लोकतंत्र का दुश्मन चीन नहीं चाहता अपने यहां कोई भारतीय पत्रकार!
July 10, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्व

लोकतंत्र का दुश्मन चीन नहीं चाहता अपने यहां कोई भारतीय पत्रकार!

भारतीय पत्रकारों को वहां खुलकर काम नहीं करने दिया जाता। अब नए फरमान के बाद तो भारत का कोई अधिकृत पत्रकार उस देश में नहीं रह जाएगा

by WEB DESK
Jun 13, 2023, 12:00 pm IST
in विश्व
Representational Image

Representational Image

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

चीन ने भारत के साथ सुलह—समझौते की बात सिर्फ बयानों तक सीमित रखने की अपनी मंशा एक बार फिर से उजागर कर दी है। अभी 10 दिन पहले थ्येनआनमन चौक पर कोई लोकतंत्र समर्थक आंदोलन की सालाना याद करने को इकट्ठा न हो, इसके लिए कड़ाई करने वाले चीन को लोकतांत्रिक देशों के पत्रकार भी स्वीकार नहीं हैं। बीजिंग में भारत के अब बस एक बचे पत्रकार को भी कम्युनिस्ट सरकार ने देश से चले जाने का फरमान सुना दिया है।

हालांकि अभी कुछ दिन पहले भारत की मोदी सरकार ने बयान दिया था कि हमारे यहां चीन के पत्रकारों को काम में कोई दिक्कत नहीं आने दी जा रही है। परन्तु चीन में वहां की कम्युनिस्ट सरकार का व्यवहार बिल्कुल उलट है। वहां भारतीय पत्रकारों को खुलकर काम नहीं करने दिया जाता। अब इस नए फरमान के बाद तो भारत का कोई अधिकृत पत्रकार उस देश में नहीं रह जाएगा। आखिरी भारतीय पत्रकार को देश से चले जाने के आदेश के बाद मोदी सरकार का कहना है कि इस विषय में वह चीन सरकार से बात कर रही है।

2023 के शुरू में बीजिंग में भारत के चार पत्रकार कार्यरत थे। गत अप्रैल में चीन ने दो पत्रकारों को आगे वीसा देने से मना किया था। एक अन्य भारतीय पत्रकार यानी तीसरे ने तो पिछले हफ्ते ही चीन छोड़ा है। अब चौथा और आखिरी पत्रकार भी 30 जून तक भारत वापस लौटना है।

इसमें संदेह नहीं है कि ड्रैगन के इस कदम के बाद भारत और चीन के बीच तनाव ने एक नया आयाम ने लिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, भारत को चीन के इस कदम की भनक लग चुकी थी और संभवत: इसी वजह से मोदी सरकार ने चीन के एक पत्रकार के वीसा को और बढ़ाने से मना कर दिया था।

चीन ने भारत के ​आखिरी पत्रकार को अपने यहां से 30 जून तक चले जाने को कहा है। इसके बाद से वहां भारत का एक भी पत्रकार शेष नहीं रह जाएगा। चीन पहले तीन भारतीय पत्रकारों को वापस भेज चुका है। 2023 के शुरू में बीजिंग में भारत के चार पत्रकार कार्यरत थे। गत अप्रैल में चीन ने दो पत्रकारों को आगे वीसा देने से मना किया था। एक अन्य भारतीय पत्रकार यानी तीसरे ने तो पिछले हफ्ते ही चीन छोड़ा है। अब चौथा और आखिरी पत्रकार भी 30 जून तक भारत वापस लौटना है। इस कार्रवाई पर चीन के विदेश मंत्रालय की कोई टिप्पणी सामने नहीं आई है।

चीन के विदेश विभाग ने इस संबंध में पिछले महीने जरूर कहा था कि भारत में बचे एकमात्र चीन के पत्रकार का वीसा आगे बढ़ाया जाना है। जबकि उसके पहले ही भारत ने चीन के दो पत्रकारों के वीसा आगे बढ़ाने से मना कर दिया था। मोदी सरकार का मानना है कि वह भारत में चीन के पत्रकारों को काम करने में पूरी सहूलियत दे रही थी, लेकिन चीन में भारत के पत्रकारों के लिए खुलकर काम नहीं करने दिया जाता। वहां इस संबंध में कोई मदद भी नहीं मिलती।

चीन ने आखिर ऐसा कदम क्यों उठाया, इस बारे में कुछ जानकारों का कहना है कि इस मुद्दे की शुरुआत तब हुई थी जब चीन में काम कर रहे भारत के दो पत्रकारों ने अपने सहायक रखने की कोशिश की थी। क्यों​कि चीन की नीति है कि कोई पत्रकार अधिकतम तीन सहायक रख सकता है। लेकिन भारत में ऐसी कोई सीमा तय नहीं है।

Topics: newdelhicommunistपत्रकारभारतxigovernmentचीनvisacpcbeijingIndiaDemocracyChinajournalist
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

Operation Sindoor: बेनकाब हुआ चीन, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में ऐसे कर रहा था अपने दोस्त पाक की मदद

जनरल असीम मुनीर

जिन्ना के देश ने कारगिल में मरे अपने जिस जवान की लाश तक न ली, अब ‘मुल्ला’ मुनीर उसे बता रहा ‘वतनपरस्त’

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में नहीं गए

BRICS से गायब शी जिनपिंग, बीजिंग में राष्ट्रपति Xi Jinping के उत्तराधिकारी की खोज तेज, अटकलों का बाजार गर्म

DU के सिलेबस में बदलाव

DU के सिलेबस में बदलाव: अब पढ़ाया जाएगा सिखों की शहादत, हटाए गए इस्लाम-चीन-पाक चैप्टर

Dalai Lama Succesor

दलाई लामा का 90वां जन्मदिन और चीन को संदेश

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

‘अचानक मौतों पर केंद्र सरकार का अध्ययन’ : The Print ने कोविड के नाम पर परोसा झूठ, PIB ने किया खंडन

UP ने रचा इतिहास : एक दिन में लगाए गए 37 करोड़ पौधे

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया की आधिकारिक यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया।

प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, 5 देशों की यात्रा में चौथा पुरस्कार

रिटायरमेंट के बाद प्राकृतिक खेती और वेद-अध्ययन करूंगा : अमित शाह

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

लोन वर्राटू से लाल दहशत खत्म : अब तक 1005 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

यत्र -तत्र- सर्वत्र राम

NIA filed chargesheet PFI Sajjad

कट्टरपंथ फैलाने वाले 3 आतंकी सहयोगियों को NIA ने किया गिरफ्तार

उत्तराखंड : BKTC ने 2025-26 के लिए 1 अरब 27 करोड़ का बजट पास

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies