दिव्यांगों के लिए 'देवता' थे डॉ. प्रमोदकरण सेठी
July 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

दिव्यांगों के लिए ‘देवता’ थे डॉ. प्रमोदकरण सेठी

by WEB DESK
Jan 6, 2022, 11:37 am IST
in भारत, दिल्ली
डॉ. प्रमोदकरण सेठी

डॉ. प्रमोदकरण सेठी

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail
भारत में कृत्रिम पैरों का निर्माण कर हजारों दिव्यांगों के जीवन में प्रकाश फैलाने वाले डॉ. प्रमोदकरण सेठी को कई पुरस्कार मिले थे। 6 जनवरी, 2008 को उनका निधन हो गया था।

आज 'जयपुर फुट' यानी कृत्रिम पैरों के कारण हजारों दिव्यांगों का जीवन सहज हो गया है। जो लोग किसी कारण से अपने पैर खो बैठे थे, आज वे एक सामान्य व्यक्ति की तरह जीवन जी रहे हैं। जयपुर फुट के निर्माता थे डॉ. प्रमोदकरण सेठी। जब भी वे पैर से अपंग किसी व्यक्ति को देखते थे, तो उनके मन में बड़ी पीड़ा होती थी। यही कारण है कि उन्होंने एक दिन ऐसे लोगों के लिए कृत्रिम पैर तैयार करने का निर्णय लिया और इस काम में वे जुट गए। अंतत: उन्हें सफलता मिली और उन्होंने इसेे ‘जयपुर फुट’ नाम दिया। इस काम के लिए वे कुछ ही समय में पूरी दुनिया में विख्यात हो गए। उल्लेखनीय है कि इससे पहले पैर से अपंग किसी व्यक्ति को लकड़ी की टांग लगाई जाती थी। इस कारण उसे बड़ी दिक्कत होती थी। वह पैर को मोड़ नहीं सकता था। वहीं जयपुर फुट को लगाना और उसका प्रयोग करना बहुत ही आसान है। जयपुर फुट में रबड़ का ऐसा घुटना भी बनाया गया, जिससे पैर मुड़़ सकता था। थोड़े अभ्यास के बाद व्यक्ति इससे स्वाभाविक रूप से चलने लगता था और देखने वाले को उसकी दिव्यांगता का पता ही नहीं लगता था। इससे उसके आत्मविश्वास में बहुत वृद्धि होती है। आज जयपुर फुट के कारण आत्मविश्वास पाने वाले दिव्यांग पूरी दुनिया में हैं।
डॉ. प्रमोदकरण सेठी का जन्म 28 नवंबर, 1927 को वाराणसी में हुआ था। उनके पिता काशी हिंदू विश्वविद्यालय में भौतिकीशास्त्र के प्राध्यापक थे। अतः पढ़ने-लिखने का वातावरण उन्हें बचपन से ही मिला। प्रारम्भिक शिक्षा पूर्ण कर उन्होंने सरोजिनी नायडू चिकित्सा महाविद्यालय, आगरा से 1949 में चिकित्सा स्नातक और फिर 1952 में परास्नातक की उपाधि प्राप्त की।
इसके बाद भी डॉ. सेठी की शिक्षा की भूख समाप्त नहीं हुई। उनकी रुचि शल्य चिकित्सा में थी। अतः उन्होंने एडिनबर्ग के रॉयल मेडिकल कॉलेज ऑफ सर्जन्स में प्रवेश ले लिया। 1954 में यहां से एफ.आर.सी.एस. की उपाधि लेकर वे भारत लौटे और राजस्थान में जयपुर के सवाई मानसिंह चिकित्सा महाविद्यालय में शल्यक्रिया विभाग में प्राध्यापक बने। 1982 तक डॉ. सेठी इसी महाविद्यालय में काम करते रहे। इसके साथ ही उन्होंने सन्तोखबा दुरलाभजी स्मृति चिकित्सालय में अस्थियों पर विस्तृत शोध किया। इससे दूर-दूर तक उनकी ख्याति एक अस्थि विशेषज्ञ के रूप में हो गई। इन्हीं दिनों उन्होंने दिव्यांगों के जीवन को सहज बनाने के लिए कृत्रिम पैर बनाने का सपना देखा।  
जयपुर फुट का प्रयोग दुनिया के कई प्रमुख लोगों ने किया। इनमें भारत की प्रसिद्ध नृत्यांगना सुधा चन्द्रन भी हैं। एक फिल्म निर्माता ने उनकी अपंगता और फिर से कुशल नर्तकी बनने की कहानी को फिल्म ‘नाचे मयूरी’ के माध्यम से पर्दे पर उतारा। इससे डॉ. सेठी का नाम घर-घर तक पहुंच गया। इस कार्य के लिए उन्हें अनेक पुरसकार मिले।
लाखों दिव्यांगों के जीवन में नया उजाला भरने वाले डॉ. प्रमोदकरण सेठी 6 जनवरी,2008 को इस नश्वर शरीर को छोड़कर वहां चले गए, जहां से कोई नहीं लौटता है।

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

उत्तराखंड : सील पड़े स्लाटर हाउस को खोलने के लिए प्रशासन पर दबाव

पंजाब में ISI-रिंदा की आतंकी साजिश नाकाम, बॉर्डर से दो AK-47 राइफलें व ग्रेनेड बरामद

बस्तर में पहली बार इतनी संख्या में लोगों ने घर वापसी की है।

जानिए क्यों है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का गुरु ‘भगवा ध्वज’

बच्चों में अस्थमा बढ़ा सकते हैं ऊनी कंबल, अध्ययन में खुलासा

हमले में मारी गई एक युवती के शव को लगभग नग्न करके गाड़ी में पीछे डालकर गाजा में जिस प्रकार प्रदर्शित किया जा रहा था और जिस प्रकार वहां के इस्लामवादी उस शव पर थूक रहे थे, उसने दुनिया को जिहादियों की पाशविकता की एक झलक मात्र दिखाई थी  (File Photo)

‘7 अक्तूबर को इस्राएली महिलाओं के शवों तक से बलात्कार किया इस्लामी हमासियों ने’, ‘द टाइम्स’ की हैरान करने वाली रिपोर्ट

राजस्थान में भारतीय वायुसेना का Jaguar फाइटर प्लेन क्रैश

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

उत्तराखंड : सील पड़े स्लाटर हाउस को खोलने के लिए प्रशासन पर दबाव

पंजाब में ISI-रिंदा की आतंकी साजिश नाकाम, बॉर्डर से दो AK-47 राइफलें व ग्रेनेड बरामद

बस्तर में पहली बार इतनी संख्या में लोगों ने घर वापसी की है।

जानिए क्यों है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का गुरु ‘भगवा ध्वज’

बच्चों में अस्थमा बढ़ा सकते हैं ऊनी कंबल, अध्ययन में खुलासा

हमले में मारी गई एक युवती के शव को लगभग नग्न करके गाड़ी में पीछे डालकर गाजा में जिस प्रकार प्रदर्शित किया जा रहा था और जिस प्रकार वहां के इस्लामवादी उस शव पर थूक रहे थे, उसने दुनिया को जिहादियों की पाशविकता की एक झलक मात्र दिखाई थी  (File Photo)

‘7 अक्तूबर को इस्राएली महिलाओं के शवों तक से बलात्कार किया इस्लामी हमासियों ने’, ‘द टाइम्स’ की हैरान करने वाली रिपोर्ट

राजस्थान में भारतीय वायुसेना का Jaguar फाइटर प्लेन क्रैश

डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी

किशनगंज में घुसपैठियों की बड़ी संख्या- डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी

गंभीरा पुल बीच में से टूटा

45 साल पुराना गंभीरा ब्रिज टूटने पर 9 की मौत, 6 को बचाया गया

पुलवामा हमले के लिए Amazon से खरीदे गए थे विस्फोटक

गोरखनाथ मंदिर और पुलवामा हमले में Amazon से ऑनलाइन मंगाया गया विस्फोटक, आतंकियों ने यूज किया VPN और विदेशी भुगतान

25 साल पहले किया था सरकार के साथ फ्रॉड , अमेरिका में हुई अरेस्ट; अब CBI लायेगी भारत

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies