शराब नीति पर सीबीआई के केस दर्ज करने के बाद चारो तरफ से भ्रष्टाचार के आरोपों की बौछार का सामना कर रहे दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल गुजरात तथा हिमाचल प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए दिल्ली के शिक्षा मॉडल और स्वास्थ्य मॉडल की तारीफों के पुल बांधकर सत्ता पर काबिज होने के सपने देख रहे है।
केजरीवाल और उनके मंत्री दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक की व्यवस्था को अपनी सफलता मान कर खुद की पीठ थप-थपा रहे है, लेकिन आर.टी.आई से मिली जानकारी के अनुसार इस व्यवस्था में से भी घोटाले की बू आ रही है।
दरअसल सुजीत स्वामी द्वारा डाली गई आरटीआई से प्राप्त जानकारी से पता चला है कि दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक में मरीजों की संख्या में तो कोई खास इजाफ़ा नहीं हुआ किन्तु एक मोहल्ला क्लीनिक पर होने वाले सालाना खर्चे में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी हो गयी है।आरटीआई में दिल्ली सरकार के मोहल्ला क्लीनिक के संदर्भ में वर्ष 2015-16 से लेकर जुलाई 2022 तक विभिन्न जानकारी मांगी थी। जिसका जवाब डॉ शैली कामरा, स्टेट प्रोग्राम अफसर, एएमसी सेल द्वारका ने अगस्त माह में उपलब्ध कराया।
इसके बाद, जवाब के बारे में लिखते हुए सुजीत स्वामी ने ट्वीट करते हुए केजरीवाल सरकार से सवाल पूछा “2018-19 में प्रति मरीज खर्चा 22.30/- रुपये से 2020-21 में प्रति मरीज खर्चा 97.96/- रुपये कैसे हुआ?”
@ArvindKejriwal ji @msisodia ji please बताए स्वास्थय मॉडल #mohalla_clinic #Delhi
218-19 प्रति मरीज खर्चा – 22.30/- Rs
2020-21 में प्रति मरीज खर्चा- 97.96/-Rs
केसे हुआ?
देखे पुरा वीडियो https://t.co/J5nRZQM6pR@AamAadmiParty @BJP4Delhi @ManojTiwariMP @BJP4Gujarat pic.twitter.com/ghU97u69cm— Sujeet Swami️ (@shibbu87) September 5, 2022
दरअसल सुजीत ने जानकारी मांगी थी कि वर्ष 2015 से लेकर जुलाई 2022 तक कितने मरीज मोहल्ला क्लीनिक में आये, कितने एमबीबीएस डॉक्टर, कंपाउंडर,नर्स कार्य कर रही है और मोहल्ला क्लीनिक को चलाने में इन वर्षो में कितना खर्चा हुआ। मोहल्ला क्लीनिक को चलाने वाले खर्चे की जानकारी वर्ष 2018-19 से जुलाई 2022 तक की मुहैया कराई गई जबकि वर्ष 2018 से पहले मोहल्ला क्लीनिक पर कितना खर्च हुआ की जानकारी नहीं दी गयी।
प्राप्त जानकारी से पता चला कि वर्ष 2018-19 में प्रति मरीज खर्चा 22.30/-रुपये था जो वर्ष 2019-20 में 3.60 प्रतिशत तक बढ़ कर प्रति मरीज खर्चा 80.25/- रुपये हो गया, जबकि मरीजों की संख्या जो पहले 83 मरीज प्रतिदिन थी जो 30 प्रतिशत घटकर वर्ष 2019-20 में 59 मरीज प्रतिदिन ही रह गयी। मरीजों की संख्या में भले ही गिरावट देखने को मिली लेकिन एक मोहल्ला क्लीनिक पर सालाना खर्चा वर्ष 2018-19 में 6.77 लाख रुपये था जो वर्ष 2019-20 में ढाई गुना बढ़कर 17.39 लाख रुपये हो गया।
इस प्रकार वर्ष 2020-21, 2021-22 में प्रति मरीज खर्चा 97.96/-रुपये व 88.16/-रुपये रहा और प्रतिदिन मरीजों की संख्या 83.10 एवं 96.51 रही। इन दोनों वर्षो में भी प्रति मोहल्ला क्लीनिक चलाने का खर्चा सालाना 29.72 लाख रुपये तथा 31.06 लाख रुपये हो गया।
वित्तीय वर्ष जुलाई 2022 तक यानि की चार महीने में मोहल्ला क्लीनिक पर प्रति माह 2.85 लाख रुपये से ज्यादा का खर्चा कर डाला । इन चार महीनों में कितने मरीजों का इलाज हुआ यह डाटा उपलब्ध नहीं करवाया गया ।
इस प्रकार वर्ष 2018-19 में 12,79,94,662 /-, 2019-20 में 84,32,40,370/-, 2020-21 में 1,49,47,28,025/, 2021-22 में 1,61,18,70,462/- एवं अप्रैल से जुलाई 2022 तक 59,59,81,058/- रुपये मोहल्ला क्लीनिक पर खर्च रहा।
मोहल्ला क्लीनिक की संख्या वर्ष 2015-16 से जुलाई 2022 तक क्रमश: 107,162,166,189,485,503,519 & 522 रही जबकि इनमें 511 डॉक्टर,520 फार्मासिस्ट, 491 MCA, एवं 516 MTW कार्यरत है।
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