सामग्री
गेहूं की थुली/ दलिया, गुड़, घी, इलायची, मेवे (काजू, बादाम, किशमिश)
‘गुड़ की थुली’ राजस्थान का एक जायकेदार व्यंजन है जिसे ‘लापसी’ और ‘मीठा दलिया’ भी कहा जाता है। जायके के साथ-साथ ये एक पौष्टिक और गुणकारी व्यंजन भी है।
जैसा इसके नाम से ही प्रतीत होता है, यह एक प्रकार का मीठा व्यंजन है, जिसे राजस्थान में आमतौर पर प्रमुख त्योहारों या मांगलिक कार्यक्रमों पर बनाया जाता है। लोग इसे नाश्ते के तौर पर भी इस्तेमाल करते हैं। इसे काफी पौष्टिक माना जाता है। इसमें आयरन, फाइबर और मैग्निशियम भरपूर मात्रा में होते हैं। प्रस्तुति : निशु शर्मा
बनाने की विधि
इसे बनाने के लिए सबसे पहले, कढ़ाही लें और उसमें करीब 2 चम्मच घी डालें। फिर उसमें 2-3 कटोरी गेहूं का दलिया डालें और उसे हल्का भूरा होने तक अच्छे से सेंक लें। अब इसमें गुड़ के टुकड़े डाल दें। फिर, इसे ढक कर रख दें और गुड़ और थुली को अच्छे से मिलने दें। कुछ देर बाद आप देखेंगे कि थुली का रंग गहरा भूरा हो जाएगा। अब इसमें आप पिसी हुई इलायची और अपनी पसंद के अनुसार मेवे डाल लें। और तैयार हो गई आपकी पौष्टिक ‘गुड़ की मीठी थुली’। अगर आप इसे कुकर में बना रहे है तो ये एक सीटी में ही तैयार हो जाएगी। आप गर्म-गर्म थुली को बेसन की कढ़ी केसाथ भी खा सकते हैं।
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