चमोली जिले के मुख्यालय गोपेश्वर में भगवान शिव के मंदिर परिसर में हुरियारों ने जमकर गुलाल खेला। कोविड के बाद पहली बार मन्दिर में होली का रंग उड़ाया गया। हजारों श्रद्धालुओं ने भोले भंडारी की आस्था में होली खेली।
मान्यता है कि इसी स्थान पर से ही भगवान शिव गोपी रूप धारण कर वृंदावन पहुंचे। रासलीला में गोपियों बीच भगवान श्रीकृष्ण ने गोपी रूप धारण किए भगवान शिव को पहचान लिया और भगवान शिव का गोपीनाथ नाम से पुकारा। जिसके बाद से भगवान शिव को गोपेश्वर के गोपीनाथ मंदिर में पूजा जाता है। माना जाता है भगवान शिव के इस मंदिर की स्थापना आदिगुरु शंकराचार्य द्वारा की गई थी। करीब दो साल के अंतराल के बाद हजारों शिव भक्त यहां गोपेश्वर मंदिर प्रांगण में जुटे और हुरियारों के रूप में उन्होंने परंपरागत नृत्य के साथ होली खेली।
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