एक फरवरी यानी कल भारत की संसद में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए बजट ने भारत ही नहीं, दुनिया के अन्य देशों में भी तारीफें बटोरी हैं। खासकर, ब्रिटेन और यूएई में कारोबारी तथा वित्तीय संस्थानों ने बजट की प्रशंसा करते हुए इसे समावेशी और प्रगति में सहायक बताया है।
इन देशों के कारोबारियों ने बजट को दोतरफा साझेदारी में और निवेश के लिए उपयुक्त स्थान के रूप में भारत को जोश जगाने वाला बताया है। बजट में अवसंरचना के क्षेत्र पर व्यय पर गौर करने तथा विदेशी निवेशकों को बेहतरीन अवसर प्रदान करने की प्रशंसा की जा रही है। ब्रिटेन के कारोबारियों ने तो कहा है कि भारत का यह बजट ग्रीन डेवलेपमेंट पर विशेष दृष्टि डालने वाला है।
यूके में कार्यरत एक वरिष्ठ बैंक अधिकारी का कहना है कि यह बजट सातत्य, स्थिरता तथा वित्तीय रूप से जिम्मेदार विकास को दर्शाने वाला है। बजट से प्रवासी भारतीयों तथा विदेशी निवेशकों के लिए भारत एक दमदार विकल्प के रूप में सामने आएगा। बजट को विदेशी निवेशकों के नजरिए से बेहद उत्साह जगाने वाला बताया गया है।
गल्फ महाराष्ट्र बिजनेस फोरम ग्लोबल का कहना है कि नरेन्द्र मोदी सरकार का यह बजट समग्रता में देखें तो सराहनीय दिखता है। यह हरित अर्थव्यवस्था पर ध्यान देता है। ऑटो उद्योग पर विशेष बल देने के साथ ही पर्यावरण के लिए अनुकूल इस कदम से भारत का हरित क्रांति में उल्लेखनीय योगदान रहेगा।
यूके के अर्थ विशेषज्ञों का कहना है कि भारत का बजट ब्रिटेन के ही नहीं अन्य देशों के निवेशकों के लिए बुनियादी अवसंरचना के निर्माण में भाग लेने का एक अच्छा अवसर प्रदान करता है। ब्रिटेन सड़क निर्माण, रेलवे तथा हवाई अड्डों के क्षेत्र में प्रतिभाओं का स्थान है, यहां इसके विशेषज्ञों की भरमार है, यह बात भारत को निर्धारित खर्च में इन चीजों को प्राप्त करने में मददगार साबित हो सकती है। देखने वाली बात यह भी है कि भारत विश्व बैंक की व्यापार में सुगमता की रैंकिंग लगातार बेहतर कर रहा है। ये कदम इसी रैंकिंग को और शानदार बनाने में मददगार साबित हो सकते हैं।
गल्फ महाराष्ट्र बिजनेस फोरम ग्लोबल का कहना है कि नरेन्द्र मोदी सरकार का यह बजट समग्रता में देखें तो सराहनीय दिखता है। यह हरित अर्थव्यवस्था पर ध्यान देता है। ऑटो उद्योग पर विशेष बल देने के साथ ही पर्यावरण के लिए अनुकूल इस कदम से भारत का हरित क्रांति में उल्लेखनीय योगदान रहेगा। इसके साथ ही, कपड़ों, खिलौनों और साइकिल पर सीमा शुल्क को 21 से 13 प्रतिशत करने से इन उत्पादों की बिक्री बढ़ने की संभावना है। खाड़ी के अन्य कारोबारियों ने भी बजट को लोग—हित वाला बताया है। खासकर, आयकर में 7 लाख रु. तक की छूट तथा अन्य करों में भी छूट देने की बात आमजन के लिए संतोष देने वाली है।
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