हल्द्वानी रेलवे स्टेशन से जुड़ी रेलवे की जमीन पर चार हजार से ज्यादा लोगों ने कब्जा किया हुआ है, जिसकी वजह से रेलवे स्टेशन के विस्तार का काम रुका हुआ है. हाई कोर्ट के आदेशों के बावजूद उत्तराखंड सरकार और रेलवे प्रशासन पिछले 6 सालों से ये अतिक्रमण नहीं हटा सका है।
नैनीताल हाई कोर्ट ने इस अतिक्रमण के खिलाफ दायर याचिका की पुनः सुनवाई करते हुए उत्तराखंड शासन और रेलवे प्रशासन को 6 अप्रैल तक रिपोर्ट देने को कहा है कि आखिर क्यों अब तक हाई कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं किया गया। हल्द्वानी रेलवे स्टेशन के साथ रेलवे विभाग की 29 एकड़ जमीन पर 4365 लोगों ने अवैध कब्जा किया हुआ है। इस जमीन पर ट्रेनों के खड़ा करने और उनकी की सफाई करने का यार्ड बनाया जाना है। साथ ही इसी जमीन पर डबल लाइन का काम भी प्रस्तावित है। किंतु अतिक्रमण की वजह से ये काम रुका हुआ है।
ढोलक बस्ती कही जाने वाले इस क्षेत्र के लोगों को वोट के कारण राजनीतिक संरक्षण मिलता रहा है। इस बस्ती को खाली करवाने के लिए हल्द्वानी निवासी रवि कांत जोशी ने नैनीताल हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी जिसपर 2016 में कोर्ट ने सरकार और रेलवे प्रशासन को आदेश दे दिया था कि दस हफ्ते में यह स्थान खाली करवाया जाए। जानकारी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट से भी कुछ ऐसे ही आदेश पहले भी हो चुके थे तब शासन ने छुट पुट कार्रवाई करके कुछ हिस्सा खाली भी करवा दिया था। उसके बाद सरकार और रेलवे प्रशासन इसे पूरी तरह से खाली नहीं करवा पायी।
नैनीताल हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्र ने रेलवे और शासन को इस बारे में 6 अप्रैल तक रिपोर्ट देने को कहा है और पूछा है कि क्यों नहीं अभी तक ये अतिक्रमण हटाया जा सका है? जानकारी के मुताबिक हाई कोर्ट के आदेशों के बाद से उत्तराखंड शासन और रेलवे प्रशासन में हड़कंप मच गया है और अब इस अतिक्रमण को हटाए जाने की तैयारी चल रही है।
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