यूपी के बिजनौर में वाइल्डलाइफ टूरिज्म के लिए बेहतरीन डेस्टिनेशन बन सकता है, बशर्ते राज्य की योगी सरकार इस पर थोड़ा सा ध्यान दे दे। बिजनौर जिला एनसीआर के सबसे करीब है और यहां से बड़ी संख्या में बाघ प्रेमी, उत्तराखंड के कॉर्बेट टाइगर रिजर्व तक जाते हैं।
यूपी के बिजनौर जिले में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व का एक हिस्सा पड़ता है, जिसे अमानगढ़ फॉरेस्ट डिवीजन कहा जाता है। इस डिवीजन में 27 टाइगर कैमरा ट्रैपिंग में आए हैं। इस क्षेत्र में टाइगर सफारी शुरू करने के लिए राज्य सरकार को एनटीसीए से क्लीयरेंस लेनी होगी। जानकारी के मुताबिक ऐसा प्रयास भी चल रहा है, किंतु सही तरीके से पैरवी नहीं होने से यह विषय बार-बार अधर में रह जाता है।
अमानगढ़ फॉरेस्ट में पिछले दिनों डीएफओ के ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगे, जिसके बाद उन्हें यहां से हटा दिया गया। उनके और विभागीय अधिकारियों के खिलाफ उच्च स्तरीय जांच भी बिठा दी गई। एनटीसीए इन मामलों को गंभीरता से लेता आया है। घपलों से उभरने के बाद यदि अमानगढ़ का गेट पर्यटकों के लिए खोला जाता है तो ये एनसीआर से सबसे नजदीक गेट होगा। अमानगढ़ से लगे बिजनौर फॉरेस्ट डिवीजन में बाघों के अलावा, 45 तेंदुए, 6 चिकारा, 226 सांभर, 50 हिरण, 37 बारह सिंघे, 9 भालू भी वनविभाग की गिनती में आए हैं। बिजनौर में टाइगर राष्ट्रीय पशु भी है। यहां 1074 राष्ट्रीय पक्षी मोर हैं, जिन्हे देखने पर्यटक यहां पहुंचने के लिए बेताब हो सकते हैं।
बिजनौर गंगा बैराज के पास जलीय जीवों का जमावड़ा है। गंगा में दुर्लभ डॉल्फिन, कछुए, मगरमच्छ, घड़ियाल, बड़े-बड़े घोंगे भी मौजूद हैं, जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर सकते हैं। बड़ा सवाल यही है कि राज्य सरकार इस दिशा में माहौल बनाए तो पर्यटक आसानी से बिजनौर की तरफ रुख कर सकते हैं। यह क्षेत्र वाइल्डलाइफ टूरिज्म के लिए वरदान साबित हो सकता है। इससे यहां के स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।
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