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आसमान से लेकर जमीन तक चीन की घुसपैठ को भारत ने किया विफल

तवांग सेक्टर के यांग्त्से इलाके में घुसपैठ करने के इरादे से पहुंचे चीन के सैकड़ों सैनिकों को वापस खदेड़ने का कारनामा भारत की महज तीन बटालियन ने कर दिखाया।

by WEB DESK
Dec 14, 2022, 12:36 pm IST
in भारत
प्रतीकात्मक चित्र

प्रतीकात्मक चित्र

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तवांग सेक्टर के यांग्त्से इलाके में घुसपैठ करने के इरादे से पहुंचे चीन के सैकड़ों सैनिकों को वापस खदेड़ने का कारनामा भारत की महज तीन बटालियन ने कर दिखाया। पहले से खुफिया जानकारी होने के चलते भारत ने पिछले हफ्ते ही इन तीन बटालियन को उस जगह पर तैनात कर दिया था, जहां चीन ने क्षेत्र में यथास्थिति को एकतरफा बदलने की कोशिश की। चीन के सैनिकों को इसका अंदाजा नहीं था, लेकिन भारतीयों के आक्रामक रुख के आगे उन्हें उल्टे पांव अपनी सीमा में लौटने को मजबूर होना पड़ा।

दरअसल, इस माह की शुरुआत से ही चीनी ड्रोन्स और हेलीकॉप्टरों ने कई बार एलएसी के नजदीक तक उड़ान भरकर हवाई घुसपैठ करने की कोशिश की थी, जिसका भारत की वायु सेना ने लड़ाकू सुखोई उड़ाकर माकूल जवाब दिया। इसी बीच भारत को जमीनी स्तर पर भी चीन के घुसपैठ के इरादों की खुफिया जानकारी मिली। इस पर भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर राइफल्स, जाट रेजिमेंट और सिख लाइट इन्फैंट्री की तीन अलग-अलग बटालियन को तवांग सेक्टर में तैनात कर दिया। चीन के किसी भी दुस्साहस का जवाब देने के लिए भारत की तैयारियों के बारे में पीएलए को भनक तक नहीं लग सकी।

भारतीय खुफिया एजेंसियों की सूचनाओं को सच साबित करते हुए चीन के सैनिकों का एक दल 09 दिसम्बर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में उस पहाड़ी पर आ धमका, जो इस समय बर्फ से ढकी हुई है। लाठी-डंडों से लैस होकर आए करीब 300 चीनी सैनिकों का मुकाबला करने के लिए यहां पहले से ही पैदल सेना रेजिमेंटों की तीन बटालियनों के भारतीय जवान तैनात थे। चूंकि इसकी भनक चीन को नहीं थी, इसलिए आमने-सामने होने पर पीएलए के सैनिकों की भारतीय सेना की तीन इकाइयों के साथ झड़प हुई। झड़प के दौरान चीनी सैनिक हर हाल में भारतीय जवानों को पछाड़ने की उम्मीद कर रहे थे।

भारत के बहादुर जवानों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर यथास्थिति को बदलने के चीन के प्रयास को विफल कर दिया। घुसपैठ के लिए आए चीनी सैनिक लाठियों और अन्य उपकरणों से लैस थे। भारतीय सैनिक भी संघर्ष के लिए तैयार थे, क्योंकि वे दुश्मन के इरादों को जानते थे। चीन के सैनिकों से झड़प के दौरान भारतीय सेना की तीनों बटालियनों ने चरणबद्ध तरीके से मुकाबला किया। चीन की सेना ड्रोन के साथ पूरे क्षेत्र को शूट करने के लिए आई थी। भारतीय सैनिकों पर हमला करने के लिए चीन के जवानों ने पथराव भी किया, लेकिन उन्हें करारा जवाब देकर एलएसी के अपने पक्ष में पीछे हटने के लिए मजबूर किया गया।

सैन्य सूत्रों के अनुसार चीन की सेना के जवान हर साल अपनी दावा रेखा से बाहर गश्त करने की कोशिश करते हैं, जिसे भारत अनुमति नहीं देता है। वास्तविक नियंत्रण रेखा पर होलीदीप और परिक्रमा क्षेत्र के आसपास यांग्त्से में चीनी पक्ष भारतीय गश्त का विरोध कर रहा है। इस बार पहले हवाई और फिर जमीनी घुसपैठ की कोशिश हुई है, लेकिन आसमान से लेकर जमीन तक चीन को मुंह की खानी पड़ी है।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में साफ कर दिया है कि भारतीय सेना किसी को भी देश में कहीं भी एक इंच जमीन पर कब्जा करने की अनुमति नहीं देगी। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी सदन को विश्वास दिलाया है कि हमारी सेना किसी भी अतिक्रमण से निपटने के लिए तैयार है।

Topics: Chinese intrusionTawang skirmishIndia-China skirmishintrusion failedभारतीय सेनाIndian Armyतवांग झड़पभारत-चीन झड़पचीन की घुसपैठघुसपैठ विफल
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