कंगाली ने मजबूर किया जिस्मफरोशी के लिए, 30 फीसदी बढ़ी श्रीलंका में 'सैक्स वर्कर्स' की तादाद
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कंगाली ने मजबूर किया जिस्मफरोशी के लिए, 30 फीसदी बढ़ी श्रीलंका में ‘सैक्स वर्कर्स’ की तादाद

हालत इतनी बुरी हो गई है कि लोग काम की तलाश में दर-दर भटक रहे हैं, दो वक्त की रोटी के लिए बेचैन हैं

by WEB DESK
Jun 3, 2022, 06:00 pm IST
in विश्व
श्रीलंका में केरोसिन तेल की लाइन में लगीं महिलाएं

श्रीलंका में केरोसिन तेल की लाइन में लगीं महिलाएं

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हालत इतनी बुरी हो गई है कि लोग काम की तलाश में दर-दर भटक रहे हैं, दो वक्त की रोटी के लिए बेचैन हैं। उल्लेखनीय है कि श्रीलंका की ऐसी तबाही के पीछे कोई और नहीं बल्कि वहां की सरकार की नीतियां हैं

श्रीलंका की बदहाली उस स्तर पर पहुंच गई है कि गरीब परिवारों के पुरुषों और महिलाओं के लिए परिवार पालना मुश्किल होता जा रहा है। खाने के लाले पड़े हैं। जेब में न पैसा है, न रोजगार ही बचा है। ऐसे में अनेक महिलाओं ने जिस्मफरोशी की राह पकड़ी है। यह हैरान करने वाला दुखद तथ्य हाल ही में वहां हुए एक अध्ययन में सामने आया है।

श्रीलंका में आर्थिक संकट की वजह से लोग भयंकर तंगी का सामना कर ही रहे हैं। इन्हीं हालात में जनवरी 2022 से अब तक महिलाओं के वेश्यावृति के कारोबार में उतरने के मामले 30 फीसदी बढ़ चुके हैं।

 

कोलंबो हवाई अड्डे के पास एक रिहायशी इलाके के निकट एक ‘आयुर्वेदिक स्पा’ का विज्ञापन छपा दिखा। वहां काम करने वाली 33 वर्षीय महिला से बात करने पर पता चला कि श्रीलंका की स्तरहीन राजनीति में उलझी केन्द्र सरकार ने उनके जीवन को किस तरह बर्बाद करके रख दिया है। उस महिला ने बताया कि उसके बच्चों का पेट भरने के लिए यह काम ही अब आखिरी उम्मीद है।

कोरोना काल के बाद से लगातार यह देश आर्थिक संकट से घिरता ही जा रहा है। हालत इतनी बुरी हो गई है कि लोग काम की तलाश में दर— दर भटक रहे हैं, दो वक्त की रोटी के लिए बेचैन हैं। उल्लेखनीय है कि श्रीलंका की ऐसी तबाही के पीछे कोई और नहीं बल्कि वहां की सरकार की नीतियां हैं। हालात इतने बुरे हो गए हैं कि वहां की महिलाओं को बच्चों के भोजन के लिए अपनी अस्मिता को दांव पर लगाना पड़ रहा है, उन्हें वेश्यावृत्ति के कारोबार में उतरना पड़ रहा है। मीडिया की तहकीकात में जग ये खुलासा हुआ, तो इसे जानकर होश तो उड़े ही, गहन दुख भी हुआ।

एक मीडिया समाचार के अनुसार, कोलंबो हवाई अड्डे के पास एक रिहायशी इलाके के निकट एक ‘आयुर्वेदिक स्पा’ का विज्ञापन छपा दिखा। वहां काम करने वाली 33 वर्षीय महिला से बात करने पर पता चला कि श्रीलंका की स्तरहीन राजनीति में उलझी केन्द्र सरकार ने उनके जीवन को किस तरह बर्बाद करके रख दिया है। उस महिला ने बताया कि उसके बच्चों का पेट भरने के लिए यह काम ही अब आखिरी उम्मीद है।

कोलंबो की उस महिला ने आगे बताया कि पिछले दो हफ्ते से वह अपना और अपने परिवार का पेट भरने के लिए इस बदनाम कारोबार में खुद को डाले हुए है। श्रीलंका सरकार की घातक नीतियों की वजह से ऐसी कहानी सिर्फ उस महिला की ही नहीं है। एक सर्वे का आंकड़ा बताता है कि बीते 5 महीने में श्रीलंका में वेश्यावृत्ति के कारोबार में उतरने वाली महिलाओं की तादाद में 30 फीसदी की बढ़त हुई है जो देश की सरकार के माथे पर एक कलंक जैसा ही है।

Topics: श्रीलंका में आर्थिक संकटश्रीलंका में 'सैक्स वर्कर्स' की तादादपुरुषों और महिलाओं के लिए परिवार पालना मुश्किलश्रीलंका में केरोसिन तेल
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