कोरोना का नया वेरिएंट ओमिक्रॉन दुनियाभर में तेजी से फैल रहा है। अभी तक करीब 35 देशों में दस्तक दे चुका है और 400 के करीब मरीज इसकी चपेट में आ चुके हैं। CSIR इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी के डायरेक्टर अनुराग अग्रवाल ने लोगों को सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि ओमिक्रॉन वेरिएंट शरीर के इम्यूनिटी सिस्टम को धोखा दे सकता है। यह पिछले वेरिएंट्स से अलग है। जिन लोगों की इम्यूनिटी बेहतर है और वैक्सीन भी लगवा चुके हैं उन्हें भी सावधानी बरतना जरूरी है।
डॉ. अनुराग अग्रवाल ने यह भी कहा कि ओमिक्रॉन में वे सभी एलिमेंट्स हैं, जिनकी वजह से तीसरी लहर का खतरा है, लेकिन ऐसे में घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि सावधानी बरतने और कोविड गाइडलाइन के पालन की जरूरत है। डेल्टा प्लस वेरिएंट के दौरान भी डॉ. अनुराग अग्रवाल भविष्यवाणी सही साबित हुई थी। तब उन्होंने कहा था कि देश में डेल्टा प्लस वेरिएंट तीसरी लहर की वजह नहीं बनेगा। ऐसे कोई सबूत नहीं हैं, जिनसे माना जाए कि डेल्टा प्लस से तीसरी लहर आ सकती है। बता दें कि, ओमिक्रॉन वेरिएंट का पहला केस 24 नवंबर 2021 को साउथ अफ्रीका में मिला था। अब तक 35 देशों में फैल चुका है। भारत में कर्नाटक में भी इसके दो केस मिले हैं। इन दोनों के संपर्क में आए लोगों को क्वारंटीन कर दिया गया है।
बताया जा रहा है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट डेल्टा प्लस के मुकाबले 5 गुना अधिक संक्रामक है। इस पर दक्षिण अफ्रीका की रिसर्च में बताया गया है कि इसके मरीज को बदन दर्द, तेज सिर दर्द और थकान की शिकायत होती है। इसके अलावा स्वाद, गंध चले जाना, नाक बंद होना और बुखार की शिकायत होती है। हालांकि RT-PCR टेस्ट में ओमिक्रॉन वेरिएंट पकड़ में आता है।
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