खनन माफिया हाजी इकबाल और उसके भाई महमूद के कारोबार में साझेदार रहे अमित जैन ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया है। अमित का आरोप है इन दोनों भाइयों ने बिना उनकी जानकारी के बैंकों से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लेन-देन किया।
यूपी के सबसे बड़े खनन माफिया हाजी इकबाल और उसके भाई महमूद के कारोबार में साझेदार रहे अमित जैन ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया है। अमित का आरोप है इन दोनों भाइयों ने बिना उनकी जानकारी के बैंकों से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लेन-देन किया।
हाजी इकबाल और महमूद अली पर गैंगस्टर एक्ट लगा है। सहारनपुर जिला प्रशासन उनकी सम्पत्तियों को कुर्क कर रहा है। प्रशासन का कहना है ये संपत्तियां अवैध कारोबार से अर्जित की गई हैं। अभी तक 21 करोड़ की सम्पत्तियों को कुर्क किया गया है। जांच में दोनों गैंगस्टरों के द्वारा अपने यहां काम करने वाले मजदूर नसीम के नाम से 600 बीघा जमीन और तीन शुगर मिल खरीदी गई थीं। नसीम की गिरफ्तारी के बाद इन्हें भी प्रशासन ने कुर्क करने का काम शुरू कर दिया है। नसीम हर महीने बीपीएल राशन कार्ड से सरकारी राशन लेता था, दूसरी ओर उसके नाम करोड़ों की सम्पत्तियों का खुलासा हुआ है।
दोनों गैंगस्टरों के साझेदार रहे अमित जैन ने हाजी इकबाल, महमूद अली और चार अन्य के खिलाफ पुलिस में धोखधड़ी का मामला दर्ज कराया है, जिसमें नसीम का नाम भी शामिल है। एसएसपी आकाश तोमर के मुताबिक एफआईआर में अमित जैन ने आरोप लगाया है कि वह इनके कारोबार में केवल 5 प्रतिशत का हिस्सेदार था, लेकिन इनके द्वारा जानकारी दिये बिना बैंकों में फर्जी दस्तावेज लगाकर खातों का संचालन किया गया। खनन पट्टे और अन्य काम किए गए। इस मामले की रिपोर्ट मिर्जापुर थाने में दर्ज कर ली गयी है।
उल्लेखनीय है कि यमुना में पर्यावरण क्षति पहुंचाने के मामले में हाजी इकबाल, महमूद अली के साथ साथ अमित जैन के खिलाफ भी एनजीटी ने 50 करोड़ का जुर्माना लगाया हुआ है। जांच में ये भी विषय सामने आया है कि अमित जैन इतनी हैसियत वाला आदमी नहीं है और इसके नाम से गैंगस्टरों ने अपना अवैध कारोबार चलाया।
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