटे थे। इसी रैली में ऐसे कट्टरपंथी तत्व शामिल थे जिन्होंने यहूदी विरोधी जिहाद का एलान करते हुए उग्र नारेबाजी की और अव्यवस्था फैलाने की कोशिश की। हालांकि पुलिस वहां मौजूद थी लेकिन किसी जिहादी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई, इससे जहां स्थानीय लोगों में आक्रोश है वहीं सरकार पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।

ब्रिटेन की राजधानी लंदन की पुलिस की भर्त्सना की जा रही है और आरोप लगाया गया है कि पुलिस मू​कदर्शक बनी बैठी रही। ऐसे आरोपों पर पुलिस प्रमुख सहित बड़े अधिकारियों ने कहा कि कानून ऐसा करने की इजाजत नहीं देता इसलिए कानूनों में सुधार की जरूरत है।

पुलिस प्रमुख मार्क रोवले पर लोग सवाल उठा रहे हैं कि पुलिस विभाग फिलिस्तीन के समर्थन में जिहादी नारे लगाते उन्मादियों को गिरफ़्तार क्यों नहीं किया। उधर इस बात पर पुलिस प्रमुख ने गृहमंत्री सुएला ब्रेवरमैन को भी यही सफाई दी कि कानून ऐसा नहीं करने देता इसलिए कानून सुधारो।

इस पूरे घटनाक्रम के संदर्भ में प्रधानमंत्री सुनक ने अपने ट्वीट में लिखा है, “इस सप्ताहा के अंत में हमें सड़कों पर नफरत दिखाई दी। जिहाद की घोषणा, यह केवल यहूदी समुदाय के लिए नहीं, बल्कि हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति भी खतरा हैं। हम अपने देश में यहूदी समुदाय विरोधी कैसे भी भावना कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे। हम उम्मीद करते हैं कि पुलिस इस उग्रपंथ से निपटने के लिए हर आवश्यक कदम उठाएगी।”

पुलिस प्रमुख की कानूनों में सुधार की बात पर प्रधानमंत्री सुनक का कहना है कि अगर कानून में कमी है तो उसे जरूर ठीक करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि तो भी, हम मानते हैं कि अभी भी पुलिस के पास ऐसे लोगों को गिरफ्तार करने की ताकत है, जो हिंसा अथवा नस्लीय नफरत की भावना भड़का रहे हैं। सुनक ने कहा, हमारी सड़कों पर ऐसा बर्ताव बिल्कुल भी स्वीकार नहीं किया जा सकता।

लंदन की उस रैली में जिहाद ही नहीं, मुस्लिम फौज के उठ खड़े होने की घोषणाएं की गई थीं। प्रदर्शनकारियों के निशाने पर इस्राएल और यहूदी थे। ऐसे में लंदन में कानून व्यवस्था के भी खराब होने के पूरे आसार थे। लेकिन हैरानी की बात है कि पुलिस ने एक भी उन्मादी को पकड़ा नहीं। जब कि प्रधानमंत्री का संसद में कहना है कि ऐसे तत्वों से निपटने के लिए पुलिस को पूरी आजादी है।

 

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