विकासशील देशों को अब गरीबी से लड़ने या ग्रह को बचाने के बीच चयन नहीं करना पड़ेगा। भारत की अध्यक्षता में जी20 नेताओं ने लीडर्स घोषणा पत्र में इस पर सहमति जताते हुए 13 बिन्दुओं पर ठोस कार्रवाई करने पर सहमति बनायी है।
जी20 देशों के नेताओं की भारत के नेतृत्व में हुई जी20 शिखरवार्ता में शनिवार को नई दिल्ली घोषणा पत्र को अपनाया गया है। इसमें जी20 नेताओं ने मजबूत, टिकाऊ, संतुलित और समावेशी विकास के लिए साझेदारी के माध्यम से ठोस उपाय करने का संकल्प लिया है। इस संकल्प में 13 बिन्दुओं पर केन्द्रित एक सहमति बनी है, जिसके जरिए विकासशील देशों को सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में सहयोग दिया जाएगा।
जी20 देशों के नेताओं का मानना है कि साथ मिलकर हमारे पास बेहतर भविष्य बनाने का अवसर है। केवल ऊर्जा परिवर्तन से नौकरियों और आजीविका में सुधार हो सकता है और आर्थिक अनुकूलन को मजबूत किया जा सकता है। हम पुष्टि करते हैं कि किसी भी देश को गरीबी से लड़ने और हमारे ग्रह के लिए लड़ने के बीच चयन नहीं करना पड़ेगा। हम ऐसे विकास मॉडल को आगे बढ़ाएंगे, जो वैश्विक स्तर पर टिकाऊ, समावेशी और न्यायसंगत बदलावों को लागू करेगा ताकि कोई भी पीछे नहीं रह जाए।
जी20 लीडर्स घोषणापत्र के अनुसार सतत विकास के लिए 2030 एजेंडा के पूर्ण और प्रभावी कार्यान्वयन में तेजी लाई जाएगी। इसके लिए एक एकीकृत और समावेशी दृष्टिकोण का समर्थन करते हुए ग्रीनहाउस और कार्बन उत्सर्जन में कमी लाते हुए जलवायु अनुकूल और पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ विकास पथ अपनाया जाएगा।
जी20 देश मिलकर विकास और जलवायु चुनौतियों से निपटने, सतत विकास के लिए जीवन शैली (लाइफ स्टाइल) को बढ़ावा देने और जैव विविधता, जंगलों और महासागरों के संरक्षण के लिए अपने कार्यों में तत्काल तेजी लाएंगे। ये देश भविष्य में स्वास्थ्य आपात स्थितियों से जुड़ी बेहतर तैयारी के लिए विकासशील देशों में चिकित्सा संबंधी उपायों तक पहुंच में सुधार और अधिक आपूर्ति और उत्पादन क्षमता की सुविधा प्रदान करेंगे।
विकासशील देशों में ऋण कमजोरियों को तत्काल और प्रभावी ढंग से संबोधित करने के लिए लचीले विकास को बढ़ावा दिया जाएगा। एसडीजी पर प्रगति में तेजी लाने के लिए सभी स्रोतों से वित्तपोषण बढ़ाया जाएगा। तापमान लक्ष्य सहित पेरिस समझौते को प्राप्त करने की दिशा में प्रयासों में तेजी लाते हुए संसाधनों में वृद्धि की जाएगी। विकासात्मक प्रभाव को अधिकतम करने और वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के लिए बेहतर, बड़े और अधिक प्रभावी बहुपक्षीय विकास बैंकों (एमडीबी) से जुड़े सुधारों को आगे बढ़ाया जाएगा।
डिजिटल सेवाओं और डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे तक पहुंच में सुधार करने और टिकाऊ व समावेशी विकास को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल परिवर्तन के अवसरों का लाभ उठाया जाएगा। टिकाऊ, गुणवत्तापूर्ण, स्वस्थ, सुरक्षित और लाभकारी रोजगार को बढ़ावा दिया जाएगा। लैंगिक अंतर को कम करते हुए निर्णय लेने वालों के रूप में अर्थव्यवस्था में महिलाओं की पूर्ण, समान, प्रभावी और सार्थक भागीदारी को बढ़ावा दिया जाएगा।
इसके अलावा जी20 देशों के नेता इस बात पर सहमत हुए हैं कि अल्प विकसित देशों सहित विकासशील देशों के दृष्टिकोण को भविष्य के जी20 एजेंडे में बेहतर ढंग से एकीकृत कर वैश्विक निर्णय लेने में विकासशील देशों की आवाज को मजबूत किया जाएगा।
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