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गायत्री प्रजापति के खिलाफ दर्ज एफआईआर निरस्त करने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट नाराज

by WEB DESK
Feb 21, 2022, 10:13 am IST
in भारत, उत्तर प्रदेश
प्रतीकात्मक - चित्र

प्रतीकात्मक - चित्र

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गायत्री प्रजापति के खिलाफ दर्ज एफआईआर को निरस्त करने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि इस तरह की याचिका बर्दाश्त नहीं की जा सकती है।

 

सुप्रीम कोर्ट ने रेप के आरोपित उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति के खिलाफ दर्ज एफआईआर को निरस्त करने की मांग पर नाराजगी जताई है। जस्टिस एमआर शाह की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि जब हाईकोर्ट तय कानूनी प्रक्रिया के तहत एफआईआर निरस्त करने की मांग पर सुनवाई कर सकता है तो सुप्रीम कोर्ट में ऐसी याचिका दाखिल क्यों की गई। कोर्ट ने कहा कि इस तरह की याचिका बर्दाश्त नहीं की जा सकती है।

सुनवाई के दौरान प्रजापति के वकील ने कहा कि मामले में आरोपित को दोषी करार दिया जा चुका है। ऐसे में अब इस याचिका का कोई मतलब नहीं बनता है। मामले में दूसरी याचिका अभी हाईकोर्ट में लंबित है। सुप्रीम कोर्ट का रुख देखकर उन्होंने याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया।

पीड़ित महिला समाजवादी पार्टी की कार्यकर्ता है। उसके मुताबिक गायत्री प्रजापति ने 2014 से जुलाई 2016 तक 2 साल उसके साथ लगातार रेप किया। प्रजापति और उनके सहयोगियों ने कुछ मौकों पर उसके साथ सामूहिक रेप भी किया। जब प्रजापति ने उसकी 14 साल की बेटी के साथ बलात्कार की कोशिश की तब उसने पुलिस में शिकायत की । कोई कार्रवाई न होने पर उसने 7 अक्टूबर 2016 को प्रदेश के डीजीपी से भी शिकायत की लेकिन वहां भी कोई कार्रवाई नहीं हुई । तब उसने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था जिसके बाद प्रजापति के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिेए गए थे।

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