अल जजीरा की अमेरिकी-फिलिस्तीनी पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की मौत अब अमेरिका और इस्राएल की जांच एजेंसियों में तनाव का बिन्दु बनती जा रही है। गत मई माह में 51 साल की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन रिपोर्टिंग करते हुए वेस्ट बैंक के जेनिन शहर में कथित तौर पर इस्राइल डिफेंस फोर्सेज की गोलियों का शिकार हो गई थीं।
शिरीन की मौत पर फिलिस्तीन में भारी हंगामा हुआ था। लोग सड़कों पर उतर आए थे, पत्रकारों के गुट इस्राएल को लानतें भेज रहे थे। हंगामा खड़ा होने पर इस्राइल ने अपने स्तर पर इस मौत की जांच की और इसमें इस्राएल के सुरक्षाकर्मियों को अनजान साबित किया। लेकिन मामला शांत नहीं हुआ। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शोर-शराबा मचा तो अमेरिका भी हरकत में आया। कल अमेरिका के न्याय मंत्रालय की तरफ से अल जजीरा की पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की मौत के कारणों की जांच शुरू कर दी गई। अमेरिका के इस कदम से इस्राएल को तैश में आना ही था। उसने फौरन इस कदम को अमेरिका की एक ‘बड़ी गलती’ बताते हुए कह दिया कि उनकी तरफ से अमेरिका की इस जांच में किसी तरह का सहयोग नहीं किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि फिलिस्तीनी मूल की, पिछले 25 साल से अल जजीरा की वरिष्ठ पत्रकार रही अबु अकलेह अमेरिकी नागरिक थीं। वह ज्यादातर इस्राएल—फिलिस्तीन तनाव पर रिपोर्टिंग करती थीं। बताया जाता है कि वह गत मई महीने में वेस्ट बैंक के जेनिन शहर में रिपोर्टिंग कर रही थीं, जहां इस्राएल डिफेंस फोर्सेज का छापेमारी अथियान चल रहा था। शिरीन जहां खड़ी थीं वहां से कुछ दूरी पर गोलियां दागे जाने की आवाजें आ रही थीं। फिलिस्तीनियों और अल जजीरा चैनल का कहना है कि शिरीन इस्राएल के सैनिकों की तरफ से चली गोलियों का शिकार हुई थीं। लेकिन इस्राएली रक्षा तंत्र इस बात से इंकार करता रहा है। अब अमेरिका ने दबाव में आकर शिरीन की मौत की जांच करने का फैसला लिया है। इस पर इस्राएल के रक्षा मंत्री बेनी गैंट्ज का बयान आया है कि शिरीन अबु अकलेह की अफसोसजनक मौत की जांच का अमेरिका का फैसला एक बड़ी भूल है।
बेनी का कहना है कि उनके रक्षा तंत्र ने इस मामले की पेशेवराना तरीके से पूरी जांच की है और इस जांच से जुड़ी प्रत्येक जानकारी अमेरिका के अधिकारियों के साथ साझा की गई है। इस्राएल के रक्षा मंत्री का कहना है कि उन्होंने अमेरिकी प्रतिनिधियों को स्पष्ट बता दिया है कि उनकी सरकार अपने सैनिकों के साथ है। ऐसे में वे किसी भी तरह की बाहरी जांच में मदद नहीं करेंगे। बेनी ने जोर देकर कहा है कि वे इस्राइल के अंदरूनी मामलों में किसी बाहरी दखल को स्वीकार नहीं करेंगे।
अल जजीरा चैनल द्वारा शिरीन की मौत का मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाया गया था। संयुक्त राष्ट्र तक में इस प्रकरण की चर्चा उठाई गई थी। दुनिया भर के पत्रकार संघों ने शिरीन की मौत की निष्पक्ष जांच की मांग की थी। फिलिस्तीन के तो लगभग सभी सामाजिक संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किए थे। शिरीन के जनाजे में हजारों लोग इकट्ठे हुए थे और उन्होंने इसे ‘हत्या’ बताते हुए इसका दोष इस्राएल के सैनिकों पर मढ़ा था।
टिप्पणियाँ