जुगियाल, पंजाब का अर्धपहाड़ी इलाका है। इसके शाहपुरकंडी के साथ लगते गांव जेनी ऊपरली में एक 14 वर्षीय सिख बच्ची का ईसाई मिशनरी ने जबरन कन्वर्जन करवा दिया। परिवार वालों को इस बात की भनक भी नहीं लगी। कुछ दिन पहले परिवार के लोग गुरुद्वारा साहिब गए तो बच्ची ने वहां कड़ाह प्रसाद (हलवे का प्रसाद) व लंगर छकने से इंकार कर दिया। बच्ची की हरकत देख कर परिवार वालों ने जब सख्ती से पूछा तो पता चला कि उनकी नाबालिग बेटी का कन्वर्जन हो चुका है और ईसाई प्रचारक उसे ईसा मसीह की भेड़ में परिवर्तित कर चुके हैं। बात फैलने पर सरबत दा भला ट्रस्ट जेनी ऊपरली के प्रधान सरदार गुरदीप सिंह की देखरेख में कई निहंग संगठनों के नेता भी इसके विरोध में शाहपुरकंडी थाने में जमा हो गए। हालात को देखते हुए डी.एस.पी. राजेंद्र सिंह मिन्हास मौके पर पहुंचे तथा सरबत दा भला ट्रस्ट एवं निहंग संगठनों के साथ बातचीत की।
बच्ची की मां की शिकायत पर आरोपी रानी ठाकुर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। डी.एस.पी. रजिंद्र सिंह मिन्हास ने बताया कि शाहपुरकंडी थाने में महिला ने शिकायत दी है कि उसकी 14 वर्षीय बेटी जो 10वीं कक्षा में पढ़ती है व उसने अमृत धारण किया हुआ है तथा उसकी एक रिश्तेदार रानी उसे बहला-फुसलाकर चर्च में ले जाती थी और उस पर दबाव बनाकर उसका कन्वर्जन करा दिया। पुलिस ने आरोपी महिला के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। जत्थेदार धन गुरु ग्रंथ साहिब सत्कार कमेटी पठानकोट के निहंग सिमरनजीत सिंह, जत्थेदार अर्जुन सिंह, सूरज सिंह, हरजिंदर सिंह, हरजोत सिंह, मनिंदर सिंह, अर्जुन सिंह, उदय ठाकुर, बल्ली काहलों सहित काफी संख्या में लोग उपस्थित थे। इस घटना से प्रदेश में सिख समाज में आक्रोश है।
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