रूस और यूक्रेन के युद्ध पर अब दुनिया भर में आतंक फैला रहे जिहादी गुट आईउसआईएस ने मुस्लिमों को भड़काना शुरू कर दिया है। उसने कहा है कि ये जंग अल्लाह का कहर है, मुसलमान खुद को इससे दूर रखें, ये जंग काफिरों को खात्म कर देगी। रूस की यूक्रेन पर तेज होती बमबारी के दौरान आईएसआईएस के इस प्रौपेगेंडा का सामने आना विशेषज्ञों के लिए हैरानी की बात बन गया है।
रूस औऱ यूक्रेन के बीच जारी युद्ध से जबरदस्त तबाही मची है। लेकिन अब इस प्रकरण के बीच इस्लामिक जिहादी गुट आईएसआईएस भी उतर आया है। उसने अपना दुष्प्रचार शुरू किया है। जिहादी गुट का कहना है कि 'ये जंग उनके बीच है जो अल्लाह को नहीं मानते, ये जंग इस्लाम के दुश्मनों को खत्म कर देगी'।
उल्लेखनीय है कि ये प्रोपेगेंडा जिहादी गुट आईएसआईएस से जुड़े साप्ताहिक अखबार 'अल-नाबा' की उस रिपोर्ट में शामिल है, जिसमें रूस—यूक्रेन युद्ध की चर्चा करते हुए इसे ‘पश्चिम के विरुद्ध अल्लाह का कहर’ बताया गया है। रिपोर्ट में लिखा है, “रूस तथा यूक्रेन के बीच जिस तरह की खूनी जंग चल रही है, वह अल्लाह का अजाब है। इसका कुरान में भी जिक्र मिलता है।” इसी रिपोर्ट में आगे है कि ''ये जंग लंबी खिंचे या न खिंचे, लेकिन रूस-यूक्रेन की ये जंग अपराधी मुल्कों के दरम्यान अगली जंगों की शुरुआत है। ये जो मौतों और तबाही की छोटी सी झलक दिख रही है ये उन हालातों की मिसाल है, जिसमें बड़ी भयंकर जंग होती हैं।''
अखबार आगे लिखता है, “क्रूसेड बनाम क्रूसेडर की जंग तो अभी अपने पहले दौर में है। या अल्लाह इन जंगों को बढ़ाता रख तथा इनके दिलों में खौफ भर दे।”आईएसआईएस दावा करता है कि रूस—यूक्रेन युद्ध का नतीजा बड़ा भयंकर होगा। इतना ही नहीं, इस जिहादी गुट का ये भी कहना है कि 'इस जंग से किसी को हैरान होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि ये तो अमेरिका की ‘समर्थन व काबू’ नीति का नतीजा है। ये जंग पूर्वी यूरोप के मुल्कों पर अपना कब्जा जमाने में लगे अमेरिका और रूस के बीच चल रही खींचतान का नतीजा है'।
'अल–नाबा' की रिपोर्ट में लिखा है, “रूस तथा यूक्रेन के बीच जिस तरह की खूनी जंग चल रही है, वह अल्लाह का अजाब है। इसका कुरान में भी जिक्र मिलता है।…ये जंग लंबी खिंचे या न खिंचे, लेकिन रूस–यूक्रेन की ये जंग अपराधी मुल्कों के दरम्यान अगली जंगों की शुरुआत है। ये जो मौतों और तबाही की छोटी सी झलक दिख रही है ये उन हालातों की मिसाल है, जिसमें बड़ी भयंकर जंग होती हैं।''
ध्यान रहे, जब सीरिया में गृहयुद्ध मचा था, उस वक्त भी रूस और यूक्रेन आईएसआईएस के विरुद्ध लड़ रहे थे। तब रूस सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद के समर्थन में था, जबकि यूक्रेन उस अंतरराष्ट्रीय गठजोड़ में शामिल था जिसने सीरिया में इस जिहाद गुट को परास्त किया था।
इस प्रोपेगेंडा के जरिए आईएसआईएस ने मुसलमानों से इस जंग में शामिल न होने की अपील करते हुए, भयंकर तबाही की इच्छा जताई है। उल्लेखनीय है कि रूस द्वारा यूक्रेन के विरुद्ध युद्ध के लिए चेचन्या के इस्लामी लड़ाकों को खड़ा किया गया था, उसे इस जिहादी गुट ने ‘इस्लाम के खिलाफ जाती मिलिशिया’ठहराया था।
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