गिरा ‘विश्वास’ का सेतु
July 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत बिहार

गिरा ‘विश्वास’ का सेतु

बिहार के सुल्तानगंज में गंगा नदी पर बन रहा पुल दूसरी बार गिर गया। इस घटना से नेताओं के प्रति आम जन का विश्वास टूटा है। लोग मान रहे हैं कि भ्रष्ट नेता और अधिकारी दोषी हैं

by संजीव कुमार
Jun 16, 2023, 10:07 am IST
in बिहार
बिहार में सुल्तानगंज-अगुवानी निर्माणाधीन सेतु भरभरा कर गिर गया

बिहार में सुल्तानगंज-अगुवानी निर्माणाधीन सेतु भरभरा कर गिर गया

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

बिहार में सुल्तानगंज-अगुवानी निर्माणाधीन सेतु भरभरा कर गिर गया। कुछ ही सेकेंड में पुल का एक हिस्सा गंगा नदी में समा गया। इसके साथ ही लोगों की वह उम्मीद भी खत्म हो गई, जो वर्षों से जगी थी। इस मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता मणिभूषण सिंह ने जनहित याचिका दायर की है।

गत दिनों जून में बिहार में सुल्तानगंज-अगुवानी निर्माणाधीन सेतु भरभरा कर गिर गया। कुछ ही सेकेंड में पुल का एक हिस्सा गंगा नदी में समा गया। इसके साथ ही लोगों की वह उम्मीद भी खत्म हो गई, जो वर्षों से जगी थी। इस मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता मणिभूषण सिंह ने जनहित याचिका दायर की है। उनके अनुसार यह पुल 2,000 करोड़ रु. से भी ज्यादा की बंदरबांट का जरिया था। इस पुल का निर्माण एसपी सिंगला कंपनी कर रही है। पुल के ध्वस्त होने के बाद बिहार सरकार पर कई सवाल उठ रहे हैं।

सबसे बड़ा सवाल है कि यह पुल 14 महीने में दो बार धराशायी कैसे हो गया? इससे पहले 30 अप्रैल, 2022 को भी 3,160 मीटर लंबे इस पुल का 200 मीटर का हिस्सा गिरा था। तत्कालीन पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने निर्माण कार्य रोक कर जांच के आदेश दिए थे, लेकिन उसके कुछ दिन बाद ही राज्य में सत्ता का समीकरण बदल गया।

भाजपा के स्थान पर राष्ट्रीय जनता दल आ गया। इसके बाद राज्य के पथ निर्माण मंत्री बने राजद नेता तेजस्वी यादव। उन्होंने जांच की रपट आने से पहले ही काम पुन: शुरू करवा दिया। यही नहीं, कुछ दिन पहले ही कंपनी से कहा गया था कि 31 दिसंबर, 2023 तक पुल का निर्माण पूरा हो जाना चाहिए। इसका दुष्परिणाम यह हुआ कि 4 जून को पिलर नंबर 10-13 के बीच 400 मीटर का हिस्सा ढह गया।

‘‘यह पुल मुख्यमंत्री की बड़ी परियोजनाओं में से एक है। जब पुल गंगा नदी में समा गया तब कहा जाने लगा कि इसका डिजाइन ही गलत था। ऐसी स्थिति में एक इंजीनियर मुख्यमंत्री द्वारा निर्माण का आदेश दिया जाना भ्रष्टाचार की कहानी को खुद बयां कर रहा है।’’ भाजपा ने इस मामले की जांच पटना उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश या सीबीआई से कराने की मांग की है।

-प्रेम रंजन पटेल, भाजपा नेता और पूर्व विधायक

इस पुल का टेंडर 2014 में हुआ था। उस समय राज्य में जदयू और राजद की ही सरकार थी और तेजस्वी यादव पथ निर्माण मंत्री थे। 2014 में इसकी लागत केवल 600 करोड़ थी, जो अब बढ़कर 1,710 करोड़ रु. हो गई है। पुल का निर्माण कार्य 2015 में शुरू हुआ। एक आरोप के अनुसार उस समय10 प्रतिशत कमीशन पर पुल का निर्माण तय हुआ था।

यानी शुरू से इस पुल पर भ्रष्टाचारियों की नजर थी। अब तेजस्वी यादव कह रहे हैं कि डिजाइन में कमी होने के कारण पुल गिरा है। वहीं भाजपा कह रही है कि अगर डिजाइन में दोष था तो डिजाइनर का नाम सार्वजनिक क्यों नहीं किया जा रहा है?

भाजपा नेता और पूर्व विधायक प्रेम रंजन पटेल इस घटना के लिए एकमात्र दोषी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मानते हैं। वे कहते हैं, ‘‘यह पुल मुख्यमंत्री की बड़ी परियोजनाओं में से एक है। जब पुल गंगा नदी में समा गया तब कहा जाने लगा कि इसका डिजाइन ही गलत था। ऐसी स्थिति में एक इंजीनियर मुख्यमंत्री द्वारा निर्माण का आदेश दिया जाना भ्रष्टाचार की कहानी को खुद बयां कर रहा है।’’ भाजपा ने इस मामले की जांच पटना उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश या सीबीआई से कराने की मांग की है।

यह भी जानना जरूरी है कि बिहार में एसपी सिंगला कंपनी के पास सबसे अधिक कार्य हैं। यह कंपनी पूरे देश में अब तक 25 पुलों का निर्माण कर चुकी है। इनमें सबसे ज्यादा आठ पुल बिहार में बनाए हैं। यह कोई पहला मौका नहीं है जब कंपनी की किसी परियोजना पर सवाल उठे हों।

मई, 2020 में पटना में लोहिया चक्र पथ का निर्माण चल रहा था। उस समय एक कंक्रीट स्लैब गिरने से तीन बच्चों की मौत हो गई थी। घटना की जांच हुई लेकिन कंपनी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसलिए लोग कह रहे हैं कि कंपनी के पीछे कोई ऐसी ताकत है, जो उसे बार-बार बचा रही है। शायद इस बार भी यही होगा।

Topics: नीतीश कुमारbridge of 'Vishvas' collapsedराष्ट्रीय जनता दलRashtriya Janata Dalबिहार में सुल्तानगंजनिर्माणाधीन सेतुजदयू और राजदलोहिया चक्र पथ का निर्माणSultanganj in Biharbridge under constructionJDU and RJDnitish kumarconstruction of Lohia Chakra Path
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

पुनौराधाम को मिलेगा भव्य रूप

तेजप्रताप यादव

लालू यादव ने बेटे तेजप्रताप काे पार्टी से 6 साल के लिए किया निष्कासित, परिवार से भी किया दूर

इफ्तार पार्टी को लेकर फतवा जारी

इफ्तार और फतवों में फंसी बिहार की राजनीति

देश विरोधी विचार जमा रहा जड़

लोकसभा चुनाव-2024/इंडी गठबंधन : चेहरे पर हंसी, दिल में फांस

‘ये गठबंधन फैविकोल का जोड़ है’, बिल्कुल टूटेगा नहीं’, घटक दलों के नेता ने कुछ इस तरह किया पीएम मोदी का समर्थन

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

VIDEO: कन्वर्जन और लव-जिहाद का पर्दाफाश, प्यार की आड़ में कलमा क्यों?

क्या आप जानते हैं कि रामायण में एक और गीता छिपी है?

विरोधजीवी संगठनों का भ्रमजाल

Terrorism

नेपाल के रास्ते भारत में दहशत की साजिश, लश्कर-ए-तैयबा का प्लान बेनकाब

देखिये VIDEO: धराशायी हुआ वामपंथ का झूठ, ASI ने खोजी सरस्वती नदी; मिली 4500 साल पुरानी सभ्यता

VIDEO: कांग्रेस के निशाने पर क्यों हैं दूरदर्शन के ये 2 पत्रकार, उनसे ही सुनिये सच

Voter ID Card: जानें घर बैठे ऑनलाइन वोटर आईडी कार्ड बनवाने का प्रोसेस

प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ और जनरल असीम मुनीर: पाकिस्तान एक बार फिर सत्ता संघर्ष के उस मोड़ पर खड़ा है, जहां लोकतंत्र और सैन्य तानाशाही के बीच संघर्ष निर्णायक हो सकता है

जिन्ना के देश में तेज हुई कुर्सी की मारामारी, क्या जनरल Munir शाहबाज सरकार का तख्तापलट करने वाले हैं!

सावन के महीने में भूलकर भी नहीं खाना चाहिए ये फूड्स

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ विश्व हिंदू परिषद का प्रतिनिधिमंडल

विश्व हिंदू परिषद ने कहा— कन्वर्जन के विरुद्ध बने कठोर कानून

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies