बरेली। जापानी इंसेफेलाइटिस ( जेई) वायरस की जांच के लिए भारत को अब दूसरे देशों से महंगी एलाइजा किट मंगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान, बरेली (आईवीआरआई) ने स्वदेशी एलाइजा किट बनाने में कामयाबी हासिल कर ली है। खास बात ये है कि स्वदेशी किट चाइनीज टेस्टिंग किट के मुकाबले एक तिहाई से भी कम रेट में उपलब्ध होने जा रही है। पुणे की कंपनी जल्द ही इस किट को बाजार में उतारने वाली है।
जापानी इंसेफेलाइटिस बेहद खतरनाक संक्रामक रोग है जो सूकर में होने वाले फ्लेवी वायरस के की वजह से प्रसार लेता है। जेई वायरस की जांच के लिए देश में चीन से एलाइजा किट आयात की जाती थीं, जो बहुत महंगी साबित होती थीं। चाइनीज किट की कीमत 50 हजार रुपये तक। भारत में यूपी, बिहार, पूर्वोत्तर असम जेई की चपेट में ज्यादा रहे हैं और काफी मौतें भी देखने को मिली हैं। दरअसल, जेई वायरल संक्रमण के कारण होता है जो सीधे मस्तिष्क को प्रभावित करता है और कोमा के बाद मौत की वजह तक बन जाता है।
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, महाराजगंज, संत कबीरनगर, बस्ती, कुशीनगर, सिद्धार्थनगर, देवरिया, मऊ में जेई प्रभावित रहे हैं। जेईवी आम तौर पर मच्छरों द्वारा फैलता है और विशेष रूप से क्यूलेक्स जीनस के मच्छरों द्वारा इसका प्रसार होता है। सूकर व जंगली पक्षी जेईवी का वाहक बनते हैं। 2017 के बाद से देश में सरकार जेई की रोकथाम को तेजी से टीकाकरण अभियान चला रही है। आईवीआरआई बरेली ने अब जेईवी जांच किट बनाने में सफलता हासिल कर इसके इलाज और रोकथाम के प्रयासों को मजबूती देने का काम किया है।
देश में जब इस वायरस से संक्रमण के मामले बढ़ने लगे थे तो आईसीएआर दिल्ली ने आईवीआरआई बरेली को स्वदेशी किट बनाने का प्रोजेक्ट सौंपा था। पशुधन स्वास्थ्य विभाग की वैज्ञानिक डॉ. हिमानी धांजे ने विभागाध्यक्ष डॉ. केएन भिलगांवकर के निर्देशन में इस प्रोजेक्ट को हाथ में लेकर अनुसंधान की दिशा में कदम आगे बढ़ाए। डॉ. हिमानी ने मीडिया को बताया कि 2016 से 2019 के बीच कई परीक्षण किए गए गए। प्रयोग सफल रहा और आईवीआरआई बरेली में आईजीएम एलाइजा किट बनाने में कामयाबी हासिल हुई। इसके बाद चार साल विभिन्न राज्यों के अलग-अलग इलाकों से हजारों सैंपल जुटाकर आईजीएम एलाइजा किट का जमीनी परीक्षण किया गया। हर तरह से खरी उतरने के बाद आईजीएम एलाइजा किट का पेटेंट कराया गया है।
वैज्ञानिक डॉ. हिमानी धांजे के मुताबिक, फ्लेवी वायरस की जांच के लिए आईवीआरआई ने दो तरह की किट बनाई हैं। इनमें पहली का नामकरण जापानी इंसेफेलाइटिस आईजीजी एलाइजा किट के रूप में किया गया है। इस किट से जांचने पर वायरस से संक्रमित पुराने केस का भी पता चल सकता है। वहीं, दूसरी किट जापानी इंसेफेलाइटिस आईजीएम एलाइजा किट है, जो जल्दी में हुए संक्रमण की जांच करने में कारगर है। जमीनी परीक्षण में दोनों ही किट से 15000 सैंपल टेस्ट किए जा चुके हैं। पुणे की कंपनी जेईवी जांच किट को बाजार में लाने को है। सस्ती किट उपलब्ध होने से जेई का प्रकोप त्वरित रूप से रोकना संभव होगा।
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