जम्मू-कश्मीर में चुनाव का रास्ता साफ, परिसीमन को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज
July 15, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

जम्मू-कश्मीर में चुनाव का रास्ता साफ, परिसीमन को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज

जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली बेंच ने जम्मू-कश्मीर में परिसीमन और विधानसभा सीटों के बदलाव की प्रक्रिया को वैध ठहराया है

by WEB DESK
Feb 13, 2023, 02:30 pm IST
in भारत, जम्‍मू एवं कश्‍मीर
सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में नए परिसीमन के तहत चुनाव कराने का रास्ता साफ हो गया है। सर्वोच्च न्यायालय ने जम्मू-कश्मीर में परिसीमन को चुनौती देने वाली याचिका सोमवार को खारिज कर दी है। जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली बेंच ने जम्मू-कश्मीर में परिसीमन और विधानसभा सीटों के बदलाव की प्रक्रिया को वैध ठहराया।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि केंद्र सरकार को अधिकार है कि वह परिसीमन आयोग का गठन कर सकती है और केंद्र ने अपने अधिकारों का उचित प्रयोग किया है। कोर्ट ने 1 दिसंबर, 2022 को फैसला सुरक्षित रख लिया था।

सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि याचिकाकर्ता ने कानून को चुनौती नहीं दी है। 1995 के बाद कोई परिसीमन नहीं किया गया है। उन्होंने कहा था कि केंद्र की मंशा है कि नवगठित केंद्रशासित क्षेत्र में लोकतंत्र बहाल किया जाए। निर्वाचन आयोग ने कहा था कि आपत्ति दर्ज कराने के लिए पर्याप्त समय दिया गया।

सुप्रीम कोर्ट ने 13 मई, 2022 को जम्मू कश्मीर में परिसीमन प्रक्रिया पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था। कोर्ट ने केंद्र, जम्मू कश्मीर सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया था। सर्वोच्च न्यायालय ने देरी से याचिका दाखिल करने पर नाराजगी जताई थी। कहा था कि 2020 के नोटिफिकेशन को दो साल बाद आपने चुनौती दी है। अभी तक क्या, क्या आप सो रहे थे।

सर्वोच्च न्यायालय में यह याचिका हाजी अब्दुल गनी खान और डॉ. मोहम्मद अयूब मट्टू ने दायर की थी। याचिका में जम्मू और कश्मीर में लोकसभा और विधानसभा की सीटों के परिसीमन का विरोध किया गया था। कहा गया था कि परिसीमन आयोग का गठन परिसीमन अधिनियम की धारा 3 के तहत बिना किसी क्षेत्राधिकार और अधिकार के किया गया है। केंद्र सरकार की ओर से परिसीमन आयोग का गठन करना निर्वाचन आयोग के क्षेत्राधिकार में दखल देना है। जम्मू और कश्मीर में सीटों की बढ़ोतरी संविधान संशोधन कर के ही की जा सकती है, क्योंकि संविधान के मुताबिक अगला परिसीमन 2026 में होना चाहिए। जम्मू और कश्मीर में विधानसभा की सीटें 107 से बढ़ाकर 114 करना जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम की धारा 63 और संविधान की धारा 81, 82, 170 और 330 का उल्लंघन है। गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर की प्रस्तावित 114 सीटों में पाकिस्तान अधिक्रांत कश्मीर की 24 सीटें भी हैं।

केंद्र सरकार ने 6 मार्च 2020 को एक नोटिफिकेशन जारी कर जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में जम्मू और कश्मीर, असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और नगालैंड की विधानसभा और लोकसभा क्षेत्रों के परिसीमन के लिए परिसीमन आयोग का गठन किया था। इस आयोग का कार्यकाल एक साल के लिए था। बाद में 3 मार्च, 2021 को एक और नोटिफिकेशन जारी कर परिसीमन आयोग का कार्यकाल एक साल के लिए और बढ़ा दिया था। कार्यकाल बढ़ाते समय परिसीमन आयोग का क्षेत्राधिकार केवल जम्मू और कश्मीर के लिए ही रखा गया।

(सौजन्य सिंडिकेट फीड)

Topics: जम्मू कश्मीर में परिसीमनजम्मू कश्मीर में चुनावसुप्रीम कोर्ट याचिका जम्मू कश्मीर
Share1TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

राजीव कुमार, मुख्य चुनाव आयुक्त

जम्मू-कश्मीर में जल्द होंगे चुनाव, विघटनकारी ताकतों को करारा जवाब देगी जनता : मुख्य चुनाव आयुक्त

election commission removed code of conduct gujarat

ECI ने जम्मू कश्मीर समेत इन चार राज्यों में शुरू की विधानसभा चुनावों की तैयारी

जम्मू-कश्मीर के मतदाताओं में इस बार जबर्दस्त उत्साह दिखा। रिकार्ड मतदान हुआ। (Photo- ANI)

घाटी में मजबूत होता लोकतंत्र, जम्मू-कश्मीर में रचा इतिहास, पिछले 35 वर्षों में सबसे अधिक 58.46 प्रतिशत मतदान

अरिंदम बागची

जम्मू-कश्मीर में परिसीमन पर पाकिस्तान के बड़े बोल को भारत ने बताया हास्यास्पद

जम्मू-कश्मीर में परिसीमन से तिलमिलाया पाकिस्तान

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

सरदार फौजा सिंह

Turban Tornado: विश्व के सबसे उम्रदराज एथलीट फौजा सिंह का सड़क हादसे में निधन, 100 साल की उम्र में बनाए 8 रिकॉर्ड

क्या आप मेथी दाना खाने के ये फायदे जानते हैं?

समोसा, पकौड़े और जलेबी सेहत के लिए हानिकारक

समोसा, पकौड़े, जलेबी सेहत के लिए हानिकारक, लिखी जाएगी सिगरेट-तम्बाकू जैसी चेतावनी

निमिषा प्रिया

निमिषा प्रिया की फांसी टालने का भारत सरकार ने यमन से किया आग्रह

bullet trtain

अब मुंबई से अहमदाबाद के बीच नहीं चलेगी बुलेट ट्रेन? पीआईबी फैक्ट चेक में सामने आया सच

तिलक, कलावा और झूठी पहचान! : ‘शिव’ बनकर ‘नावेद’ ने किया यौन शोषण, ब्लैकमेल कर मुसलमान बनाना चाहता था आरोपी

श्रावस्ती में भी छांगुर नेटवर्क! झाड़-फूंक से सिराजुद्दीन ने बनाया साम्राज्य, मदरसा बना अड्डा- कहां गईं 300 छात्राएं..?

लोकतंत्र की डफली, अराजकता का राग

उत्तराखंड में पकड़े गए फर्जी साधु

Operation Kalanemi: ऑपरेशन कालनेमि सिर्फ उत्तराखंड तक ही क्‍यों, छद्म वेषधारी कहीं भी हों पकड़े जाने चाहिए

अशोक गजपति गोवा और अशीम घोष हरियाणा के नये राज्यपाल नियुक्त, कविंदर बने लद्दाख के उपराज्यपाल 

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies