जरा याद कीजिए कोरोना की वजह से आए संकट काल को जब विश्व भर के देशों में कोरोना के प्रकोप की वजह से हाहाकार मचा हुआ था। पूरी दुनिया कोरोना के खौफ के साए में जीने को मजबूर हो चुकी थी। लोग पाबंदियों के लिबास में लिपट चुके थे। लगा था, जैसे अब यूं ही जीना पड़ेगा, लेकिन गनीमत रही कि समय रहते देश ने स्वदेशी वैक्सीन का निर्माण कर कोरोना को मुंहतोड़ जवाब देना शुरू कर दिया।
हालांकि उस समय एक अमेरिकी वैक्सीन फाइजर भी आई लेकिन उसकी मनमानी वाली शर्तों के आगे भारत ने झुकना स्वीकार न कर अपनी स्वदेशी वैक्सीन पर ज्यादा भरोसा जताया और उसका परिणाम है कि आज भी जब विश्व के कई मजबूत देश कोरोना से लड़ रहे है तो वहीं भारत कोरोना से लड़कर काफी मजबूती के साथ आगे बढ़ चूका है।
हालांकि उस समय विदेशी कोरोना वैक्सीन भारत न लाने पर विपक्षी दलों के नेताओं ने केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा था। इन राजनेताओं ने महज राजनीति चमकाने के लिए ना महज स्वदेशी वैक्सीन पर सवाल उठाए, बल्कि खुद भी वैक्सीन लेने से इनकार कर दिया, लेकिन बाद में भारतीय वैक्सीन विदेशी वैक्सीन की तुलना में कहीं अधिक कारगर साबित हुई। इतना ही नहीं, कई देशों ने भारतीय वैक्सीन प्राप्त करने के लिए केंद्र सरकार से गुहार भी लगाई। जिससे इन सभी राजनेताओं को मुंहतोड़ जवाब भी मिला।
बरहाल अमेरिका की दिग्गज फर्मास्युटिकल कंपनी फाइजर के सीईओ अल्बर्ट बोरला को दावोस में वर्ल्ड इकॉनोमिक फॉरम की बैठक के दौरान मुश्किलों का सामना कराना पड़ गया है। दरअसल सोशल मीडिया पर एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है जिसमे दो पत्रकार फाइजर के सीईओ से उनकी कोराना वायरस वैक्सीन पर सवाल कर रहे है जिनको वो नजरअंदाज करते हुए भागते नजर आ रहे है।
Pfizer CEO gets ambushed in Davos on the company’s vaccine pic.twitter.com/rVdbfR6IV9
— Shiv Aroor (@ShivAroor) January 19, 2023
पत्रकार फाइजर के सीईओ से ये सवाल पूछते हैं –
पत्रकार : मिस्टर बोर्ला क्या आप ये बता सकते हैं कि आपको कब पता चला कि आपकी वैक्सीन वायरस का संक्रमण नहीं रोक सकती? आपने ये पता चलने के बाद कब जनता को बताया?
बोर्ला (नजरअंदाज करते हुए) : आपको बहुत-बहुत धन्यवाद।
पत्रकार : मेरे सवाल का मतलब है कि हम जानते हैं कि वैक्सीन संक्रमण नहीं रोक सकी। पर आपने इस बात को क्यों छिपाए रखा?
पत्रकार : आपने शुरुआत में कहा कि ये 100 प्रतिशत प्रभावी है, फिर 90, 80 और 70 प्रतिशत। हम जानते हैं कि वैक्सीन संक्रमण नहीं रोक सकती। फिर भी आपने इस बात को क्याें छिपाया?
दूसरा पत्रकार : आपको नहीं लगता सर कि आपको पूरी दुनिया से मांफी मांगनी चाहिए? क्या आपको उन देशों से माफी नहीं मांगनी चाहिए जिन देशों ने आपकी अप्रभावी वैक्सीन को पाने के लिए इतना पैसा खर्च किया? आपने पिछले कुछ सालों में जो कुछ भी किया उसके लिए आपको शर्म नहीं आती?
(बोर्ला ने फिर भी कोई जवाब नहीं दिया और कहा आपका दिन शुभ रहे)
फाइजर के सीईओ का यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है, जिसमे वह बहुत-बहुत धन्यवाद और आपका दिन शुभ हो” कहते हुए सवालों से बचकर निकालने का प्रयास करते हुए नजर आते है। वहीं दोनों पत्रकारों ने फाइजर के सीईओ से एक दर्जन सवाल पूछे जिसपर उन्हें कोई जवाब नहीं मिला।
इस वीडियो को केंद्रीय राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने ट्विट्टर पर साझा कर कांग्रेस नेता राहुल गांधी, पी चिदंबरम और जयराम रमेश पर निशाना साधा। उन्होंने दावा किया कि तीनों भारत में विदेशी वैक्सीन को बढ़ावा दे रहे थे।
Just to remind all Indians, that Pfizer tried to bully Govt of India into accepting conditions of indemity
And Cong trio of Rahul, Chidamabaram n Jairam Ramesh kept pushing case of foreign vaccines during Covid 🤮🤬🥵 https://t.co/nT5LHI07hc
— Rajeev Chandrasekhar 🇮🇳 (@RajeevRC_X) January 20, 2023
आपको बता दें कि भारत में भी फाइजर ने अपनी मनमानी शर्तों पर वैक्सीन बेचने की कोशिश की थी लेकिन फाइजर को कामयाबी हासिल नहीं हुई। जिसका खुलासा भारत में वैक्सीन टास्क फोर्स के सदस्य डॉ. एन के अरोड़ा ने एक मीडिया के साथ बातजीत में किया। डॉ. अरोड़ा के मुताबिक फाइजर और मॉडर्ना ने भारत को ऐसे समय पर वैक्सीन बेचने की पेशकश की थी जब हर देश को वैक्सीन की दरकार थी लेकिन उनकी शर्तें मानने लायक ही नहीं थी। M-RNA तकनीक से बनी फाइजर ने नई टेक्नोलॉजी का हवाला देते हुए वैक्सीन की कीमत काफी ज्यादा रखी थी। 100 करोड़ वैक्सीन लगवाने वाले देश में केवल 1 करोड़ डोज देने की बात कर रहे थे।
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