नई दिल्ली। मोदी सरनेम मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी सोमवार को सूरत में सत्र न्यायालय में पेश हुए। सूरत सत्र न्यायालय ने मामले में सुनवाई की अगली तारीख यानी 13 अप्रैल तक राहुल गांधी की जमानत बढ़ा दी है। कोर्ट में पेशी पर जाते समय राहुल गांधी के साथ पूरा लश्कर था। उनकी बहन प्रियंका वाड्रा समेत कई नेता उनके साथ थे। कांग्रेस साशित राज्यों के मुख्यमंत्री भी उनके साथ थे।
वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने राहुल गांधी को आड़े हाथों लिया। भाजपा नेताओं ने कहा कि राहुल गांधी को सरल सहज भाव से पिछड़े वर्ग के अपमान पर माफी मांगनी चाहिए। खुद को ज्यादा बड़ा दिखाने से कुछ नहीं मिलने वाला है। केन्द्रीय कानून मंत्री किरेन, रिजिजू और भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी एक परिवार को देश और कानून से ऊपर रख रही है।
किरेन रिजिजू ने कहा कि पहली बार किसी कांग्रेस नेता को कोर्ट से सजा नहीं मिली है। इससे पहले भी पीवी नरसिम्ह राव जैसे नेता कोर्ट से सजा पा चुके हैं, लेकिन राहुल गांधी के मुद्दे पर कांग्रेस अलग से व्यवहार कर रही है। राहुल गांधी को लेकर पार्टी ड्रामा कर रही है ताकि न्यायालय पर दवाब बनाया जा सके। उन्होंने कहा, “जब पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्ह राव को अदालत द्वारा दोषी ठहराया गया तो कांग्रेस चुप थी। पी चिदंबरम और डीके शिवकुमार को भी समर्थन नहीं मिला, जो जमानत पर बाहर हैं। केवल राहुल गांधी के लिए कांग्रेस नाटक कर रही है, क्योंकि वे एक परिवार को भारत और उसके कानूनों से ऊपर मानते हैं।”
भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि सहज सामान्य से न्यायिक प्रक्रिया के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ‘लश्कर-ए-जर्रार’ (बड़ी सेना) लेकर पहुंचे। इसके पीछे राहुल गांधी की मंशा क्या थी, क्या वे अपने अहम का प्रदर्शन करना चाहते थे, क्या वे न्यायपालिका पर दवाब डालना चाहते थे, क्या वे जांच एजेंसियों को धमकाना चाहते थे।
उल्लेखनीय है कि दो साल की सजा पाए राहुल गांधी आज जमानत के लिए सूरत की अदालत के समक्ष पेश हुए। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनका जगह-जगह पर स्वागत किया। उनके साथ उनकी बहन प्रियंका गांधी भी थी। तीन राज्यों के मुख्यमंत्री भी वहां पहुंचे थे।
मानहानि मामले में राहुल गांधी को जमानत, आगे की सुनवाई 13 अप्रैल को
कांग्रेस नेता राहुल गांधी को फिलहाल सूरत के सेशंस कोर्ट से राहत मिल गई है। कोर्ट ने उनकी नियमित जमानत मंजूर कर दी। उनकी अपील पर अब कोर्ट में 13 अप्रैल को सुनवाई होगी। राहुल गांधी द्वारा सीजेएम कोर्ट के फैसले को चुनौती दिए जाने के बाद अब इस मामले में याचिकाकर्ता को 10 अप्रैल तक अपना जवाब कोर्ट में दाखिल करना होगा। इसके बाद कोर्ट 13 अप्रैल को राहुल गांधी की अपील पर सुनवाई करेगा।
भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने ‘मोदी’ उपनाम वाले लोगों पर साल 2019 में लोकसभा चुनाव के वक्त आपत्तिनजक टिप्पणी करने के लिए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के खिलाफ सूरत की एक अदालत में मानहानि का मुकदमा दायर किया था। इस मामले में फैसला 23 मार्च को आया था, जिसमें राहुल गांधी को सूरत की अदालत ने दो साल कैद और पंद्रह हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। इस फैसले के बाद राहुल गांधी के वकील ने जमानत मांगी और उन्हें तुरंत 30 दिन की जमानत दे दी गई। सजा के अगले दिन यानी 24 मार्च को राहुल गांधी को सांसद पद से हाथ धोना पड़ा था। अब सांसद पद गंवाने के 11 दिन बाद आज राहुल सूरत के सत्र न्यायालय में फैसले के खिलाफ पैरवी करने पहुंचे। अदालत में राहुल गांधी की सजा पर रोक पर आगे की सुनवाई 13 अप्रैल को होगी जबकि अभियोजक के वकील को 10 अप्रैल तक अदालत में जवाब दाखिल करना है।
राहुल गांधी की ओर से वकील रोहन पानवाला ने कहा कि राहुल गांधी को जो सजा सुनाई गई है, उसमें उन्होंने जमानत और सजा पर रोक लगाने की अर्जी दी है। जिसे सुनने के बाद कोर्ट ने राहुल गांधी की जमानत मंजूर कर ली है। साथ ही निचली अदालत द्वारा दी गई सजा पर रोक लगा दी है। अब स्टे अपील पर 13 अप्रैल को सुनवाई होगी। इसके बाद आने वाले फैसले के आधार पर उनकी संसदीय स्थिति को लेकर फैसला लिया जा सकता है। अभियुक्त के अधिवक्ता द्वारा अभियुक्त को न्यायालय में उपस्थित होने से छूट दिये जाने की मांग की गयी, जिस पर सत्र न्यायालय ने पेश होने से छूट दे दी।
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