प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी बुधवार को बाराबंकी पहुंचे, जहां उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में दशकों तक जिन घोर परिवारवादियों की सरकार रही, उन्होंने प्रदेश के सामर्थ्य के साथ इंसाफ नहीं किया। इन घोर परिवारवादियों ने यूपी के लोगों को कभी भी खुलकर अवसर ही नहीं दिया। घोर परिवारवादी जानते थे कि अगर गरीब के पास घर, बिजली, सड़क और शौचालय हो गया तो फिर घोर परिवारवादियों के पास कौन जाएगा। ये घोर परिवारवादी चाहते हैं गरीब हमेशा उनके चरणों में रहे और उनके चक्कर लगाता रहे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यूपी का सामर्थ्य बढ़ाने में यहां की 10 करोड़ से अधिक हमारी बहनों और बेटियों की बहुत बड़ी भूमिका है। अगर हमारी बहनें, बेटियां बंधन में रहेंगी तो यूपी तेज विकास की गति प्राप्त नहीं कर सकता। जब माताओं, बहनें,बेटियों का सामर्थ्य बढ़ाता है तब परिवार,देश,समाज का सामर्थ्य बढ़ाता है। दुर्भाग्य से पहले की सरकारों ने हमारी बेटियों की जरूरतों और परेशानियों पर बिल्कुल ही आंखें बंद कर ली थी। अगर उनके हृदय में जरा भी दर्द होता तो क्या वो उन मनचलों को खुली छूट देते, जो स्कूल से आने जाने वाली हमारी बेटियों को छेड़ते थे।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यूपी में इतने दशकों तक कांग्रेस, सपा, बसपा की सरकारें रहीं, लेकिन योगी जी के आने के पहले यूपी में 11 हज़ार महिला पुलिसकर्मी ही थीं। लेकिन बीते 5 साल में ही बीजेपी सरकार ने लगभग 20 हज़ार नई भर्तियां बेटियों की पुलिस में की हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि हम परिवार वाले नहीं हैं, लेकिन हम सभी परिवारों के दर्द की पहचान करते हैं क्योंकि पूरा भारत हमारा परिवार है, पूरा उत्तर प्रदेश मेरा परिवार है। आप सभी मेरे परिवार के सदस्य हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि मैं उन राजवंशों से पूछना चाहता हूं जो कहते हैं कि उनका परिवार है और परिवारों का दर्द जानते हैं, उन्होंने मुस्लिम बेटियों की परवाह क्यों नहीं की? उन्हें अपने छोटे बच्चों के साथ अपने पिता के घर लौटना पड़ा। उन्होंने परिवारों का दर्द क्यों नहीं महसूस किया ?
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों ने हमारी बेटियों की जरूरतों और समस्याओं से आंखें मूंद ली थी। अगर उनमें जरा सी भी हमदर्दी होती तो क्या वे उन गुंडों को आजादी देते जो हमारी स्कूल जाने वाली बेटियों के साथ छेड़खानी करते थे? आज गुंडे जानते हैं कि सीमा पार करने पर होगी सख्त कार्रवाई।
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